Thursday, April 16, 2020

गणपति मूल मंत्र कैसे सिद्ध करे

गणपति मूल मंत्र कैसे सिद्ध करे



दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS


ॐ गम गणपतये नमः या ॐ गं गणपतये नमः 
गणपति का मूल मंत्र है

ॐ गं गणपतये नमः इस मन्त्र की सात दिनों तक 10 माला करे 
कुशका आसन - लालचन्दन की माला - लाल गौमुखी 
लालवस्त्र धारण करके मंत्र जाप करे - लालचन्दन का तिलक या लेपन करे 

इस मंत्र के गणक ऋषि है 
गणपति देवता है 
निचृद गायत्री छंद है 
ॐ गं गणपतये नमःमंत्र है 

किस दिशा में बैठे ?
कौन सी माला का उपयोग करे ?
इस मंत्र को सिद्ध कैसे करे ?
पूर्वाभिमुख यानी अपना मुँह पूर्वदिशा की और रखे 
उत्तराभिमुख अपना मुँह उत्तरदिशा की और रखकर जाप करे 

कौन सी माला का उपयोग करे ?
रक्तचंदन की माला से इस मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है तो रक्तचंदन की माला का 
प्रयोग करे या रुद्राक्ष की माला का भी प्रयोग कर सकते है 

इस मंत्र को सिद्ध कैसे करे ?
अगर यह मंत्र गुरुमुख से दीक्षा लेकर प्राप्त किया है तो सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है 
मंत्र को सिद्ध करने के लिए अनुष्ठान करना जरुरी है मगर अनुष्ठान न कर सके तो 
मंत्र को सूर्यग्रहण - गुरुपुष्यामृत योग- रविपुष्यामृत योग में मन्त्र सिद्ध कर ले 
मंत्र को सिद्ध किये बिना कभी भी उसका जाप ना करे 
मंत्र को सिद्ध करने के पश्चात प्रतिदिन मंत्र की ३,५,,११ माला करे 
फिर धीरे धीरे भगवान् गणेश की कृपा से आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी 

गणपति मंत्र के अनुष्ठान का उत्तम समय कौन सा है ?
भाद्रपद मास में शुक्लपक्ष की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक समय उत्तम है 
गणेशपुराण के अनुसार श्रावण मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी से लेकर 
भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्दशी तक का समय गणेश मंत्र अनुष्ठान के लिये श्रेष्ठ है 

इस मंत्र के क्या लाभ है ?
गणपति की पूर्ण कृपा प्राप्त होती है 
मनुष्य सभी प्रकार के संकटो से मुक्त हो जाते है 
विद्यार्थी को विद्या प्राप्त होती है 
दरिद्र धन को प्राप्त करता है 
व्यापार में वृद्धि होती है 
सरकारी कामो में सफलता प्राप्त होती है 
शत्रुबाधा का निवारण हो जाता है 
मंत्र इस प्रकार से है 
ॐ गं गणपतये नमः 
|| अस्तु ||  

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )