Monday, August 23, 2021

RAHU MANTRA राहु बीज मंत्र / जप संख्या और जप समय

 RAHU MANTRA राहु  बीज मंत्र / जप संख्या और जप समय

नवग्रह मंत्र : नवग्रह जप विधान

नवग्रहों के जप विधान के अंतर्गत प्रत्येक ग्रह के अपने अलग-अलग विभिन्न मंत्र होते हैं। इन विभिन्न मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का जाप प्रत्येग ग्रह की निश्चित जपसंख्या के आधार पर करना चाहिए। यह जाप 108 दाने की रूद्राक्ष माला द्वारा सम्पन्न होता है। प्रतिदिन नियत संख्या में माला करना चाहिए। जप पूर्ण होने पर जप का दशांश हवन, हवन का दशांश तर्पण, तर्पण का दशांश मार्जन एंव मार्जन का दशांश ब्राम्हण भोजन का विधान है। वैसे तो शास्त्रों में कहा गया है कि ‘‘कलियुग चर्तुभुजों’’ अर्थात् कलियुग में निश्चित जपसंख्या के चार गुना जप करना चाहिए। नवग्रहों के विभिन्न मंत्र इस प्रकार है:-

नवग्रह बीजमंत्र / जप संख्या और जप समय

कष्ट निवारण और ग्रहपीड़ा शांति हेतु हिन्दू परंपरा में नवग्रहों के बीजमंत्र जप का विधान है. कष्टों और पीड़ा का संबंध जिस ग्रह से हो उसके बीजमंत्र जप बहुत लाभ देते हैं. विधिपूर्वक जप पूर्ण कर लेने पर संबंधित ग्रह की कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का निवारण सहज ही हो जाता है.

 

राहु मंत्र

ॐ कया नश्चित्र आ भुवदूती सदावृध: सखा।

कया शचिष्ठया वृता।।

नवग्रह मंत्र और जप संख्या इस प्रकार से हैं –

राहु – ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नमः

जप संख्या – 18000

जप समय – रात्रिकाल

राहु स्तुति

जय जय राहु गगन प्रविसइया। तुम ही चन्द्रादित्य ग्रसइया।।

रवि शशि अरि स्वर्भानू धारा। शिखी आदि बहु नाम तुम्हारा।।

सैंहिंकेय निशाचर राजा। अर्धकाय तुम राखहु लाजा।।

यदि ग्रह समय पाय कहुं आवहु। सदा शान्ति रहि सुख उपजावहु।।


जप संकल्प करने पर प्रतिदिन कम से कम एक माला (108 बार) जप आवश्यक है…

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )