DEPRESSION TANAV KE JYOTISH UPAY मानसिक तनाव को दूर करने के ज्योतिषी उपाय
आज का मानव
जीवन काफी भागदौड़ से भरा हुआ है। जिसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर स्पष्ट रूप से दिखाई
पड़ता है। मनुष्य दिन रात भागदौड़ करता हुआ धन अर्जन करता है।इस भाग दौड़ में हमने
बहुत कुछ पाया है तो बहुत कुछ खोया भी है विशेषकर के मानसिक अशांति इस कारण से आज हमारा
जीवन मानसिक तनाव से ग्रस्त होता जा रहा है। जिससे हम हमारा ध्यान हमारे कार्य क्षेत्र
पर नहीं लगा पाते हैं और हमारा स्वभाव भी चिड़चिड़ा होता जा रहा है। और यह सब बातें
मानव स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं हो सकती है। क्योंकि स्वस्थ जीवन के लिए स्वस्थ मानसिकता
का होना अति आवश्यक है। अतः आज हम विशेष कर आज की भागदौड़ भरी जीवन में मानसिक तनाव
को दूर करने के ऐसे ज्योतिष से उपायों की चर्चा करने जा रहे हैं जिनको करके हम मानसिक
तनाव से बच सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्तमान व भविष्य में होने वाली प्रत्येक
घटना के पीछे खगोलीय ग्रहों की चाल होती है। जिस कारण से हमारी जन्मकुंडली में स्थित कुछ कमजोर ग्रह जब गोचर
करते हैं तो उनका बुरा प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता है। जिस कारण से हमारा मानसिक तनाव
व अन्यान्य बाधाओं का सामना हमें करना पड़ता है। तो आइए जानते हैं ग्रहों का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव व
उपाय।
सूर्य
-:
ज्योतिष शास्त्र
में सूर्य ग्रह का राजा होता है। सूर्य हमारे आत्मविश्वास व आत्मा का कारक भी होता
है। सूर्य हमें मान सम्मान कॉन्फिडेंस व पराक्रम देने वाला होता है। किंतु कई बार ऐसा
होता है कि हमारा ध्यान कार्य में नहीं लगता है।
मन में कॉन्फिडेंस की कमी आ जाती है दूसरे लोग हम पर हावी हो जाते हैं। हमारे
अधिकारी या स्टाफ के लोगों के बीच में हमारा अस्तित्व कम होने लगता है।हमारा मानसिक
तनाव बढ़ने लगता है। मन में झुंझलाहट व चिरचिरापन होने लगता है। इन सब का कारण हमारी
जन्म कुंडली में कहीं न कहीं सूर्य का कमजोर होना होता है। जब सूर्य गोचर में भ्रमण
करता हुआ लग्न भाव में सप्तम भाव में अथवा अपनी नीच राशि तुला में भ्रमण करता है उस
समय जातक को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
उपाय -:
अगर ऐसी स्थिति
का सामना हमें करना पड़ रहा हो तों प्रतिदिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए तांबे
के लोटे में जल लेकर जल में रोली व लाल पुष्प डाल कर भगवान सूर्य को जल अर्पण करें। नित्य 108 बार ॐ घृणि: सूर्याय नमः इस बीज मंत्र
का जाप करें। साथ ही 10 से 15 मिनट मेडिटेशन अवश्य करें। निश्चित रूप से मानसिक शांति
प्राप्त होने के साथ-साथ अनुकूलता की सिद्धि प्राप्त होगी।
शनि -:
जीवन में कई
बार ऐसा होता है कि आलस्य बढ़ने लगता है। जिस कारण से हम अपने कार्य को समय पर नहीं
निपटा पाते हैं। अचानक से हमारे बनती ही कार्य बिगड़ने लगते हैं। हमारे स्टाफ के लोगों
के बीच व परिवार के बीच आपसी मनमुटाव बढ़ने लगता है। जिससे हमारा मानसिक तनाव बढ़ता
है व मन में चिड़चिड़ापन उत्पन्न होने लगता है। इन सब के पीछे जन्म कुंडली में विद्यमान
शनी का प्रभाव हो सकता है। अतः हमें कुंडली में शनि का अवलोकन करना चाहिए। यदि यह सब
सनी के कारण घटित हो रहा हो तो शनि शांति के उपाय हमें करना चाहिए।
उपाय -:
इसके लिए हमें
नित्य ऊं शं शनिश्चराय नमः का108 बार जाप करना चाहिए। शनिवार के दिन शनी मंदिर में अथवा पीपल के पेड़
के नीचे तेल का दीपक जलाना चाहिए। और 15 मिनट मेडिटेशन करें। निश्चित रूप से बहुत अधिक
शांति प्राप्त होगी।
बुध -:
ज्योतिष शास्त्र
में बुध को कुमार की उपाधि प्रदान की गई है। बुध बुद्धि व वाणी का कारक होता है। अतः कई बार जब ऐसा होता है कि हमारी
वाणी का प्रभाव कम होने लगता है लोगों के सामने हम उपहास के पात्र बन जाते हैं। हमारे
इष्ट मित्र हमसे दूरियां बनाने लगते हैं। हमारे ही स्टाफ के लोगों की नजर में हम गिरने
लगते हैं। हमारी वाणी का प्रभाव लोगों पर कम होने लगता है। हम हमारी बात को सही तरह
से प्रेषित नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति में कहीं न कहीं हमारी जन्म कुंडली में बुध
देव की स्थिति का कमजोर होना होता है। अतः हमें जन्म कुंडली में बुध देव की स्थिति
का विश्लेषण करना चाहिए। यदि यह सब बुद्धदेव के कारण घटित हो रहा है तो बुध देव की
शांति के उपाय करने चाहिए।
उपाय -:
प्रत्येक बुधवार
के दिन गणेश जी को हरी दुर्वा चढ़ाकर लड्डू का भोग लगाएं। गाय को हरा चारा डाले व नित्य
ॐ बुं बुधाय नमः के मंत्र का जाप करें।
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