Saturday, November 2, 2024

लिंगाष्टकं shiv lingashtkam

लिंगाष्टकं | shiv lingashtkam |

लिंगाष्टकं 

ब्रह्मा(ब्रह्म)मुरारिसुरार्चितलिंगं निर्मलभासित शोभित लिंगं | 

जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || १ || 


देवमुनि प्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गं | 

रावणदर्पविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || २ || 


सर्वसुगन्धिसुलेपितलिंगं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गं | 

सिद्धसुरासुरवन्दितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ३ || 


कनकमहामणिभूषितलिंगं फणिपतिवेष्टित शोभितलिङ्गं | 

दक्षसुयज्ञविनाशाकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ४ || 


कुंकुमचंदनलेपितलिंगं पंकजहारसुशोभित लिंगं | 

संचितपापविनाशन लिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ५ || 


देवगणार्चितसेवितलिंगं भावैर्भक्तिभिरेव च लिंगं | 

दिनकरकोटिप्रभाकरलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ६ || 


अष्टदलोपरिवेष्टितलिंगं सर्वसमुद्भवकारणलिंगं | 

अष्टदरिद्रविनाशितलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ७ || 


सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चित लिंगं | 

परात्परंपरमात्मकलिंगं तत्प्रणमामि सदाशिव लिङ्गं || ८ || 


लिंगाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ | 

शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते || ९ || 


|| इति श्री लिंगाष्टकस्तोत्रं सम्पूर्णं || 

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )