Sunday, September 12, 2021

AAKASMIK DHAN PRAPTI YOG FORTUNE आकस्मिक धन प्राप्ति योग

AAKASMIK DHAN PRAPTI YOG FORTUNE आकस्मिक धन प्राप्ति योग


१, यदि जातक की जन्मकुंडली में चतुर्थेश शुभ ग्रहों से युक्त हो अथवा लाभेश व  धनेश चतुर्थ भाव में स्थित हो तो जातक के जीवन में आकस्मिक धन प्राप्ति का योग बनता है।

२, यदि जन्म कुंडली में लग्नेश शुभ होकर दूसरे भाव में स्थित हो तो जातक को जीवन में गड़ा हुआ धन प्राप्त होता है।

३,यदि जन्म कुंडली में धनेश अर्थात दूसरे भाव का स्वामी अष्टम भाव में स्थित हो तब भी जातक को गड़ा धन की प्राप्ति कहता है।

४,यदि जन्म कुंडली में लग्नेश द्वितीय भाव में दित्तीयेश लाभ भाव में और लाभेश लग्न में स्थित हो तो आकस्मिक धन प्राप्ति का महान योग बनता है।

५, जन्म कुंडली में चतुर्थेश व धनेश यदि योगकारक हो तो जातक को प्रचुर धन प्राप्ति कराते है।

६,जातक की जन्म कुंडली में यदि सप्तमेश व नवमेश का परस्पर संबंध शुक्र से बन रहा हो तो जातक को ससुराल पक्ष से पर्याप्त धन प्राप्ति होती है।

७, मीन लग्न की जन्म कुंडली में यदि बुध सप्तम अथवा चतुर्थ भाव में स्थित हो तो जातक को ससुराल पक्ष से धन प्राप्ति होती है।

८, यदि चतुर्थेश व धनेश का संबंध नवम भाव से बन रहा हो तो जातक को भूमि से धन प्राप्ति होती है।

९,यदि जन्म कुंडली में मंगल देव चतुर्थ भाव में स्थित हो और गुरु से दृष्ट हो तो जातक को अचल जायदाद की प्राप्ति होती है।

१०,चतुर्थेश का द्वितीय भाव अथवा एकादश भाव में स्थित होना जातक को अचल संपत्ति की प्राप्ति कराता है।

११, यदि लग्नेश व चतुर्थेश का चतुर्थ भाव में योग बन रहा हो तो जातक को अचल संपत्ति की प्राप्ति होती है।

१२, लग्नेश  जन्म कुंडली के चतुर्थ भाव में स्थित होकर शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो जातक को अचल धन संपत्ति की प्राप्ति कराने वाला होता है।

१३, यदि चतुर्थेश गुरु शुक्र से युत अथवा दृष्ट होकर केन्द्र, त्रिकोण में स्थित हो तो जातक अपने पराक्रम से प्रचुर धन संपत्ति की प्राप्ति करता है।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )