श्याम्कौर मोहिनी साधना
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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विधि :
इस मंत्र को घर से बहार किसी नदी के किनारे सिद्ध करें । वस्त्र कोई भी पहन सकते हैं । किसी भी प्रकार के आसन का इस्तेमाल कर सकते हैं । दिशा का भी कोई बंधन नहीं । अपने साथ दो लड्डू, दो मीठे पान, सात पतासे और मीठे चावल, एक शराब की बोतल, एक दीपक और सरसों का तेल साथ ले जायें । सबसे पहले चावल नदी में प्रवाहित कर दें और सात बार नीचे दिये गए मंत्र का जाप करें ।
मंत्र :-
“ खवाजा खिजर जिन्दा पीर, पंजे पीर तेरे मदद्गिर सिद्धा नाथा दा सरदार कचिया पाकिया कडाहिया तेरे नाम ॥ ”
मंत्र जाप के बाद खवाजा खिजर से आज्ञा ले और आसन पर बैठने से पहले अपने चारोँ तरफ एक गोला खींचे । गोला खींचते समय नीचे दिये गए मंत्र का 11 बार जाप करें ॥
मंत्र :-
“ आस किलूँ पास किलूँ किलूँ अपनी काया जगदा मसान किलूँ बैठी किलूँ छाया इसर का कोट वर्मा क़ि थाली मेरे घाट पिंड का हनुमान वीर रखवाला ॥”
इसके बाद गुरु पूजन गणेश पूजन करें और उनसे आज्ञा लें । फिर कोई भी रक्षा मंत्र जप लें । फिर रुद्राक्ष क़ि माला से एक माला शिवमंत्र क़ि जपें और शिव से आज्ञा ले । फिर दो लड्डू, पान, पतासे किसी कागज़ के टुकड़े पर रखिएँ और तेल का दीपक जलाएं । शराब से उसके चारोँ तरफ एक गोला बनाएं और बची हुई शराब की बोतल पास में रख दें और 11 माला इस मंत्र क़ि जपें ॥
“ आस किलूँ पास किलूँ किलूँ अपनी काया जगदा मसान किलूँ बैठी किलूँ छाया इसर का कोट वर्मा क़ि थाली मेरे घाट पिंड का हनुमान वीर रखवाला ॥”
इसके बाद गुरु पूजन गणेश पूजन करें और उनसे आज्ञा लें । फिर कोई भी रक्षा मंत्र जप लें । फिर रुद्राक्ष क़ि माला से एक माला शिवमंत्र क़ि जपें और शिव से आज्ञा ले । फिर दो लड्डू, पान, पतासे किसी कागज़ के टुकड़े पर रखिएँ और तेल का दीपक जलाएं । शराब से उसके चारोँ तरफ एक गोला बनाएं और बची हुई शराब की बोतल पास में रख दें और 11 माला इस मंत्र क़ि जपें ॥
मंत्र :-
“ आई रे श्याम्कौर कहाँ से, आई बागड़ देश से, आई उड़न खटोला उडदी आई, लाल परांदा उडदी आई हंकारी, आई पश्कारी जाई, मेरा कारज न करें तैनू तेरे गुरु दी आन! ॥”
“ आई रे श्याम्कौर कहाँ से, आई बागड़ देश से, आई उड़न खटोला उडदी आई, लाल परांदा उडदी आई हंकारी, आई पश्कारी जाई, मेरा कारज न करें तैनू तेरे गुरु दी आन! ॥”
ये ही क्रिया आपको 41 दिन करनी है ।
अंतिम दिन माता को 16 सिंगार चढ़ाएं । लगभग 15 दिन बाद ही आपको ऐसा नज़र आने लगेगा क़ि मोर पर सवार एक बहोत सुंदर स्त्री आसमान से निचे उतर रही है । जाप पूरा होने से पहले किसी भी हालत में गोले से बहार न आये । कई बार कुछ डरावने अनुभव होते हैं । जब अंतिम दिन देवी प्रत्यक्ष हों उनसे सदेव माता रूप में साथ रहने का बचन ले ले । जब कोई विशेष काम हो तो एक माला मंत्र की जपें देवी प्रकट हो जाएगी । अगर इस मंत्र का जाप किसी क़ि तस्वीर के आगे रात में किया जाये तो वोह नींद में चलकर आपके पास आ जायेगा । यदि कोई घर से भाग जाये तो उसके कपड़ों पर इस मंत्र का जाप करें 24 घंटे में वोह घर की तरफ वापस लौट आयेगा । मंत्र से अभिमंत्रित सिंदूर मस्तक पर लगाने से देखने वाला मोहित हो जाता है । पर वशिकरण हेतु इसका दुरुपयोग न करें । यह दृष्टी मात्र से वशिकरण करती हैं । अगर इस मंत्र को जाप कर किसी को देख लिया जाये तो भी वशिकरण होता है । यह देवी सिद्ध होने के बाद सभी कर्मों में सहायता करती है और हर समय साधक के साथ रहती हैं । पर कमज़ोर दिल वाले लोग इस प्रयोग को कभी न करें ॥
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