भैरव के 64 नाम कौन-कौन से हैं? 64 name of bhairva
क्या आप जानते हैं कि भैरव के 64 नाम कौन-कौन से हैं?
भैरव – ये नाम सुनते ही हमारे मन में डर और शक्ति का मिश्रण उत्पन्न होता है। भैरव, जिन्हें काल भैरव भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भैरव के 64 नाम होते हैं? क्या आपको इनके पीछे छिपे रहस्यों के बारे में पता है? आइए, एक-एक करके इन नामों के पीछे की कहानी और उनका महत्व समझते हैं।
1. भैरव कौन हैं?
प्रश्न: भैरव कौन हैं और उनका क्या महत्व है?
उत्तर: भैरव, भगवान शिव का एक उग्र और शक्तिशाली रूप हैं। उन्हें विशेष रूप से काल भैरव के रूप में पूजा जाता है। भैरव का अर्थ है ‘भय का नाश करने वाला’, और यह नाम इस बात का प्रतीक है कि वे सभी बुराइयों और दुष्ट शक्तियों का विनाश करते हैं। भैरव को रक्षक और न्याय करने वाला भी माना जाता है, जो सच्चाई के पथ पर चलने वालों की रक्षा करते हैं।
2. भैरव के 64 नामों का रहस्य
प्रश्न: भैरव के 64 नामों का क्या महत्व है?
उत्तर: भैरव के 64 नाम, उनके 64 विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। हर नाम भैरव की एक विशेष शक्ति या गुण को दर्शाता है। ये नाम भक्तों के लिए मंत्र के रूप में कार्य करते हैं और उनका जाप करने से विभिन्न प्रकार की परेशानियों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। उदाहरण के लिए, “महाकाल” नाम काल के स्वामी होने का प्रतीक है, जबकि “रुद्र भैरव” उनका उग्र रूप दर्शाता है।
3. भैरव की पूजा का महत्व
प्रश्न: भैरव की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: भैरव की पूजा न केवल शत्रुओं से बचाव के लिए की जाती है, बल्कि यह भी माना जाता है कि भैरव की कृपा से जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है। खासकर काल भैरव की पूजा से जीवन में समय के साथ आने वाली समस्याओं का समाधान होता है। जो लोग भय, अनिश्चितता या कोई भी प्रकार की मानसिक परेशानी से गुजर रहे होते हैं, उनके लिए भैरव की पूजा अत्यंत लाभकारी होती है।
4. भैरव के कुछ प्रमुख नाम और उनका महत्व
प्रश्न: क्या आप कुछ प्रमुख नाम और उनके महत्व के बारे में बता सकते हैं?
उत्तर: जरूर! आइए कुछ प्रमुख नामों पर नज़र डालते हैं:
अनंत भैरव: जो अनंत काल तक शाश्वत हैं।
भूतनाथ: जो सभी प्राणियों के स्वामी हैं।
चंड भैरव: जो उग्र और विध्वंसकारी रूप धारण करते हैं।
त्रिपुर भैरव: जो तीनों लोकों के स्वामी हैं।
ये नाम उनके विभिन्न रूपों और उनके महत्व को दर्शाते हैं। हर नाम एक विशेष ऊर्जा और शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे जुड़ाव से भक्तों को विभिन्न प्रकार की शक्ति और सुरक्षा मिलती है।
5. भैरव की उपासना का तरीका
प्रश्न: भैरव की उपासना कैसे करनी चाहिए?
उत्तर: भैरव की उपासना के लिए सबसे पहले साफ मन और शुद्ध विचारों का होना जरूरी है। आमतौर पर काल भैरव की पूजा में काले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। साथ ही, उनके मंत्रों का जाप करना और उनकी मूर्ति के सामने दीपक जलाना अत्यंत फलदायक होता है। विशेष रूप से शनिवार के दिन भैरव की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
प्रश्न: क्या आप भैरव के 64 नामों की पूरी सूची दे सकते हैं?
उत्तर: हां, यहां भैरव के 64 नामों की सूची दी जा रही है:
भैरव के 64 नाम
असितांग विशालाक्ष मार्तंड मोदकप्रिय
स्वछन्द विघ्नसंतोषुष्ट खेचर सचराचर
रुद्र, कोडदंस्त्र जटाधर विश्वरूप विरुपाक्ष
नानरूपधर पर वज्रहस्त महाकाय
चंद प्रलयान्तक लैंडकंप नीलकंठ
विष्णु कुलपालक मुंडपाल कामपाल
पिंगलेक्शन अभ्ररूप धरपाल कुटिल
मंत्रनायक रुद्र पितामह उन्मत्त
बटुनायक शंकर भूतवेताल त्रिनेत्र
त्रिपुरान्तक त्रिपुरान्तक वरद पर्वतवास
कपाल शशिभूषण हस्तीचर्माम्बरधर योगी
ब्रह्मराक्षस सर्वज्ञ सर्वदेवेश सर्वभूतहृदिष्टिता
भीषण भयहर सर्वज्ञ कालाग्नि
महारौद्र दक्षिण मेरे आख़िर
संहार अतिरिक्त कालाग्नि प्रियंकर
घोरनाद विशालाक्ष दक्ष संस्थित योगी
भैरव के 64 नाम
ब्रह्मवैवर्तपुराण से अष्टभैरव
महाभैरव
संहार भैरव
असितांग भैरव
रुद्र भैरव
कालभैरव
क्रोधित
ताम्रचूड़ भैरव
चन्द्रचूड़ भैरव
तंत्रभैरव के अष्टभैरव
असितांग भैरव
चांदभैरव
रुरू भैरव
क्रोधित
उन्मत्त भैरव
कपाल भैरव
भयंकर भैरव
संहार भैरव
प्रपंचसारतंत्र में शंकराचार्य द्वारा अष्टभैरव
भूतनाथ भैरव
चंदकपाल भैरव
रुरू भैरव
क्रोधित
उन्मत्त भैरव
कालराज भैरव
भयंकर भैरव
संहार भैरव
3 बटुकभैरव के नाम
स्कन्द-बटुक
चित्र-बटुक
विंचि-बटुक
10 वीर भैरव के नाम
सृष्टिवीर भैरव
स्थितिवीर भैरव
संहारवीर भैरव
रक्तवीर भैरव
यमवीर भैरव
मृत्युवीर भैरव
भद्रवीर भैरव
परमार्कवीर भैरव
मार्तण्डवीर भैरव
कालाग्निरुद्रवीर भैरव
सप्तविशन्ति रहस्यम में भैरव नाम
श्रीमंथन भैरव
भैरो
षट्चक्र भैरव
एकात्म भैरव
हविर्भक्ष्य भैरव
चंद भैरव
भ्रमर भास्कर भैरव
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