Monday, November 22, 2021

DOCTOR MEDICAL NURSE BANNE KA YOG डॉक्टर चिकत्सा नर्स बनने का योग

DOCTOR MEDICAL NURSE BANNE KA YOG डॉक्टर चिकत्सा नर्स बनने का योग




मुख्य चिकित्सा अधिकारी या चिकित्सा अधिकारी बनने के लिए मेडिकल डिग्री आदि डिग्री का होना, मेडिकल एग्जाम पास करना जरूरी है आदि।कुंडली का दसवाँ भाव अधिकारी बनने से सम्बंधित है तो छठा भाव मेडिकल लाइन/चिकित्सा से सम्बंधित है तो सूर्य गुरु मंगल और कुंडली मे बना राजयोग अधिकारी बनाने के लिए जिम्मेदार ग्रह है।अब दसवे भाव/भाव स्वामी (अधिकारी भाव)का सम्बन्ध छठे भाव या छठे भाव स्वामी(चिकित्सा विभाग)से है और इस सबन्ध में बलवान ग्रहो सूर्य या मंगल या गुरु का भी सम्बन्ध है राजयोग सहित तब चिकित्सा अधिकारी बन जायेंगे, दसवे भाव स्वामी उच्च ग्रहो से सम्बन्ध में है तब बड़े मतलब मुख्य चिकित्साधिकारी बन जायेंगे।चिकित्सा अधिकारी बनने में ही अच्छा कैरियर रहेगा।अब कुछ उदाहरणो से समझते है यदि चिकित्सा क्षेत्र में है तो क्या चिकित्सा अधिकारी या मुख्य चिकित्साधिकारी बन पाएंगे





#उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-

वृष लग्न में दसवे भाव स्वामी का सम्बन्ध छठे भाव या छठे भाव स्वामी शुक्र से अधिकारी ग्रहो सूर्य गुरु या केवल सूर्य मंगल सहित बलवान स्थिति में तब चिकित्सा अधिकारी बन जायेंगे, और दसवा भाव और दशमेश शनि ज्यादा ही बलि है तब मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनेगे।

#उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न2:-

कर्क लग्न में दशमेश मंगल का छठे भाव या छठे भाव स्वामी खासकर गुरु से मंगल का बलवान स्थिति में सम्बन्ध है या छठे भाव स्वामी गुरु दसवे भाव मे बैठा है कोई राजयोग बनाकर सूर्य मंगल सहित तब चिकित्सा अधिकारी बन जायेंगे।दशमेश मंगल अधिक बलवान है तब मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनेगे।

#उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न3:- तुला लग्न में दशमेश चन्द्रमा गुरु के साथ बलवान स्थिति में मंगल या सूर्य सहित सम्बन्ध में है या छठे भाव स्वामी गुरु का दसवे भाव से सूर्य मंगल सहित सम्बन्ध है तब मुख्य चिकित्सा अधिकारी बन जायेंगे।

मुख्य चिकित्साधिकारी बनने के योगो के लिए योग है तब निश्चित ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी दसवे या छठे भाव सम्बन्धी ग्रहो का।समय आते ही बन जाएंगे।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )