शाबर मंत्र साधना में गुरु की आवश्यकता
õ गुरु बनाने या उनका हाथ आपके सर पर होने से तथा उनका आशीर्वाद आपके पास होने से मन में आत्मविश्वास का विकास होता हैं और यही विश्वास साधना में सफलता की ओर अग्रसर करता रहता हैं |
õ शाबर मंत्र साधना के लिए गुरु धारण करना श्रेष्ट व हितकर होता है |
õ गुरु, साधना से उठने वाली उर्जा को नियंत्रित और संतुलित करता है जिससे साधना में जल्दी सफलता मिल जाती है |
õ वैसे ये साधनाएँ बिना गुरु के भी की जा सकती हैं |
õ इसके अलावा हनुमान चालीसा का नित्य पाठ भी लाभदायक होता है |
यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी भी एक मन्त्र का १,२५,००० (एक लाख पच्चीस हजार) जाप 9, 11, 21 दिनों में पूरा कर लें फिर अन्य साधनाऐ प्रारंभ करें :-
१. शिव मन्त्र
|| ॐ नमः शिवाय ||
२. महाकाली बीज मन्त्र
|| ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ॐ ||
३ . शिव शक्ति मन्त्र
|| ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
४ . शिव गुरु मन्त्र
|| ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
५ . गुरु गोरखनाथ मन्त्र
|| ॐ शिव गुरु गोरखनाथाये नमः ||
या फिर कोई भी शुभ अवसर, मौके, महूर्त, गुरु-पुष्य, रवि-पुष्य, अमृत-सिद्धि-योग, सर्वार्थ-सिद्धि-योग पर अपने ईष्ट देव का कोई भी बीज मन्त्र आप भोजपत्र पर केशर से लिखे या फिर कोई भी सफ़ेद कागज पर केशर से मन्त्र लिखे अगर ये सम्भव नही है तो फिर कोई भी लाल रंग का पेन सा स्केच पेन से सफ़ेद कागज़ पर ईष्ट देव का बीज मन्त्र साफ़ साफ़ लिखे और फिर आप वो भोजपत्र या कागज जो भी अपने लिखा हैं को, अपने ईष्ट देव के चरणों में रख दे फिर उनकी पूजा अर्चना करने के बाद उस कागज या भोजपत्र को उनके चरणों से उठा ले, गुरु मन्त्र जान कर मन्त्र पर, गुरु पर, ईष्ट पर और स्वयं पर विश्वास करके मन में यह धारणा बना लो कि आप ने गुरु बना लिया और अब आप निगुरे नहीं हो , अब आप ने जो गुरु मन्त्र अपने ईष्ट देव के द्वारा लिया हैं उसका श्रद्धा के साथ वहीं पर बैठे बैठे कम से कम 11 बार तो जप कर लेना चाहिए जिससे की ऐसे अवसर या माहौल बने की आप गुरु के सामने बैठ कर अपने उच्चारण को सिख रहे हैं | अब आप गुरु मन्त्र ले चुके हैं |
प्र. ६ क्या साधनाओं से जीवन की समस्याओं का समाधान हो सकता है ?
उ . बिलकुल हाँ, साधनाओं से जीवन की विविध समस्याओं का समाधान का मार्ग मिलता है |
प्र. ७ क्या आज भी देवी देवताओं का प्रत्यक्ष दर्शन हो सकता है ?
उ . हाँ आज भी देवी देवताओं का प्रत्यक्ष दर्शन संभव है. इसके लिए तीन बातें अनिवार्य हैं -
एक सक्षम गुरु का शिष्यत्व |
इष्ट और मंत्र में पूर्ण विश्वास |
शुद्ध ह्रदय से लगन और समर्पण के साथ साधना |
प्र. ८ कुछ साधनाओं में ब्रह्मचर्य को अनिवार्य क्यों माना जाता है ?
उ . ब्रह्मचर्य से शरीर का आतंरिक बल बढ़ता है, उग्र साधनाएँ जैसे बजरंग बली या भैरव साधना की साधना में यह आतंरिक बल ही साधक को जल्द सफलता दिलाता है |
प्र. ९ क्या साधनाओं के द्वारा विवाह बाधा का निवारण संभव है ?
उ . बिलकुल हाँ, शाबर मन्त्रो की साधनाओं से विवाह बाधा दूर हो सकती है | इनका फल तब ज्यादा होता है जब वही व्यक्ति साधना करे जिसके विवाह में बाधा आ रही है |
प्र. १० क्या साधनाओं से धन की प्राप्ति संभव है ?
उ . साधना के द्वारा आसमान से धन गिरने जैसा चमत्कार नहीं होता है . लक्ष्मी, कुबेर जैसी साधनाएँ करने से धनागमन के मार्ग अवश्य खुलने लगते हैं. इसमें साधक को प्रयत्न तो स्वयं करना होता है , लेकिन सफलता दैवीय कृपा से जल्द मिलने लगती है |
प्र. ११ क्या यन्त्र चमत्कारी होते हैं ?
उ . हाँ, यन्त्र मात्र एक धातु का टुकड़ा होता है, या फिर कागज, भोजपत्र, कफ़न, व अन्य पेड़ पोधों की पत्तियों पर बनाया जाता हैं | जिसपर सम्बंधित देवी या देवता का यन्त्र अंकित होता है| यह चमत्कारी नहीं होता यदि ऐसा होता तो श्री यंत्र रखने वाला हर व्यक्ति धनवान होना चाहिये | लेकिन ऐसा नही होता, यंत्र की भी प्राण प्रतिष्ठा करनी पडती है | जब एक उच्च कोटि का गुरु या साधक उसका पूजन करके उस देवी या देवता की प्राण प्रतिष्टा यन्त्र में करता है तब वह चमत्कारी बन जाता है |
गुरु मन्त्र का जप कैसे करें
रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं.
गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.
इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
बकवास और प्रलाप न करें.
किसी पर गुस्सा न करें.
किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न हो, अपमान न करें.
यथासंभव मौन रहें.
जप और साधना का ढोल पीटते न रहें, इसे यथा संभव गोपनीय रखें.
बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें. ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.
ब्रह्मचर्य का पालन करें.विवाहित हों तो साधना काल में बहुत जरुरी होने पर अपनी पत्नी से सम्बन्ध रख सकते हैं.
अपनी पूजन सामग्री और देवी देवता के यंत्र चित्र को किसी दुसरे को स्पर्श न करने दें.
शाबर मन्त्रो को सिद्ध कैसे करें
प्रत्येक साधना के कुछ नियम होते है, इसी प्रकार शाबर मन्त्र साधनाओं में भी कुछ विशेष नियम होते है ! इन नियमों का पालन किये बिना सिद्धि मिलना बहुत मुश्किल होता है और यदि इन नियमों का पालन किया जाएँ तो शाबर साधनाएँ जल्दी सिद्ध हो जाती है ! जिस प्रकार वैदिक रीति में करन्यास, अंगन्यास आदि का महत्त्व है , उसी प्रकार शाबर साधनाओं में आसन जाप और शारीर कीलन का महत्त्व है ! आप लोगो की सुविधा के लिए आसन जाप की आसान विधि दी जा रही है ! किसी भी साधना को करने से पहले इन मंत्रो का प्रयोग अवश्य करें ! यह मंत्र स्वयं सिद्ध है , इन्हें सिद्ध करने की कोई आवश्यकता नहीं है !
आसन बिछाते हुए इस मन्त्र का जाप करे और आसन को नमस्कार करे -
ॐ नमो आदेश श्री गुरूजी को
अंतर मन्त्र ढाई कंकर
जय शिव शंकर
अंतर मन्त्र ढाई कंकर
जय शिव शंकर
अब आसन पर बैठ कर आसन जाप पढ़े -
सत नमो आदेश
गुरूजी को आदेश
ॐ गुरूजी मन मारू मैदा करू
ॐ गुरूजी मन मारू मैदा करू
करू चकनाचूर
पांच महेश्वर आज्ञा करे
पांच महेश्वर आज्ञा करे
तो बैठू आसन पूर
श्री नाथ जी गुरूजी को
श्री नाथ जी गुरूजी को
आदेश आदेश आदेश
पूजा पूरी होने के बाद आसन उठाते हुए इस मन्त्र का जाप करे
आसन उठाने का मन्त्र -
ॐ सत नमो आदेश
गुरूजी को आदेश
ॐ गुरूजी
ॐ गुरूजी
ॐ तरो तरो महेश्वर करणी उतारो पार
संत चले घर अपने मंदिर जय जयकार
श्रीनाथजी गुरूजी को
संत चले घर अपने मंदिर जय जयकार
श्रीनाथजी गुरूजी को
आदेश आदेश आदेश
फिर शाबर मन्त्रो की साधना में पहले सवार्थ साधना मन्त्र का 21 बार जप कर लेना चाहिए | इसके बाद ही अन्य मन्त्र का जप करें |
सवार्थ साधना मन्त्र
गुरु सठ गुरु सठ गुरु हैं वीर
गुरु साहब सुमरौ बड़ी भांत
सिङ्गि टोरों मन कहौं
मन नाऊ करतार
सकल गुरु की हर भजे
घट-घट्टा पकर उठ जाग
चेत सम्हार श्री परम हंस
इस के बाद गणेश जी का ध्यान करते हुए एक माला जप करे-
वक्रतुण्डाय हुं
इस के बाद निम्न मन्त्र से दिशाओं का बंधन करें-
वज्र क्रोधाय महादन्ताय दश दिशो बंध बंध हूँ फट् स्वाहा
इस के बाद देह रक्षा की मंत्र पड़े 11 बार...
देह रक्षा की मंत्र –
निम्न मन्त्रो को किसी भी शनिवार या मंगलवार को हनुमान जी विषयक नियमो का पालन करके तथा व्रत रख कर 1000 जप करके इनको सिद्ध कर ले फिर 3 या 7 बार पढकर अपने शरीर पर फूंक मारे व दोनों हाथो को पुरे शरीर पर फेरें | इससे आपकी रक्षा होगी कोई भी शक्ति आप को नुकसान नही पहुंचाएगी |
१. ॐ नमः वज्र का कोठा
जिसमे पिण्ड हमारा पैठा
ईश्वर कुंजी, ब्रह्मा का ताला
मेरे आठो याम का
यती हनुमन्त रखवाला |
२. उत्तर बांधो, दक्खिन बांधो, बांधो मरी मसानी
डायन भूत के गुण बांधो, बांधो कुल परिवार
नाटक बांधो, चाटक बांधो, बांधो भुइयां बैताल
नजर गुजर देह बांधो, राम दुहाई फेरों |
३. जल बांधो, थल बांधो, बांधो अपनी काया
सात सौ योगिनी बांधो, बांधो जगत की माया
दुहाई कामरू कामाक्षा नैना योगिनी की
४. जीवन मरण है तेरो हात
भैरो वीर तू हो जा मेरे साथ
रखियो वीर तुम भक्त की लाज
बिगाड़ न पावे कोई मेरो काज
दुहाई लूना चमारिन की
दुहाई कामख्या माई की
दुहाई गौरा पार्वती की
चौरासी सिद्धो को
आदेश आदेश आदेश |
इस के बाद निम्न मन्त्र को जपते हुए हाथ में एक लोहे की किल या गेरू लेकर अपने चारो ओर एक गोल घेरा बना ले-
घेरा बनाने की मंत्र-
जो घेड़ा तोड़ घर मह घुसे
रक्त काली उसका रक्त चुसे
दुहाई माँ कामख्या की
दुहाई माँ कामख्या की
दुहाई माँ कामख्या की |
और फिर अपना इच्छित मन्त्र का निर्धारित संख्या में जप पूर्ण करे |
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