BHAIRAV SHABAR MANTAR
आद भैरों, जुगाद भैरों, भैरों है सब थाई ।
भैरों ब्रह्मा, भैरों विष्णु, भैरों ही भोला साईं।
भैरों देवी, भैरों सब देवता, भैरों सिद्ध, भैरों नाथ,
भैरों गुरु, भैरों पीर, भैरों ज्ञान, भैरों ध्यान,
भैरों योग वैराग, भैरों विन होय ना रक्षा ।
भैरों विन बजे ना नाद।
काल भैरों, विकराल भैरों। घोर भैरों, अघोर भैरों।
भैरों की कोई ना जाने सार। भैरों की महिमा अपरंपार।
श्वेत वस्त्र, श्वेत जटाधारी। हाथ में मुदगर, श्वान की सवारी। सार की जंजीर लोहे का कड़ा ।
जहां सिमरूं, भैरों बाबा हाजिर खड़ा ।
चले मंत्र, फुरे वाचा। देखां आद भैरों! तेरे ईल्म चोट का तमाशा ।।
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