Monday, November 4, 2024

64 योगिनी नाम मंत्र: योगिनी नाम लिस्ट 64 Yogini mantra and name list

64 योगिनी नाम मंत्र:  योगिनी नाम लिस्ट 64 Yogini mantra and name list


मुख्यतः आठ योगिनियाँ हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं:–


1.सुर-सुंदरी योगिनी,

2.मनोहरा योगिनी,

3. कनकवती योगिनी,

4.कामेश्वरी योगिनी,

5. रति सुंदरी योगिनी,

6. पद्मिनी योगिनी,

7. नतिनी योगिनी और

8. मधुमती योगिनी।

 


64 योगिनी नाम मंत्र:

64 योगिनियों के मंत्रों में से एक प्रमुख मंत्र है, जो चामुण्डा देवी को समर्पित है:

“ॐ ह्रीं ह्रूं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रां चामुण्डायै विच्चे॥“


इस मंत्र का उच्चारण करने से भक्त को देवी चामुण्डा की कृपा प्राप्त होती है और उनकी सन्तान को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

64 योगिनियों के मंत्र के लिये मंत्र सिद्ध माला यंत्र लेकर कोई भी मंत्र साधना अपने गुरु के मार्गदर्शन में करें मंत्र इस प्रकार हैं।


1- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा।

2- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा।

3- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा।

4- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुरुकुल्ला रसनाथा स्वाहा।

5- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विरोधिनी विलासिनी स्वाहा।

6- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विप्रचित्ता रक्तप्रिया स्वाहा।

7- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्र रक्त भोग रूपा स्वाहा।

8- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री उग्रप्रभा शुक्रनाथा स्वाहा।

9- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दीपा मुक्तिः रक्ता देहा स्वाहा।

10- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीला भुक्ति रक्त स्पर्शा स्वाहा।

11- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री घना महा जगदम्बा स्वाहा।

12- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बलाका काम सेविता स्वाहा।

13- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातृ देवी आत्मविद्या स्वाहा।

14- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मुद्रा पूर्णा रजतकृपा स्वाहा।

15- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मिता तंत्र कौला दीक्षा स्वाहा।

16- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महाकाली सिद्धेश्वरी स्वाहा।

17- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कामेश्वरी सर्वशक्ति स्वाहा।

18- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भगमालिनी तारिणी स्वाहा।

19- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्यकलींना तंत्रार्पिता स्वाहा।

20- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरुण्ड तत्त्व उत्तमा स्वाहा।

21- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वह्निवासिनी शासिनि स्वाहा।

22- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री महवज्रेश्वरी रक्त देवी स्वाहा।

23- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शिवदूती आदि शक्ति स्वाहा।

24- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्वरिता ऊर्ध्वरेतादा स्वाहा।

25- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुलसुंदरी कामिनी स्वाहा।

26- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नीलपताका सिद्धिदा स्वाहा।

27- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नित्य जनन स्वरूपिणी स्वाहा।

28- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री विजया देवी वसुदा स्वाहा।

29- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सर्वमङ्गला तन्त्रदा स्वाहा।

30- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ज्वालामालिनी नागिनी स्वाहा।

31- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चित्रा देवी रक्तपुजा स्वाहा।

32- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ललिता कन्या शुक्रदा स्वाहा।

33- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री डाकिनी मदसालिनी स्वाहा।

34- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री राकिनी पापराशिनी स्वाहा।

35- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लाकिनी सर्वतन्त्रेसी स्वाहा।

36- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काकिनी नागनार्तिकी स्वाहा।

37- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री शाकिनी मित्ररूपिणी स्वाहा।

38- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री हाकिनी मनोहारिणी स्वाहा।

39- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री तारा योग रक्ता पूर्णा स्वाहा।

40- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री षोडशी लतिका देवी स्वाहा।

41- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भुवनेश्वरी मंत्रिणी स्वाहा।

42- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री छिन्नमस्ता योनिवेगा स्वाहा।

43- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री भैरवी सत्य सुकरिणी स्वाहा।

44- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री धूमावती कुण्डलिनी स्वाहा।

45- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री बगलामुखी गुरु मूर्ति स्वाहा।

46- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मातंगी कांटा युवती स्वाहा।

47- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कमला शुक्ल संस्थिता स्वाहा।

48- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री प्रकृति ब्रह्मेन्द्री देवी स्वाहा।

49- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गायत्री नित्यचित्रिणी स्वाहा।

50- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री मोहिनी माता योगिनी स्वाहा।

51- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री सरस्वती स्वर्गदेवी स्वाहा।

52- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अन्नपूर्णी शिवसंगी स्वाहा।

53- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री नारसिंही वामदेवी स्वाहा।

54- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री गंगा योनि स्वरूपिणी स्वाहा।

55- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री अपराजिता समाप्तिदा स्वाहा।

56- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री चामुंडा परि अंगनाथा स्वाहा।

57- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वाराही सत्येकाकिनी स्वाहा।

58- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कौमारी क्रिया शक्तिनि स्वाहा।

59- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री इन्द्राणी मुक्ति नियन्त्रिणी स्वाहा।

60- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ब्रह्माणी आनन्दा मूर्ती स्वाहा।

61- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री वैष्णवी सत्य रूपिणी स्वाहा।

62- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री माहेश्वरी पराशक्ति स्वाहा।

63- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री लक्ष्मी मनोरमायोनि स्वाहा।

64- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री दुर्गा सच्चिदानंद स्वाहा।


1.बहुरूप,

2.तारा,

3.नर्मदा,

4.यमुना,

5.शांति,

6.वारुणी

7.क्षेमंकरी,

8.ऐन्द्री,

9.वाराही,

10.रणवीरा,

11.वानर-मुखी,

12.वैष्णवी,

13.कालरात्रि,

14.वैद्यरूपा,

15.चर्चिका,

16.बेतली,

17.छिन्नमस्तिका,

18.वृषवाहन,

19.ज्वाला कामिनी,

20.घटवार,

21.कराकाली,

22.सरस्वती,

23.बिरूपा,

24.कौवेरी,

25.भलुका,

26.नारसिंही,

27.बिरजा,

28.विकतांना,

29.महालक्ष्मी,

30.कौमारी,

31.महामाया,

32.रति,

33.करकरी,

34.सर्पश्या,

35.यक्षिणी,

36.विनायकी,

37.विंध्यवासिनी,

38. वीर कुमारी,

39. माहेश्वरी,

40.अम्बिका,

41.कामिनी,

42.घटाबरी,

43.स्तुती,

44.काली,

45.उमा,

46.नारायणी,

47.समुद्र,

48.ब्रह्मिनी,

49.ज्वाला मुखी,

50.आग्नेयी,

51.अदिति,

51.चन्द्रकान्ति,

53.वायुवेगा,

54.चामुण्डा,

55.मूरति,

56.गंगा,

57.धूमावती,

58.गांधार,

59.सर्व मंगला,

60.अजिता,

61.सूर्यपुत्री

62.वायु वीणा,

63.अघोर और

64. भद्रकाली।


1. 64 योगिनियां कौन हैं?


64 योगिनियां देवी दुर्गा की शक्तिशाली सहायिकाएं हैं, जो विभिन्न पहलुओं और शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनकी उत्पत्ति देवी काली से मानी जाती है और इनकी साधना अनेक प्रकार की सिद्धियों और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए की जाती है।


2. 64 योगिनी मंत्र क्या होते हैं?


64 योगिनी मंत्र इन देवीय शक्तियों को प्रसन्न करने के विशेष ध्वनि कम्पन हैं। इन मंत्रों का जाप करने से साधक को इन शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसकी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


3. 64 योगिनी मंत्रों के क्या लाभ हैं?


इन मंत्रों के अनेक लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:


भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि: 64 योगिनी मंत्र धन, वैभव, सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होते हैं।

मनोकामना पूर्ति: इन मंत्रों से मनोवांछित इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है, चाहे वे भौतिक हों या आध्यात्मिक।

शत्रुओं पर विजय: 64 योगिनी मंत्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और बाधाओं को दूर करने में सहायक होते हैं।

रोगों से मुक्ति: इन मंत्रों से रोगों का नाश होता है और स्वास्थ्य लाभ होता है।

अभिभूत शक्तियां: 64 योगिनी मंत्र जादू-टोना, भय और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति दिलाते हैं।

मोक्ष प्राप्ति: इन मंत्रों की साधना से मोक्ष की प्राप्ति भी संभव है।

4. 64 योगिनी मंत्रों का जाप कैसे करें?


64 योगिनी मंत्रों का जाप करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जैसे:


शुद्ध स्थान: मंत्रों का जाप स्वच्छ और शांत स्थान पर बैठकर करना चाहिए।

स्नान: जाप से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए।

दीप प्रज्वलित करना: देवी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप प्रज्वलित करना चाहिए।

ध्यान: मंत्र जाप करते समय मन को एकाग्र रखना और देवी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

मंत्र का उच्चारण: मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध रूप से करना चाहिए।

माला का प्रयोग: मंत्र जाप के लिए माला का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।

नियमित अभ्यास: प्रतिदिन नियमित रूप से मंत्र जाप करना चाहिए।

5. 64 योगिनी मंत्रों के कुछ उदाहरण क्या हैं?


कुछ प्रसिद्ध 64 योगिनी मंत्रों में शामिल हैं:


ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री काली नित्य सिद्धमाता स्वाहा

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कपलिनी नागलक्ष्मी स्वाहा

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री कुला देवी स्वर्णदेहा स्वाहा

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री ऋद्धि सिद्धि स्वाहा

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं श्री त्रिपुरा भैरवी स्वाहा

6. क्या कोई भी 64 योगिनी मंत्र का जाप कर सकता है?


64 योगिनी मंत्र शक्तिशाली मंत्र हैं और इनका जाप करने से पहले किसी गुरु या अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन लेना उचित होता है।


7. 64 योगिनी मंत्रों का जाप करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?


64 योगिनी मंत्रों का जाप किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन सूर्योदय, सूर्यास्त और मध्यरात्रि का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है।


8. 64 योगिनी मंत्र जाप करते समय क्या नहीं करना चाहिए?


कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जो 64 योगिनी मंत्र जाप के प्रभाव को कम कर सकती हैं:


अहंकार: जाप के दौरान अहंकार का त्याग जरूरी है। विनम्र भाव से ही देवी प्रसन्न होती हैं।

लालच: सिर्फ स्वार्थपूर्ति के लिए या किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए मंत्र जाप नहीं करना चाहिए।

अशुद्ध उच्चारण: गलत तरीके से मंत्र बोलने से लाभ कम मिलता है।

अनियमित अभ्यास: कभी-कभार जाप करने से कम फायदा होता है। नियमित अभ्यास जरूरी है।

अविश्वास: मंत्र की शक्ति पर विश्वास होना चाहिए। तभी सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

9. क्या 64 योगिनी साधना खतरनाक है?


हर साधना की तरह 64 योगिनी साधना में भी सावधानी जरूरी है। बिना गुरु के मार्गदर्शन के जटिल साधनाएं न करें। अनुभवी गुरु सही मंत्र का चयन और उचित साधना विधि बता सकते हैं।


10. क्या मैं किसी खास योगिनी देवी का ही मंत्र जप कर सकता/सकती हूँ?


जी हाँ। आप अपनी इच्छानुसार किसी खास योगिनी देवी का मंत्र चुनकर जप कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, धन-समृद्धि के लिए आप ‘कुल देवी स्वर्णदेहा’ मंत्र का जाप कर सकते हैं।


11. 64 योगिनी मंत्र जपने से क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं?


अनुचित तरीके से या गलत उद्देश्य से साधना करने पर परेशानी आ सकती है। इसलिए गुरु की सलाह जरूरी है। वहीं, मंत्र जप के दौरान मन को भटकने न दें और सकारात्मक भाव रखें।


12. क्या 64 योगिनी मंत्र जपने के लिए कोई विशेष पूजा सामग्री चाहिए?


आप सरल पूजा सामग्री से ही शुरुआत कर सकते हैं। जैसे, चौकी, आसन, देवी की तस्वीर, दीप, अगरबत्ती, फल और फूल। बाद में आप अपनी श्रद्धा अनुसार सामग्री बढ़ा सकते हैं।


13. क्या जप के लिए जप माला का होना जरूरी है?


जप माला का उपयोग मंत्रों की गिनती रखने में सहायक होता है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। आप गिनती अपने मन में भी रख सकते हैं।


14. क्या 64 योगिनी मंत्र का जाप करते समय कोई विशेष मंत्र का उच्चारण करना चाहिए?


कुछ साधनाओं में गणेश मंत्र और गुरु मंत्र का जाप मुख्य मंत्र से पहले किया जाता है। गुरु से सलाह लें कि आपकी साधना में कौन से मंत्रों का उच्चारण करना उचित रहेगा।


15. क्या जप करते समय कोई विशेष आसन जरूरी है?


64 योगिनी मंत्र जाप के लिए आप सुखासन या पद्मासन जैसा कोई भी आरामदायक आसन लगा सकते हैं। रीढ़ की हड्डी सीधी रखें और आंखें बंद कर लें।


16. 64 योगिनी मंत्र जपने का कोई वैज्ञानिक आधार है?


मंत्र जप के वैज्ञानिक लाभों पर शोध अभी भी जारी है। माना जाता है कि मंत्र जप से विशेष ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं जो शरीर और मन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं।


17. क्या मैं 64 योगिनी मंत्रों को सुनकर भी लाभ प्राप्त कर सकता/सकती हूँ?


जी हां। आप मंत्रों को श्रद्धापूर्वक सुनकर भी उनसे ऊर्जा ग्रहण कर सकते हैं। हालांकि, स्वयं जाप करने का लाभ अधिक होता है।


18. 64 योगिनी साधना में दीक्षा लेना कितना जरूरी है?


गुरु आपको सही मंत्र का चयन करने, उच्चारण में शुद्धता लाने और साधना की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद कर सकता है। जटिल साधनाओं में दीक्षा जरूरी मानी जाती है। वहीं, सरल मंत्रों का जाप आप गुरु के मार्गदर्शन में सीखकर स्वयं भी कर सकते हैं।


19. क्या मैं किसी भी मंदिर में जाकर 64 योगिनी साधना कर सकता/सकती हूँ?


