Saturday, April 18, 2020

राहु का रंज

राहु का रंज



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शुक्राचार्य का चेला राहु ,जिसने कसम खाई थी समुद्र मंथन के समय ,हिन्दू सनातन धर्म के विरुद्ध चलने की वो आज भी अपने वचन के अनुसार कार्य कर रहा है।
ये आपकी पत्रिका में जहा भी विराजमान होगा वहा 70%राशियों में उस पत्रिका के फल को उलटा कर देगा।धर्म गुरु बृहस्पति से सीधा बैर रखने वाला,यह सीधे मानसिक स्थिति को बदल कर उलटा करने में सक्षम है।चमत्कार एवं आश्चर्य से भरा यह ग्रह आपकी इच्छाओ को अपनी इच्छा एवं धर्म (असुर) के अनुसार ही पूर्ण करता है।
इसके पास शरीर ना होने से ये ये प्रणाम नहीं सलाम करता है,आप सीधा लिखते है ये उलटा लिखता है। प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथोंके अनुसार राहु सांप,सपेरे,कीट,विष,जूआ , कुतर्क,अपवित्रता असत्य वादन ,नैऋत्य दिशा ,सोये हुए प्राणी , वृद्ध ,दुर्गा की उपासना ,ढीठ पना , चोरी ,आकस्मिक प्राकृतिक घटनाएं ,मद्य पान ,मांसाहार ,वैद्यक ,हड्डी , गुप्तचर , गोमेद , रांगा , मछली व नीले पदार्थों का कारक है |

इसके रहने का मुख्य स्थान चौक-चौराहा,एवं कब्र-मजार है,इत्र इसे बहुत पसंद है मॉस-मदिरा का शौक़ीन यह ग्रह ,ज्यादा इसका नाम लेने एवं लिखने से आपके जीवन में प्रवेश कर जाता है ।
इसके भक्त ज्यादा से ज्यादा अपने शिष्यो से इसके नाम का जाप कराकर ,सात्विक भक्तो को भटकाकर ,इसका इलाज करने का दावा करते है।

इसका मुख्य कार्य करने का तरिका "छल"है अपने कार्यो को पूर्ण करने के लिए अक्सर ये "छल" का उपयोग करता है सिंह जैसी शक्ति रखने वाला राहु अमृत का पान करने के कारण अमर है इसी कारण कोई भी इससे युद्ध नहीं करता,इसको मनाना या शांत करना ही इसका उपाय है।

श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार महर्षि कश्यप की पत्नी दनु से विप्रचित्ति नामक पुत्र हुआ जिसका विवाह हिरण्यकशिपु की बहन सिंहिका से हुआ | राहु का जन्म सिंहिका के गर्भ से हुआ इसीलिए राहू का एक नाम सिंहिकेय भी है ।

मत्स्य पुराण के अनुसार राहु विकराल मुख का ,नील वर्ण ,हाथ में तलवार ,ढाल ,त्रिशूल व वर मुद्रा धारण किये है | इसकी वात प्रकृति है | इसे दूसरों के अभिप्राय को जान लेने वाला तीव्र बुद्धि का कहा गया है | सर्वमान्य ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार राहु अशुभ ,क्रूर ,मलिंरूप वाला ,अन्त्यज जाति का , दीर्घ सूत्री ,नील वर्ण का तथा तीव्र बुद्धि का माना गया है |

इसकी परेशानियो से दूर होने के लिए ,इसकी शान्ति करने के लिए इसके नाम का उलटा जाप करना लाभ देता है। जब भी राहु का नाम जिव्हा पे आये तो इसके नाम के साथ "हठ"शब्द का प्रहार करने से भी ये दूर हो जाता है। ठगी,चोरी,स्मगलिंग,लड़ाई-झगड़ा,एवं अकास्मिक घटनाये राहु की ही देन है। इस प्रकार के कार्यो को करने वाले लोग इसे गुरु बना सकते है। राहु जिस ग्रह के साथ होगा उसके विचारो को अपने विचार के अनुसार चलाने का प्रयास करेगा।

संतान की विद्या का अचानक कम हो जाना,घर में चोरी होना,आग लग जाना, दुर्घटना होना, पति-पत्नी में क्लेश,अचानक जीवन में नशा जैसे शराब, गांजा जैसे मादक पदार्थ का प्रवेश कर जाना, मॉस खाने की इच्छा का बड़ जाना , इन सब में राहु का बहुत हद तक हस्तक्षेप होता है। अच्छा होगा यदि आप इससे दुरी बना के रखे।
राहु की शान्ति का एक उपाय यह है चौक में बसने वाली समाधि या कब्र पे इसकी पसंद की चीजे भेट चड़ा दी जाए जैसे:-रस वाली मिठाइयां, इत्र,मोगरे की माला , लोबान इत्यादि।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )