Monday, August 30, 2021

KRISHNA JANAMASHTMI SHODSHOPCHAR PUJA VIDHI कृष्ण जन्माष्टमी षोडशोपचार पूजा विधि

KRISHNA JANAMASHTMI SHODSHOPCHAR PUJA VIDHI कृष्ण जन्माष्टमी षोडशोपचार पूजा विधि

कृष्ण जन्माष्टमी के दौरान षोडशोपचार कृष्ण पूजा

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि में षोडशोपचार पूजा के सभी १६ चरणों का समावेश किया गया है और सभी चरणों का वर्णन वैदिक मन्त्रों के साथ दिया गया है। जन्माष्टमी के दौरान की जाने वाली श्री कृष्ण पूजा में यदि षोडशोपचार पूजा के सोलह (१६) चरणों का समावेश हो तो उसे षोडशोपचार जन्माष्टमी पूजा विधि के रूप में जाना जाता है।

 

1. ध्यानम्

भगवान श्री कृष्ण का ध्यान पहले से अपने सम्मुख प्रतिष्ठित श्रीकृष्ण की नवीन प्रतिमा में करें।


 

2. आवाहनं

भगवान श्री कृष्ण का ध्यान करने के बाद, निम्न मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण की प्रतिमा के सम्मुख आवाहन-मुद्रा दिखाकर, उनका आवाहन करें।


 











3. आसनं

भगवान श्री कृष्ण का आवाहन करने के बाद, निम्न मन्त्र पढ़ कर उन्हें आसन के लिये पाँच पुष्प अञ्जलि में लेकर अपने सामने छोड़े।


 






4. पाद्य

भगवान श्री कृष्ण को आसन प्रदान करने के बाद, निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए पाद्य (चरण धोने हेतु जल) समर्पित करें।


 






5. अर्घ्य

पाद्य समर्पण के बाद, भगवान श्री कृष्ण को अर्घ्य (शिर के अभिषेक हेतु जल) समर्पित करें।


 






6. आचमनीयं

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए आचमन के लिए श्रीकृष्ण को जल समर्पित करें।


 






7. स्नानं

आचमन समर्पण के बाद, निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को जल से स्नान कराएँ।

 






8. वस्त्र

स्नान कराने के बाद, निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को मोली के रूप में वस्त्र समर्पित करें।


 








9. यज्ञोपवीत

वस्त्र समर्पण के बाद, निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को यज्ञोपवीत समर्पित करें।

 








10. गन्ध

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को सुगन्धित द्रव्य समर्पित करें।


 








11. आभरणं हस्तभूषण

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण के श्रृंगार के लिये आभूषण समर्पित करें।


 





12. नाना परिमल द्रव्य

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को विविध प्रकार के सुगन्धित द्रव्य समर्पित करें।

 




13. पुष्प

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को पुष्प समर्पित करें।


 




14. अथ अङ्गपूजा

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए भगवन कृष्ण के अङ्ग-देवताओं का पूजन करना

 चाहिये। बाएँ हाथ में चावल, पुष्प व चन्दन लेकर प्रत्येक मन्त्र का उच्चारण करते 

हुए दाहिने हाथ से श्री कृष्ण की मूर्ति के पास छोड़ें।

























15. धूपं

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को धूप समर्पित करें।


 






16. दीपं

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को दीप समर्पित करें।


 








17. नैवेद्य

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को नैवेद्य समर्पित करें।

 


18. तांबूलं

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को ताम्बूल (पान, सुपारी के साथ) समर्पित करें।


 





19. दक्षिणा

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को दक्षिणा समर्पित करें।

 




20. महा नीराजन

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को निराजन (आरती) समर्पित करें।


 






21. प्रदक्षिणा

अब श्रीकृष्ण की प्रदक्षिणा (बाएँ से दाएँ ओर की परिक्रमा) के साथ निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को फूल समर्पित करें।


 

 

 








23. नमस्कार

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए श्रीकृष्ण को नमस्कार करें।


 


















25. क्षमापन

निम्न-लिखित मन्त्र पढ़ते हुए पूजा के दौरान हुई किसी ज्ञात-अज्ञात भूल के लिए श्रीकृष्ण से क्षमा-प्रार्थना करें।


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विशेष सुचना

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