सभी मंदिरों में 64 योगिनी देवियों की प्रतिमा या पूजा स्थल नहीं होते। आप किसी ऐसे मंदिर या स्थान की तलाश कर सकते हैं जो विशेष रूप से 64 योगिनियों को समर्पित हो।


20. 64 योगिनी मंत्र जपने के फल तुरंत मिलते हैं क्या?


फल की प्राप्ति व्यक्ति के संकल्प, श्रद्धा और साधना की शुद्धता पर निर्भर करती है। कभी-कभार जप करने से कम फायदा होता है। धैर्य और नियमित अभ्यास जरूरी है।


योगिनियों की विशेषताएं:

प्रत्येक योगिनी एक विशेष शक्ति या तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। ये योगिनियां तंत्र साधना में साधकों को अनेक प्रकार की सिद्धियां प्रदान करती हैं। इनकी पूजा से साधक को आत्मज्ञान और असीम शक्तियों की प्राप्ति होती है।


64 योगिनियों के नाम और उनके कार्य:

1. कामाख्या – प्रेम की देवी

2. कामेश्वरी – कामना को पूर्ण करने वाली

3. वज्रेश्वरी – शक्ति की प्रतीक

4. भगमालिनी – आकर्षण की देवी

5. भैरवी – आतंक का नाश करने वाली

6. छिन्नमस्तिका – आत्मबल की देवी

7. धूमावती – रहस्यों की देवी

8. बगलामुखी – शत्रुओं का नाश करने वाली

9. मातंगी – विद्या की देवी

10. कमला – समृद्धि की देवी

11. महालक्ष्मी – धन की देवी

12. कौमार्य – कौमार्य की रक्षक

13. वैष्णवी – विष्णु की शक्ति

14. वाराही – युद्ध की देवी

15. नारसिंही – नृसिंह की शक्ति

16. महेश्वरी – शिव की शक्ति

17. आनंदेश्वरी – आनंद प्रदान करने वाली

18. कालिका – समय की देवी

19. तारा – रक्षा करने वाली

20. त्रिपुर सुंदरी – सौंदर्य की देवी

21. सर्वमंगला – मंगल की देवी

22. ज्वालामुखी – अग्नि की देवी

23. नृसिंहप्रिया – नृसिंह की प्रिय

24. शाकिनी – शक्ति की देवी

25. डाकिनी – रहस्यमयी शक्ति

26. कौशिकी – रक्षा करने वाली

27. इन्द्राणी – इंद्र की शक्ति

28. वारुणी – जल की देवी

29. नागिनी – सर्प की देवी

30. अश्वारूढ़ा – अश्व की देवी

31. यामिनी – रात्रि की देवी

32. वज्रिनी – कठोर शक्ति

33. सूर्यप्रिया – सूर्य की प्रिय

34. शूलिनी – शूलधारिणी

35. चंद्रिका – चंद्रमा की देवी

36. पार्वती – पर्वतों की देवी

37. अम्बिका – मातृत्व की देवी

38. रत्नेश्वरी – रत्नों की देवी

39. कालरात्रि – रात्रि की शक्ति

40. गायत्री – मंत्रों की देवी

41. काली – काल की शक्ति

42. भद्रकाली – भद्र रूप की देवी

43. भुवनेश्वरी – भू की देवी

44. सोमेश्वरी – सोम की देवी

45. सर्वेश्वरी – सभी की देवी

46. सिद्धिदात्री – सिद्धि प्रदान करने वाली

47. अन्नपूर्णा – अन्न की देवी

48. विश्वेश्वरी – विश्व की देवी

49. तारिणी – उद्धार करने वाली

50. चामुंडा – चंड और मुंड का नाश करने वाली

51. हरसिद्धि – सभी सिद्धियों की देवी

52. अग्निशिखा – अग्नि का प्रतीक

53. गौरी – उज्ज्वलता की देवी

54. सती – पवित्रता की देवी

55. प्रतिभा – प्रकाश की देवी

56. स्वाहा – अग्नि की पत्नी

57. कुब्जिका – रहस्य की देवी

58. शिवदूती – शिव की दूत

59. महाकाली – महान शक्ति की देवी

60. योगिनी – योग की देवी

61. ध्यानेश्वरी – ध्यान की देवी

62. आर्या – श्रेष्ठता की देवी

63. अन्याप्रिया – सभी की प्रिय

64. परमेश्वरी – परम शक्ति की देवी


ये योगिनियां विभिन्न कार्यों और शक्तियों की प्रतीक हैं, जो जीवन के विविध पहलुओं में साधकों की सहायता करती हैं। इनकी पूजा तांत्रिक साधनाओं में महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )