LAGANESH KA PHAL ANY BAHVO KE SWAMI KE SATH लग्नेश का अन्य भावों के स्वामी क्वे साथ संबंध
लग्नेश का अन्य भावेशों के साथ संबंध फल
१, यदि लग्नेश
का द्वितीय भाव के स्वामी के साथ किसी जातक की जन्मकुंडली में संबंध बनता है। तो जातक
स्वाभविक रूप से धनवान व बुद्धिमान होने के साथ-साथ कुटुम में प्रिय होता है। किंतु
यहां पर इस बात का भी विचार करना अति आवश्यक हो जाता है कि दित्तीयेश लग्नेश का मित्र हो यदि द्वितीय भाव का स्वामी लग्नेश का मित्र नहीं
हो तो जातक के लिए अनिष्ट फल प्रदाता हो जाता है।
२, यदि तीसरे
भाव के स्वामी का संबंध लग्नेश के साथ बनता है तो जातक परिश्रम करने वाला मेहनती व
अपने परिश्रम के बल पर धनार्जन करने वाला होता है। किंतु जातक शरीर से दुबला पतला होता
है। ऐसे जातक को जीवन में भाई का प्रेम बहुत अधिक प्राप्त होता है।
३, लग्नेश का
चतुर्थ भाव के स्वामी के साथ संबंध होने पर जातक भवन वाहन सुखों को भोगने वाला होता
है ऐसे जातक के जीवन में माता का प्रेम बहुत अधिक होता है। इस प्रकार ऐसे जातक के घर
परिवार में बहुत अधिक प्रेम व सौहार्द का वातावरण होता है।
४, लग्नेश का
पंचमेश के साथ संबंध बनने पर जातक विद्यावान बुद्धिमान व बड़ों का आदर सत्कार करने
वाला होता है। ऐसा जातक जीवन में विद्या के द्वारा धन मान सम्मान यश की प्राप्ति करता
है।
५, लग्नेश का
षष्टेश के साथ संबंध बनने पर जातक निरोगी व शत्रु को भयभीत करने वाला होने के साथ-साथ
धन का संग्रह करने वाला होता है।
६, लग्नेश का
सप्तमेश के साथ संबंध बनने पर जातक रोजमरे की आमदनी में लाभ प्राप्त करता है। साथ ही
जातक का दांपत्य जीवन सुखद होता है।
७, लग्नेश का
अष्टमेश के साथ संबंध बनने पर जातक जूवारी ठग नंबर दो का काम करने वाला व राज का अपराधी
होता है। ऐसे जातक जीवन में कुकृत्य करने वाला होता है।
८, लग्नेश का
नवम भाव के स्वामी के साथ संबंध बनने पर जातक राजकीय सेवा में लाभ प्राप्त करता है।
ऐसा जातक की वृत्ति धर्म-कर्म में , गुरुजनों के प्रति भक्ति होती है। जातक अपने पिता
के प्रति पूर्ण सेवा भाव की भावना रखता है।
९, लग्नेश का
दशमेश के साथ संबंध बनने पर जातक राजकीय सेवा में लाभ प्राप्त करता है। किंतु जातक
की वृत्ति बहुत अधिक लोभी हो जाती है। इस प्रकार
जातक ज्ञानवान गुणवान धनवान होने के साथ-साथ यशवान होता है।
१०, लग्नेश
का एकादश एस के साथ संबंध बनने पर जातक सर्व कार्य से लाभ प्राप्त करता है। अतः जातक
ज्ञानवान होने के साथ-साथ धन अर्जित करने वाला होता है।
११, लग्नेश
का द्वादशेश के साथ संबंध बनने पर जातक कर्पण धनहीन व व्यर्थ के कार्यों में धन खर्च
करने वाला होने के साथ-साथ धन हीन होता है।
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