SHRI PARSHURAM PRYOG श्री परशुराम प्रयोग
भगवान् परशुराम की उपासना के फल-स्वरुप साधक अपनी विविध कामनाओं की पूर्ति करते है। यथा-सन्तान, विवाह, कृषि, वर्षा, ऐश्वर्य, वाक्-सिद्धि, स`र्व-शत्रुओं का नाश, रोगों का निवारण आदि।
‘परशुराम-तन्त्र’ में भगवान् श्रीपरशुराम की उपासना से लिए बारह नामों का एक सरल प्रयोग दिया गया है। शुद्ध होकर, एकाग्र-चित्त से निम्न-लिखित बारह नामों का नित्य नियमित रुप से पाठ करने से अकाल-मृत्यु, दरिद्रता और वंश-नाश का भय नहीं रहता तथा ऐश्वर्य भोग का अवसर मिलता है। नाम इस प्रकार हैं-
१ आद्यो रामो,
२ जामदग्न्य,
३ क्षत्रियाणां कुलान्तकः।
४ परश्वध-धरो
५ दाता
६ मातृहा
७ मातृ-जीवकः।
८ समुद्र-तीर-निलयो
९ महेश-पठिताखिलः।
१० गो-त्राण-कृद्
११ गो-प्रदाता
१२ विप्र-क्षत्रिय-कर्म-कृत्।।
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