बगलामुखी साधना BAGLAMUKHI SADHNA
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बगलामुखी साधना(ब्रह्मास्त्र-विद्या)
विनियोग
ऊँ अस्य : श्री ब्रह्मास्त्र-विद्या बगलामुख्या नारद ऋषये नम: शिरसि। त्रिष्टुप् छन्दसे नमो मुखे। श्री बगलामुखी दैवतायै नमो ह्रदये। ह्रीं बीजाय नमो गुह्ये। स्वाहा शक्तये नम: पाद्यो:। ऊँ नम: सर्वांगं श्री बगलामुखी देवता प्रसाद सिद्धयर्थ न्यासे विनियोग:।
ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं बगलामुखी सर्वदृष्टानां मुखं स्तम्भिनि सकल मनोहारिणी अम्बिके इहागच्छ सन्निधि कुरू सर्वार्थ साधय साधय स्वाहा।
ध्यान
सौवर्णामनसंस्थितां त्रिनयनां पीतांशुकोल्लसिनीम्
हेमावांगरूचि शशांक मुकुटां सच्चम्पकस्रग्युताम्
हस्तैर्मुद़गर पाशवज्ररसना सम्बि भ्रति भूषणै
व्याप्तांगी बगलामुखी त्रिजगतां सस्तम्भिनौ चिन्तयेत्।
मंत्र
ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा।
माता बगलामुखी मुखी के कुछ चुने हुये मंत्र !!

अब नीचे लिखे मंत्र का हल्दी की माला जप करें-
गायत्री मंत्र-
ऊँ ह्लीं ब्रह्मास्त्राय विद्महे स्तम्भनबाणाय धीमहि। तन्नो बगला प्रचोदयात्।।
ऊँ ह्रीं हं स: सोहं स्वाहा। हंसहंसाय विद्महे सोहं हंसाय धीमहि। तन्नो हंस: प्रचोदयात्।।
ऊँ आं ह्लीं क्रों हुं फट् स्वाहा
ऊँ ह्लीं ऊँ
ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि ठ:
ऊँ ह्लीं क्लीं ह्लीं बगलामुखि स्वाहा।
ऊँ ह्ल्रीं हूं ह्लूं बगलामुखि ह्लां ह्लीं ह्लूं सर्वदुष्टानां ह्लैं ह्लौं ह्ल: वाचं मुखं पदं स्तम्भय स्तम्भय ह्ल: ह्लौं ह्लैं जिह्वां कीलय ह्लूं ह्लीं ह्लां बुद्धिं विनाशाय ह्लूं हूं ह्लीं ऊँ हूं फट्।
ऊँ ह्ल्रीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ऊँ स्वाहा।
अगर आप किसी भी व्यक्ति वस्तु परिस्थिति से डरते है और अज्ञात डर सदा आप पर हावी रहता है तो देवी के भय नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए…
ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन
पीले रंग के वस्त्र और हल्दी की गांठें देवी को अर्पित करें… पुष्प,अक्षत,धूप दीप से पूजन करें… रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें… दक्षिण दिशा की और मुख रखें….
अगर शत्रुओं नें जीना दूभर कर रखा हो, कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्करों से तंग हो गए हों, शत्रु चैन से जीने नहीं दे रहे, प्रतिस्पर्धी आपको परेशान कर रहे हैं तो देवी के शत्रु नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए….
ॐ बगलामुखी देव्यै ह्लीं ह्रीं क्लीं शत्रु नाशं कुरु
नारियल काले वस्त्र में लपेट कर बगलामुखी देवी को अर्पित करें…मूर्ती या चित्र के सम्मुख गुगुल की धूनी जलाये ….रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय पश्चिम कि ओर मुख रखें….
यदि आपको लगता है कि आप किसी बुरु शक्ति से पीड़ित हैं, नजर जादू टोना या तंत्र मंत्र आपके जीवन में जहर घोल रहा है, आप उन्नति ही नहीं कर पा रहे अथवा भूत प्रेत की बाधा सता रही हो तो देवी के तंत्र बाधा नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए….
ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय
आटे के तीन दिये बनाये व देसी घी ड़ाल कर जलाएं….कपूर से देवी की आरती करें….रुद्राक्ष की माला से 7 माला का मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय दक्षिण की और मुख रखे….
आपने कई बार इंटरवियु या प्रतियोगिताओं को जीतने की कोशिश की होगी और आप सदा पहुँच कर हार जाते हैं, आपको मेहनत के मुताबिक फल नहीं मिलता, किसी क्षेत्र में भी सफल नहीं हो पा रहे, तो देवी के साफल्य मंत्र का जाप करें….
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं बगामुखी देव्यै ह्लीं साफल्यं देहि देहि स्वाहा:
बेसन का हलवा प्रसाद रूप में बना कर चढ़ाएं…देवी की प्रतिमा या चित्र के सम्मुख एक अखंड दीपक जला कर रखें…रुद्राक्ष की माला से 8 माला का मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय पूर्व की और मुख रखें…
यदि आप बच्चों की सुरक्षा को ले कर सदा चिंतित रहते हैं, बच्चों को रोगों से, दुर्घटनाओं से, ग्रह दशा से और बुरी संगत से बचाना चाहते हैं तो देवी के रक्षा मंत्र का जाप करना चाहिए.. .
देवी माँ को मीठी रोटी का भोग लगायें…दो नारियल देवी माँ को अर्पित करें…रुद्राक्ष की माला से 6 माला का मंत्र जप करें….मंत्र जाप के समय पश्चिम की ओर मुख रखें…
यदि आपकी कुंडली कहती है कि अकाल मृत्यु का योग है, या आप सदा बीमार ही रहते हों, अपनी आयु को ले कर परेशान हों तो देवी के ब्रह्म विद्या मंत्र का जाप करना चाहिए…
ॐ ह्लीं ह्लीं ह्लीं ब्रह्मविद्या स्वरूपिणी स्वाहा:
पीले कपडे व भोजन सामग्री आता दाल चावल आदि का दान करें…मजदूरों, साधुओं,ब्राह्मणों व गरीबों को भोजन खिलाये…प्रसाद पूरे परिवार में बाँटें….रुद्राक्ष की माला से 5 माला का मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें…
यदि आप बलशाली बनने के इच्छुक हो अर्थात चाहे देहिक रूप से, या सामाजिक या राजनैतिक रूप से या फिर आर्थिक रूप से बल प्राप्त करना चाहते हैं तो देवी के बल प्रदाता मंत्र का जाप करना चाहिए…
ॐ हुं हां ह्लीं देव्यै शौर्यं प्रयच्छ
पक्षियों को व मीन अर्थात मछलियों को भोजन देने से देवी प्रसन्न होती है…पुष्प सुगंधी हल्दी केसर चन्दन मिला पीला जल देवी को को अर्पित करना चाहिए…पीले कम्बल के आसन पर इस मंत्र को जपें….रुद्राक्ष की माला से 7 माला मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय उत्तर की ओर मुख रखें…
प्रतिदिन प्रस्तुत मंत्र का जाप करने से आपकी सब ओर रक्षा होती है, त्रिलोकी में कोई आपको हानि नहीं पहुंचा सकता ….
ॐ हां हां हां ह्लीं बज्र कवचाय हुम
देवी माँ को पान मिठाई फल सहित पञ्च मेवा अर्पित करें..छोटी छोटी कन्याओं को प्रसाद व दक्षिणा दें…
रुद्राक्ष की माला से 1 माला का मंत्र जप करें…मंत्र जाप के समय पूर्व की ओर मुख रखें…ये स्तम्भन की देवी भी हैं। कहा जाता है कि सारे ब्रह्मांड की शक्ति मिलकर भी इनका मुकाबला नहीं कर सकती। शत्रु नाश, वाक सिद्धि, वाद-विवाद में विजय के लिए देवी बगलामुखी की उपासना की जाती है।
‘ऊं हल्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिहवां कीलय बुद्धिं विनाशय हल्रीं ऊं स्वाहा’ का जप,संकलितं
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