श्री गायत्री शाप विमोचन विधी Gayatri Shaap Vimochan
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श्री गायत्री शाप विमोचन विधि
गायत्री मन्त्र करने से पहले करे शाप विमोचन
यह एक बहुत ही महत्वपूर्णविधी है खासकर जो गायत्री का मंत्रजाप करते है क्युकी यह साबित हो चुका है यह मंत्र दुनिया का सर्वशक्ति मान मंत्र है किन्तु वैदिक पद्धति में कहा है की इस मंत्र को शापित किया हुआ है | क्युकी इस मंत्र का कोई गलत प्रयोग ना हो इसलिए तो सदैव इस मंत्र को शापमुक्त कर ही मंत्रजाप करे |
शाप विमोचन करने के बाद इस मन्त्र के जाप करने से इसका बहुत ही चमत्कारिक फल प्राप्त होता है |
गायत्री मंत्र-ब्रह्मा-वसिष्ठ-विश्वामित्र-शुक्र के द्वारा शापित है |
सर्वप्रथम विनियोग करना है पश्चात विनियोग को पढ़कर विधानतः शापमुक्त मंत्र पठन करना है |
सर्वप्रथम ब्रह्मा शापविमोचन विधी
विनियोगः ॐ अस्य श्री ब्रह्मशापविमोचनमंत्रस्य ब्रह्माऋषिर्भक्तिमुक्तिप्रदा ब्रह्मशापविमोचनी गायत्रीशक्तिर्देवता गायत्रीछन्दः ब्रह्मशापविमोचने विनियोगः |
विनियोग करने के बाद निम्न मंत्र से ब्रह्मा जी को नमस्कार करे |
मंत्र-गायत्री ब्रह्मेत्युपासीत यद्रूपं ब्रह्मविदो विदुः |
तां पश्यन्ति धीराः सुमनसो वाचमग्रतः || फिर ब्रह्मगायत्री पढ़े |
ॐ वेदांतनाथाय विद्महे हिरण्यगर्भाय धीमहि तन्नो ब्रह्म प्रचोदयात ||
ये मंत्र बोलने के बाद फिर ब्रह्माजी को प्रार्थना करनी है की वो इस मन्त्र को शापविमुक्त करे | ( गायत्री माँ को भी )
ॐ देवी गायत्रीत्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव ||
वसिष्ठ शापविमोचन विधी
विनियोगः ॐ अस्य श्री वसिष्ठशापविमोचनमंत्रस्य निग्रहानुग्रहकर्ता वसिष्ठऋषिर्वशिष्टानु गृहीता गायत्री शक्तिर्देवता विश्वोद्भवा गायत्री छन्दः वसिष्ठशाप विमोचनार्थं जपे विनियोगः |
निम्न मंत्र से ध्यान करे
ॐ सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरात्मज्योतिरहं शिवः |
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं ||
इस मंत्र को बोलकर फिर योनिमुद्रा दिखाए || तीन बार गायत्री मंत्र जपे ||
फिर वशिष्टजी से प्रार्थना करे इस मंत्र को शाप से विमुक्त करने के लिए |
ॐ देवी गायत्री त्वं | वसिष्ठशापाद्विमुक्ता भव ||
ॐ सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरात्मज्योतिरहं शिवः |
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं ||
इस मंत्र को बोलकर फिर योनिमुद्रा दिखाए || तीन बार गायत्री मंत्र जपे ||
फिर वशिष्टजी से प्रार्थना करे इस मंत्र को शाप से विमुक्त करने के लिए |
ॐ देवी गायत्री त्वं | वसिष्ठशापाद्विमुक्ता भव ||
विश्वामित्र शापविमोचन विधी
विनियोगः ॐ अस्य श्री विश्वमित्राशापविमोचनमंत्रस्य नूतनसृष्टिकर्ता विश्वामित्रऋषिर्विश्वामित्रानुगृहिता गायत्री शक्तिर्देवता वाग्देहा गायत्री छन्दः विश्वामित्रशापविमोचनार्थं जपे विनियोगः |
निम्न मंत्र से ध्यान करे
ॐ गायत्रीं भजाम्यग्नीमुखीं विश्वगर्भां समुद्भवाः |
देवाश्चक्रिरे विश्वसृष्टिं तां कल्याणीमिष्टकरीं प्रपद्ये ||
फिर विश्वामित्र को शाप मुक्ति के लिए प्रार्थना करे |
ॐ देवि गायत्री त्वं विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव ||
ॐ गायत्रीं भजाम्यग्नीमुखीं विश्वगर्भां समुद्भवाः |
देवाश्चक्रिरे विश्वसृष्टिं तां कल्याणीमिष्टकरीं प्रपद्ये ||
फिर विश्वामित्र को शाप मुक्ति के लिए प्रार्थना करे |
ॐ देवि गायत्री त्वं विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव ||
शुक्र शापविमोचन विधी
विनियोगः ॐ अस्य श्री शुक्रशापविमोचन मंत्रस्य श्री शुक्र ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः देवी गायत्री देवता शुक्रशापविमोचनार्थे जपे विनियोगः |
विनियोगः ॐ अस्य श्री शुक्रशापविमोचन मंत्रस्य श्री शुक्र ऋषिः अनुष्टुप्छन्दः देवी गायत्री देवता शुक्रशापविमोचनार्थे जपे विनियोगः |
निम्न से ध्यान करे
सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरर्क ज्योतिरहंशिवः |
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं ||
शापविमुक्ति के लिये प्रार्थना करे |
ॐ देवी गायत्री त्वं शुक्रशापाद्विमुक्ता भव ||
फिर सभी को प्रार्थना करे |
ॐ अहो देवि महादेवि संध्ये विद्ये सरस्वति |
अजरे अमरे चैव ब्रह्मयोनिर्नमोस्तु ते ||
प्रार्थना करने के बाद फिर से निम्न मंत्र बोलकर शापविमुक्ति के लिये विनती करे |
ॐ देवी गायत्री त्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव, वसिष्ठशापाद्विमुक्ताभव, विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव | शुक्रशापाद्विमुक्ता भव |
तो इस तरह से हमेशा प्रतिदिन गायत्री मन्त्र को जपने से पूरब इस शापविमोचन की विधि द्वारा सदैव मन्त्र को शाप से मुक्त करके ही जाप करना चाहिये |
सोऽहंअर्कमयं ज्योतिरर्क ज्योतिरहंशिवः |
आत्मज्योतिरहं शुक्रः सर्वज्योतिरसोस्म्यहं ||
शापविमुक्ति के लिये प्रार्थना करे |
ॐ देवी गायत्री त्वं शुक्रशापाद्विमुक्ता भव ||
फिर सभी को प्रार्थना करे |
ॐ अहो देवि महादेवि संध्ये विद्ये सरस्वति |
अजरे अमरे चैव ब्रह्मयोनिर्नमोस्तु ते ||
प्रार्थना करने के बाद फिर से निम्न मंत्र बोलकर शापविमुक्ति के लिये विनती करे |
ॐ देवी गायत्री त्वं ब्रह्मशापाद्विमुक्ता भव, वसिष्ठशापाद्विमुक्ताभव, विश्वामित्रशापाद्विमुक्ता भव | शुक्रशापाद्विमुक्ता भव |
तो इस तरह से हमेशा प्रतिदिन गायत्री मन्त्र को जपने से पूरब इस शापविमोचन की विधि द्वारा सदैव मन्त्र को शाप से मुक्त करके ही जाप करना चाहिये |
|| अस्तु ||
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