JOB IN FOREIGN COUNTRY ABROAD विदेश में नौकरी लगेगी कब तक
विदेश में नौकरी करेगे या देश मे ही या विदेश ने नौकरी चाहिए तो क्या विदेश में नौकरी लग पाएगी और लगेगी तो कब तक आज इसी बारे में बात करते है...
कुंडली का 10वा भाव कार्यक्षेत्र/रोजगार(नौकरी)का है तो 12वा भाव विदेश का है तो शनि और राहु केतु विदेश में जॉब कराने वाले ग्रह।
अब दसवाँ भाव,भाव स्वामी और बारहवां भाव, बारहवे भाव स्वामी दोनो बलवान और शुभ होकर आपस मे शुभ स्थिति में सम्बन्ध बनाकर बैठे है और विदेश ग्रह शनि और राहु केतु बलवान और शुभ है तब विदेश में नौकरी मिल जाएगी क्योंकि विदेश में नौकरी के लिए दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी का 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी से शनि या राहु केतु सहित बलवान शुभ स्थिति में सम्बन्ध होना जरूरी है।
अब विदेश नौकरी योगो में दसवाँ भाव और दसवे भाव स्वामी जितना ज्यादा बलवान और शुभ होगा विदेश में नौकरी उतनी ज्यादा अच्छी मिलेगी,इसके अलावा अच्छे नौकरी योग होने पर दसवे भाव, या दसवे भाव स्वामी सम्बन्ध शुभ स्थिति में 8वे भाव या 8वे भाव स्वामी से राहु केतु या शनि सहित है तब भी विदेश में नौकरी मिल जाएगी।
#उदाहरण_अनुसार_मीन_लग्न1:-मीन लग्न में दसवे भाव स्वामी गुरु अच्छे नौकरी योग बनाकर 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी शनि से सम्बन्ध बनाकर बैठा है शनि या राहु सम्बन्ध सहित तब विदेश में नौकरी और कैरियर अच्छा मिलेगा, विदेश नौकरी जीवन मे आगे बढ़ाएगी।।
#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न2:-मिथुन लग्न में दशमेश गुरु 12वे भाव स्वामी शुक्र से शनि या राहु सहित बलवान और शुभ स्थिति में सम्बन्ध बना रहा है और दसवाँ भाव बलवान है या नौकरी स्वामी गुरु 12वे भाव मे बलवान होकर शनि के साथ नौकरी योग बनाकर सूर्य मंगल या शुक्र ग्रह के साथ है तब विदेश में नौकरी मिल जाएगी, विदेश में नौकरी अच्छा कैरियर देगी।।
#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न3:- यहाँ दशमेश(दसवे भाव स्वामी)बुध बलवान होकर 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी सूर्य से शनि या राहु सहित सम्बन्ध में है और दशमेश बुध व विदेश स्वामी सूर्य और 10वा+12वा भाव भी बलवान और शुभ है तब विदेश में नौकरी मिलकर अच्छी नौकरी चलेगी।।
#अब जब दसवे भाव सम्बन्धी, या 12वे भाव सम्बन्धी ग्रहो का समय आएगा विदेश जाने का तब समय नौकरी के लिए बन जायेगा।
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