Thursday, September 30, 2021

BHAIRAV SHABAR MANTAR PRYOG 12 भैरव शाबर मन्त्र प्रयोग 12

BHAIRAV SHABAR MANTAR PRYOG 12 भैरव शाबर मन्त्र प्रयोग 12



भैरव शत्रु-संहारक शाबर मन्त्र

रात्रि को दस बजे के बाद कडुए तेल का दीपक जला कर बैठे । सामने भैरव की प्रतिमा या चित्र हो । मन्त्र पढ़कर एक नींबू खड़ा काटे । १०८ बार । ऐसा ही ग्यारह दिनों तक करे । १२वें दिन १२ ‘बटुक’ — छोटे-छोटे ब्राह्मण बालकों को भोजन कराए और उन्हें दक्षिणा दे । रात्रि को हवन करे । सम्भव हो, तो यह हवन श्मशान में सन्ध्या के बाद करे । १३वें दिन सुबह जल्दी श्मशान जाए और उक्त हवन की भस्मी, जो भी चिता वहाँ अधजली या जली हो, उसमें डाल दे । उस चिता पर कुंकुम, अक्षत, पुष्प एवं कुछ मीठा प्रसाद छोड़कर नमस्कार करके चला आए । 

मन्त्रः

“ॐ नमो, आदेश गुरू को । काला भेरू-कपिल जटा । भेरू खेले चौराह-चौहट्टा । मद्य-मांस को भोजन करे । जाग जाग से काला भेरू ! मात कालिका के पूत ! साथे जोगी जङ्गम और अवधूत । मेरा वैरी ………. (अमुक) तेरा भक । काट कलेजा, हिया चक्ख । भेजी का भजकड़ा कर । पाँसला का दाँतन कर । लोहू का तू कुल्ला कर । मेरे वैरी ………… (अमुक) को मार । मार-मार तू भसम कर डार । वाह वाह रे काला भेरू ! काम करो बेधड़क-भरपूर । जो तू मेरे वैरी दुश्मन (अमुक) को नहीं मारे, तो मात कालिका का पिया दूध हराम करे । गाँगली तेलन, लूनी चमारन का-कुण्ड में पड़े । वाचा, वाचा, ब्रह्मा की वाचा, विष्णु की वाचा, शिव-शङ्कर की वाचा, शब्द है साँचा, पिण्ड है काचा । गुरू की शक्ति, मेरी भक्ति । चलो मन्त्र ! इसी वक्त । ॐ हूं फट् ।”

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )