KENDRA GRAHON KE PRABHAV केंद्रस्थ ग्रहों पर प्रभाव
१,
किसी भी ग्रह
से केंद्र स्थान में विशेषकर दशम भाव में स्थित ग्रह का प्रभाव उस ग्रह पर पड़ता है।
यदि ग्रह से दशमस्थ ग्रह पापी हो तो उस ग्रह पर पाप प्रभाव होता है और दशमस्थ ग्रह
शुभ हो तो उस ग्रह पर भी शुभता का प्रभाव होता है।
२,
सूर्य चंद्रमा
का केंद्र में स्थित होना धनदायक होता है किंतु चंद्रमा क्षीण नहीं होना चाहिए। सूर्य
चंद्रमा एक साथ केंद्र के किसी भाव में हो तो अल्प धन योग बनाता है। परंतु सूर्य चंद्रमा
का परस्पर केंद्र में होना और पूर्णिमा के आसपास का होना अति धन योग बनाता है।
३,
जन्म कुंडली
का जब कोई भाव अपने स्वामी के द्वारा दृष्ट हो तो उस भाव की वृद्धि हो जाती है। चाहे
वह ग्रह शुभ हो अथवा अशुभ हो। इसी प्रकार यदि किसी भाव को अपने भावपति की दृष्टि के
साथ-साथ कोई दूसरा शुभ ग्रह भी देखता हो तो
उसके फल में और अधिक शुभता हो जाती है।
४,
किसी भावेश
का अपने भाव के लिए अच्छा बुरा फल भावेश स्थित राशि के बलाबल पर निर्भर करता है।
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