GRAHON KI RASHIYON MEIN ASHUB PRKARTI ग्रहों की राशियों में अशुभ प्रकृति
1-सूर्य कुंभ व तुला में
सूर्य कुंभ व तुला मे दिमागी समस्या ,जीवन मे अनेक अवरोध, आर्थिक स्थिति खराब, संतान कष्ट, ईमानदार तथा रूची व अरूची के प्रति दृढ़ता प्रदान करता है|
2-चंद्रमा मकर व वृश्च्कि में
चंद्रमा मकर व वृश्च्कि मे नारियों द्वारा दुर्भाग्य, निश्चित व अनियंत्रित क्षुधा, गुप्त शत्रु, कटु वाणी, व्यवसाय में मतभेद, जलोदर, गुर्दे व पेट के रोग से पीडा व स्नायु विकार देता है|
3-मंगल तुला व कर्क में
मंगल तुला मे मानसिक विकार ,पागलपन, लकवा रोग,शारिरीक दोष, क्रोधी, अधीरता, प्रेम मे निराशा ,अनैतिक संबंध, शराब की आदत देता है|
4-बुध मीन में
बुध मीन मे होने पर दुष्टता, अधिक विद्वान न होना, संतान से दुखी, अधिक बातचित करने वाला बनाता है|
5–-गुरू मिथुन में
गुरू मिथुन राशि मे निर्बल शरीर ,पेट व फेफडो की समस्या, स्फुर्ति की कमी, निर्णय लेने मे शीघ्रता देता है|
6-शुक्र मेष व कन्या में
शुक्र मेष या कन्या मे अत्यधिक ऊष्ण ,ऐलर्जी के प्रति अधिक संवेदनशील, अधिक कामुकता, मानसिक व्याधि व वेश्याओं के प्रति झुकाव देता है|
7-शनि कर्क व सिंह में
शनि कर्क या सिंह मे क्रूर,निर्दयी,विवाह के बाद समस्या, हृदय संबंधी विकार ,गृह परिवर्तन,दुर्घटना का डर, प्रेम व संतान से दुख देता है|
8-राहू धनु में
राहू धनु मे होने पर साइटिका की पीडा,फेफडों व हृदय संबंधी समस्या,आर्थिक कष्ट,दमा व टी.बी रोगकी संभावना देता है|
9 केतु मिथुन में
केतू मिथुन मे होने पर जेल,अस्पताल मे भर्ती होना,सुखो मे न्यूनता ,तीक्ष्णता,आर्थिक संकट देता है| शारिरीक व्याधि ,विचित्र शारिरीक वृद्धि, पक्षाघात,आर्थिक कष्ट,माता - पिता कोअरिष्ट,आश्रयहीनता,भूख की कमी ,मित्रो की कमी ,अच्छे संबंधो की कमी देने वालो होते है।
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