PUJA SANKALP MANTRA पूजा संकल्प मंत्र
संकल्प का मंत्र
दाहिने हाथ में जल, पुष्प, सिक्का तथा अक्षत लेकर संकल्प
मंत्र का उच्चारण करे:
ॐ विष्णु र्विष्णु र्विष्णु: ॐ अद्य ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेतवाराह
कल्पे वैवस्वत मन्वन्तरे, अष्टाविंशतितमे कलियुगे, कलि प्रथम चरणे जम्बू द्वीपे भरत
खण्डे भारत वर्षे पुण्य ____________क्षेत्रे –(अपने नगर/गांव का नाम लें) वीर विक्रमादित्यनृपते
: ____________ (संवत्सर का नाम)
____________अयने ____________ (उत्तरायन/दक्षिणायन) ____________ऋतु (आदि छह
ऋतु हैं) ____________ मासे – (चैत्र आदि 12 मास हैं ) ____________ (पक्ष का नाम शुक्ल
या कृष्ण पक्ष) ____________ (तिथि का नाम) ____________ वासरे (दिन का नाम)
____________ होरा (होरा का नाम) नक्षत्र ____________ गोत्र ____________ (गोत्र का नाम लें)
____________ नामा (अपना नाम लें) सकल पाप क्षय पूर्वकं सर्वारिष्ट शांति निमित्तं
सर्वमंगल कामनया- श्रुतिस्मृत्योक्त फल प्राप्त्यर्थं मनेप्सित कार्य सिद्धयर्थं श्री
____________देवता (जिस देवी देवता की पूजा
कर रहे हैं उनका नाम ले) ____________ जप संख्या ____________ च अहं करिष्ये।
संकल्प मंत्र बोलने के बाद हाथ की सारी सामग्री निचे छोड़ दे
अमुक स्थाने – कार्य का स्थान इंदरप्रस्थ नांगलोई
अमुक संवत्सरे – संवत्सर का नाम
2079, तमेऽब्दे राक्षस नाम संवत्सरे
अमुक अयने – उत्तरायन/दक्षिणायन दक्षिणायन
अमुक ऋतौ – वसंत आदि छह ऋतु हैं वर्षा ऋतौ
अमुक मासे – चैत्र आदि 12 मास हैं भाद्रपद मासे
अमुक पक्षे – पक्ष का नाम (शुक्ल या कृष्ण पक्ष) कृष्ण पक्षे
अमुक तिथौ – तिथि का नाम षष्ठी तिथि
अमुक वासरे – दिन का नाम शनि वासरे
अमुक होरा – दिन में कौन सा समय होरा का नाम
नक्षत्र - नक्षत्र का नाम भरणी
गोत्र का नाम लें वशिष्ट गोत्र
अपना नाम लें आभा नामा
जिस देवी देवता की पूजा कर रहे हैं उनका नाम ले श्री RAHU GREH देवता
पूजनं जपं मंत्रम हवन तर्पण मार्जन ब्रह्म
भोज
जप संख्या जितना जप करना है उसकी संख्या बोलें
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