SURYA KRIT YOG सूर्यकृत योग
१, केंद्र त्रिकोण
में सूर्य चंद्रमा का योग राज से सम्मान प्राप्त करवाता है।
२, केंद्र में
सूर्य बुध का योग जातक को महान व्यापारी बनाता है।
३, सूर्य बुध
का योग यदि 3,7, 11 भाव में हो तो जातक को अति कुशाग्र बुद्धिमान बनाता है।
४, सूर्य गुरु
का योग जातक को विद्वान यशस्वी व महान बनाता है।
५, सूर्य शुक्र
का योग जातक के जीवन में पिता से विरोध कराता है।
६, सूर्य शनि
का योग भी पिता से विरोध कराने वाला होता है।
७, दूसरे भाव
में स्थित सूर्य जातक को नेत्रपीडा प्रदान करता है।
८, सूर्य राहु
का योग जिस भाव में होता है उस भाव की हानि कराता है।
९, उच्च राशि
स्थित व मित्र राशि स्थित सूर्य जातक को कुशल प्रशासक व राजकीय सेवा में उच्च पद प्रदान
कराता है।
१०, सूर्य शनि
का योग जिस भाव में होता है उस भाव में पैतृक संबंधी मुकदमा धन हानि व पिता विरोधी
गतिविधियां कराता है
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