पाँच बावरी पुजा साधना
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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कोई गलती हो तो नादान बालक जानकै माफी
यह साधना अाप गुरू अनुसार पुछ कर करै तो बेहतर फल मिलता है क्यो कि गुरू बाबा की सवारी अपने चेले को दे कर इस साधना का ज्ञान देता है या जिस सेवक को देव की सवारी अाती हो वो ही इस साधना को बाबा की सिद्धी के लिये करै अथवा नही
मंत्र कोई भी अासन मे पूजा जगह पर बैठकर जाप करै अपनी सीमा अनुसार या 108 बार भी कर सकते है वैसै अगर अाप गुरू अनुसार पुछ कर करै तो बेहतर फल मिलता है
पाँच बावरी (सबल सिंह, केसरमल,नथ मल, हरी सिंह. जीत सिंह बावरी) की पुजा साल के भादवे (अगस्त) के महिने में पुणिमा से 41 दिन तक और जयेषठ (मई) महिने में पुणिमा से 41 दिन तक की जाती है
इस पुजा मे भगत बाबा को अपने- अपने घर के हिसाब - विचार से नाम लेकर पुजा करता है इसके लिये अापको बस मंत्र मे अपने देव का नाम जोडना है (सबल सिंह, केसरमल,नथ मल, हरी सिंह. जीत सिंह बावरी) इस मंत्र मे मै अापकी जानकारी अनुसार बावरी पुजा-विधि काफी भगत जानते है अौर गुरू अनुसार बताते भी है मंत्र यह भी है अौर भी है कहा जाता है एक जगह जाने के सौ रास्ते बात मंजिल पर जाने की........
यह मंत्र अाप साधना काल मे हुक्का देते हुये अासन पर बैठकर सामने घी या तेल की जोत लगाकर कर जाप करै अपनी सीमा अनुसार या 108 बार भी कर सकते है हुक्का ढाई लौग का दे बाबा को
मंत्र जाप अापको दिन मे 3 बार करना है सुबह- दोपहर -शाम
साघना काल मे अाखिरी दिन रात को अाप को बाबा के नाम से कढाई बोतल का भोग देना है
मंत्र
ॐ नमो लाल चौंकी, पचरंग पाया
गोङ बंगाले तै केसरमल बावरी आया,
झीनी-झीनी कंकरी, मीनी-मीणी चाल,
लाल नरी की जूती पहरै हो घोङे सवार,
56 जादू तेरे आगे चालै 56 जादू तेरे पीछे भूत-प्रेत सब पानी भरै,
शैढो,श्यामकौर,गंधीली तीनो बहन तेरे साथ चले,
म्हारा सेवादार तेरी गैल चले,
तू क्यूँ ना चले रे केसरमल बावरी?
मेरे शबद पै दुखिया की मदद पै?
ना चलै तै नागे गुरु की आण
ना चले तै ईस्माईल जोगी की आण
ना चलै तै गुरु गोरख की आण
सतनाम आदेश-आदेश गुरु को ॥
साधना विधि
अाप साल का भादवे के महिने या जयेषठ के महिने की पुणिमा से यह पुजा बावरी बाबा के नाम से नैम उठा करै जिसमे अाप कितने दिन की सेवा कर रहे है ये बोले फिर
अब अाप पॄथम कोई साफ जगह मे जहाँ अाप 5 अाग की उपले के टुक्कडे अाग जलाकै बाबा का भोग दे पाये अा प भो ग के लिये अाप रोज के 5 लडडु दे सकते है या 41 लडडु एक बार ले ले जिसको अाप पुजा काल मे भोग के लिये लेते रहे साथ मे एक बोतल देशी दारू रात को 12 बजे भो ग के लिये अाप कुछ टुकडे एक ढक्कन देशी दारू रात को 12 बजे भोग दे अापको भो ग 2 बार देना है
सुबह अौर रात साघना काल मे अाप जो भी खाये उसका पृथम भोग बाबा को दे फिर कुछ खाये जमीन पर सोये
काम वासना के किसी काम का परहेज करे मतलब कुछ भी हो देखना -सोचना -करना
मेरी अपनी जानकारी अनुसार यहाँ बावरी पुजा-विधि काफी भगत जानते है अौर गुरू बनके या अपनी जानकारी अनुसार बताते भी है
मंत्र यह भी है अौर भी है कहा जाता है एक जगह जाने के सौ रास्ते बात मंजिल पर जाने की........
कोई अौर अासान सा साधना विधि मिले तो मेरे भाई लोगो का भला होगा अाअो अागे भला करो बाबा अापका अोर मेरा सबका भला करे
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