Sunday, September 12, 2021

SPECIAL VISHISHT YOG विशिष्ट योग

SPECIAL VISHISHT YOG विशिष्ट योग


१,

किसी भी ग्रह से केन्द्र स्थान में विशेषकर दशमभावस्थ ग्रह का प्रभाव उस ग्रह पर पड़ता है जो उससे दशमस्त हो,। यदि दशमभावस्त  ग्रह पापी हो अथवा पाप ग्रह युक्त हो तो उस भाव का फल अशुभ होता है जो दशम से दशम है।


२, 

सूर्य और चंद्रमा का योग धन प्रदान करने वाला होता है। किंतु क्षीण नहीं होना चाहिए।


३,

जब कोई भाव अपने स्वामी के द्वारा दृष्ट हो तो उस भाव की वृद्धि होती है। चाहे वह ग्रह शुभ हो अथवा अशुभ। इसी प्रकार यदि स्वामी दृष्टि भाव पर किसी अन्य शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो उस भाव का शुभ फल और अधिक बढ़ जाता है।


४, 

किसी भाव का शुभ अशभ फल उस भाव में स्थित राशि के बलाबल पर निर्भर करता है।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )