Friday, November 22, 2024

सर्वापत्ति-निवारक हनुमान-स्तुति

 सर्वापत्ति-निवारक हनुमान-स्तुति


ॐ सीता-राम जानत हों, सीता-राम मानत हों।

सीता-राम पूजत, जपत सीता-राम हों।

सीता-राम सों बसै प्राण, ध्यान धरत सीता-राम अभिराम हों।

सीता-राम तेरे मन की कल्प-तरु,

सीता-राम सों सनेह, सीता-राम को गुलाम हों।

शिखा वज्र, नयन वज्र, तेरो मुख-दन्त वज्र, छाती-भुज पिंग-वज्र।

लाल-लाल दन्त हैं, काया लाल, ग्रीवा लाल,

वसन लंगुर लाल, असन-अधर लाल, लालैं हनुमन्त हैं।

मुकुट लाल, गोफा लाल, चूड़ा-बिजायट लाल,

सेल्ही मञ्जीर लाल, लाल कण्ठ-माल हैं।

कुण्डल-सिर-पेच लाल, कलगी सिर मुकुट लाल,

तोड़ा कमर-बन्दै विशाल हैं।

कण्ठ लाल, तिलक लाल, जंघिया-जनेऊ लाल,

टोपी सिर-पाग लाल, लालै दुसाल हैं।

जामा कर-पहुँची लाल, जिरहें जञ्जीर लाल,

बखर उपन्ना लाल, मुदरिया माल हैं।

शिखा पीर, नयन पीर, तारो मुख-दन्त पीर,

छाती भुज शीश पीर, वज्र पीर भई है।

देव पीर, देवी पीर, दानव-दैत्य पीर,

भूत पीर, जिन्द पीर, राज-रोग गई है।

जादू ज्वर-व्याधि पीर, व्याल-विष महा-वीर वेगि हरौ सकल पीर।

हनुमान की दोहाई।


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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )