नाथपंथी गणेश साधना
महाशिवरात्रि, भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी या अन्य शुभ मुहूर्त पर साधना प्रारम्भ करें । साधना ब्रह्म मुहूर्त में करें । स्नानादि के बाद साधना कक्ष तक खड़ाऊं पहनकर जाएं । चंदन या भस्म लगाकर बैठें । साधना कक्ष में साधक के अतिरिक्त अन्य कोई व्यक्ति नहीं होना चाहिए । साधक स्वयं भी साधना समय छोड़कर अन्य समय वहां न जाएं ।
मंत्र 1 – " चिएट-चिएट प्रवृते गुरु राम चतुष्टे ह्रीं क्लीं कुर्मस्ते ।"
श्री गणेश पूजन के बाद उक्त मंत्र 51 बार सोऽहम के साथ एकता करके जपें, फिर 108 बार निम्न मंत्र का जप करें –
मंत्र 2 – " गणेश गणमं तद कार्य सुफलम ।"
यह साधना 21 दिन तक करें । प्रेतात्मा से पीडित व्यक्ति के सिर पर हाथ रखकर 11 बार मानसिक रूप से उपरोक्त मंत्र 1. उच्चारण करने से पीड़ित व्यक्ति बोलने लगेगा एवं 13 बार मंत्र 2 से भस्म अभिमंत्रित कर देने से अभिचार दूर होता है ।
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