Saturday, November 2, 2024

योनि कवचम् Yoni Kavacham

 योनि कवचम् Yoni Kavacham


योनि कवचम्


यह कवच वीर साधना के अंतर्गत शय्या साधना


 व सौभाग्यार्चन के समय अवश्य पढ़ना चाहिये | 


विनियोगः 


अस्य श्री योनीकवचस्य गुप्त ऋषिः, 


कुलटा छन्दोराज, विघ्नोत्पादविनाशे पाठे विनियोगः | 


ह्रीं योनिर्मे सदापातु स्वाहा विघ्ननाशिनी | 


शत्रुनाशत्मिका योनि ! सदा मां रक्ष सागरे || 


ब्रह्मात्मिका महायोनिः सर्वान् कामान् प्ररक्षतु | 


राजद्वारे महाघोरे क्लीं योनि सर्वदाऽवतु || 


हूमात्मिका सदा देवी योनिरुपा जगन्मयी |


 सर्वाङ्गे रक्ष नित्यं सभायां राजवेश्मनि || 


वेदात्मिका सदा योनिर्वेदरुपा सरस्वती |


 कीर्ति श्री कान्तिमारोग्यं पुत्रपौत्रादिकं तथा || 


रक्ष रक्ष महाघोरे सर्वसिद्धि प्रदायिनी |


 रजोयोगात्मिका योनि सर्वत्र मां सदाऽवतू || 




|| फलश्रुति || 


इति ते कथितं देवि कवचं सर्वसिद्धिदम् |


 त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नित्यं रजोपद्रवनाशकृत् || 


सभायां वाक्पतिश्चैव राजवेश्मनि राजवत् | 


सर्वत्र जयामाप्नोति कवचस्य जपेंन हि || 


श्रीयोन्यासङ्गमे देवि पठेदेनमनन्य धीः | 


स एव सर्वसिद्धिशो नात्र कार्या विचारणा || 


मातृकाक्षर सम्पुटैः कृत्वा यदि पठेन्नरः | 


भुञ्जते विपुलान् भोगान् दुर्गया सह मोदते || 


अतिगुह्यतमं देवि सर्व धर्म उत्तमं | 


भूर्जे वा तालपत्रे वा लिखित्वा धारयेद् यदि || 


हरिचन्दन मिश्रेण रोचयेत् कुंकुमेन च |


 शिखायामथवा कण्ठे सोऽपीश्वरो न संशयः || 




|| इति शक्तिकागल सर्वस्वे हरगौरी संवादे योनि कवचम् || 

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )