BUSINESS VYAVSAY YOG व्यवसाय योग
१,यदि जन्म
कुंडली में तृतीयेश अष्टमेश बली होकर किसी भी भाव में विद्यमान हो तो जातक वैज्ञानिक
अनुसंधान कर्ता होता है।
२, धनेश का
संबंध पंचम भाव व शुक्र से हो तो जातक संगीतज्ञ होता है।
३, शनि व बुध
की युति यदि सप्तम भाव में हो तो जातक इंजीनियर होता है।
४,सप्तम भाव
में शनि शुक्र की युति जातक को सिविल इंजिनियर्स क्षेत्र में सफलता दिलाती है।
५, चन्द्र मंगल
शनि की युति चतुर्थ अथवा दशम भाव में हो तो जातक इन्जिनियरिंग होता है।
६, चतुर्थेश
पंचमेश की युति दशम भाव में होने पर जातक महान विद्वान होता है।
७,गुरु बुध
की युति केंद्र में होने पर जातक राज्य सरकार से पर्याप्त धन सम्मान प्राप्त करता है।
८, चतुर्थेश
चतुर्थ में व लग्नेश लग्न में होने पर जातक विद्या द्वारा यश प्राप्त करता है।
९, बुध चतुर्थ
भाव में स्थित होने पर जातक को भवन वाहन आदि का पर्याय सुख प्राप्त होता है।
१०,यदि जन्म
कुंडली में बुध द्वितीयेश होकर गुरु से युति बनाता है तो जातक प्रभावशाली व्याख्याता
होता है।
११, जन्म कुंडली
में लग्नेश के साथ राहु की युति जातक को डॉक्टर बनाता है।
१२, कुंडली
के तीसरे भाव में मंगल गुरु की युति जातक को शिक्षक बनाती है।
१३,जन्म कुंडली
में गुरु केंद्र अथवा त्रिकोण में बलवान हो तो जातक उच्च कोटि का शिक्षक होता है।
१४, पंचमेश
नवम भाव में स्थित हो तो जातक संगीतज्ञ होता है।
१५, पंचम भाव
में स्थित सूर्य मंगल जातक को डॉक्टर बनाता है।
१६, पंचमेश
दशम अथवा एकादश भाव में स्थित होने पर जातक भाषा वैज्ञानिक होता है।
१७, नवम पंचम
में चंद्र गुरु की युति जातक को महान कवि बनाता
है।
१८, गुरु दशम
भाव में स्थित होने पर जातक गणित विद्या का जानकार होता है।
१९, जन्म कुंडली
में मंगल राहु का योग जातक को मैकेनिकल इंजीनियर बनाता है।
२०, द्वितीय
भाव में स्थित शुक्र जातक को रत्न मर्मज्ञ जौहरी बनाता है।
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