Wednesday, November 24, 2021

CARRIER IN POLITICS नेता बनने का योग

CARRIER IN POLITICS नेता बनने का योग




कौन चुनाव में खड़े हो सकते है(चुनाव लड़कर विजयी) हो सकते है ओर क्या चुनाव में सफलता मिलेगी आज इसी विषय पर बात करते है।चुनाव लड़ना मतलब जनता के द्वारा चुने जाने पर पद प्रतिष्ठा, अधिकार, धन, सम्मान आदि का मिलना।विधायक बनने के लिए, लोकसभा, न्यापालिका, राजजीति में, ग्राम पंचायत चुनावो में, और आजकल तो कॉलेज कर धार्मिक स्थानों में भी चुनाव करके पदभार मिलता है।आज हम बात करेंगे राजनीति से सम्बंधित चुनाव की।। आज बात करते है चुनावो में खड़े होने और कब चुनाव में जीत मिलेगी या नही, और कब कब चुनावी सफलता का समय अच्छा है और क्या चुनाव में खड़े होने पर सफलता मिलेगी या नही?

कुंडली का छठा भाव चुनाव लड़ने का तो दसवाँ भाव चुनाव में जितने के बाद पद प्राप्ति का है।छठा(चुनावी लड़ाई, प्रतिस्पर्धा(Compitition) और दसवाँ भाव(राजनीति पद प्रतिष्ठा/राजनीति अधिकार का है) अब छठा भाव और दसवाँ भाव साथ ही इनके स्वामी कुंडली मे अच्छी स्थिति में है शक्तिशाली है और चुनाव लड़ने के समय/चुनाव में खड़े होने के समय अच्छा चल रहा है तब चुनाव में सफलता मिलकर विजयी हो जायेगे, राजनीति चुनाव या राजनीति से सम्बन्धी किसी भी शाखा का चुनाव जैसे विधायक, ग्राम पंचायत या लोक लोकसभा, विधानसभा, न्यायपालिका आदि के लिए छठे दसवे भाव सहित चौथा भाव(जनता) अच्छा होना चाहिए क्योंकि जनता का है, विश्वविधालय में कॉलेज नेता के लिए 5वा भाव भी अच्छा होना चाहिए साथ ही दसवे भाव , भावेश का बलवान होकर राजनीति कारक ग्रहो सूर्य गुरु शनि मंगल व राहु इन ग्रहों या इनमे से किसी भी ग्रहो के साथ अच्छी स्थिति में है साथ ही बलवान छठे भाव, बलवान दसवे भाव की या इन भावों, इनभावो के स्वामियों से सम्बंधित शुभ शक्तिशाली ग्रहदशा चुनाव के दौरान चल रही है तब चुनाव में सफलता मिलकर विजयी होंगे और अच्छा चुनाव जीतकर पद प्राप्ति हो जाएगी।अब इस बात को ओर आसान तरह से समझने के लिए कुछ उदाहरणों से समझते है:-

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न1:-

मिथुन लग्न कुंडली मे दसवे भाव स्वामी गुरु है तो छठे भाव का स्वामी मंगल है, तो चौथे भाव जनता भाव का स्वामी बुध है, वेब छठा भाव स्वामी मंगक छठे भाव मे बैठे साथ ही दशमेश गुरु चौथे भाव स्वामी बुध के साथ शुभ स्थिति में है और सरकार कारक सूर्य भी गुरु बुध के साथ बलवान स्थिति में संबंन्ध करे मतलब सूर्य गुरु बुध बलवान होकर बैठ तब चुनावी सफलता के योग है अब चुनाव के समय इन्ही सूर्य गुरु बुध में से किसी की भी महादशा अंतरदशा चल रही है तब चुनाव में विजयी होकर सफलता मिलेगी।।

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-

यहाँ दशमेश शुक्र है तो छठे भाव का स्वामी शनि है अब छठे भाव स्वामी शनि और छठा भाव बलवान रहे शनि अस्त नीच पीड़ित न हो , न ही छठे घर मे नीच अस्त पीड़ित ग्रह है साथ ही अब दसवे भाव का स्वामी शुक्र यहां राजनीति कारक सूर्य और गुरु के साथ सम्बन्ध बनाकर बैठा है और चौथा भाव भावेश मंगल(जनता) तब चुनाव में लड़ने पर सफलता निश्चित मिलेगी।।

#उदाहरण_वृश्चिक_लग्न_अनुसार3:-

वृश्चिक लग्न में दसवे भाव स्वामी सूर्य 5वे भाव स्वामी गुरु व चौथे भाव स्वामी शनि से संबंन्ध करे साथ ही छठा भाव और छठे भाव स्वामी मंगल बलवान है तब राजनीति में चुनावी सफलता मिलकर अच्छा पद मिल जाएगा, यहाँ ऐसे लोग विश्वविद्यालय में भी छात्र नेता के लिए भी चुनाव में खड़े हो तब चुनावी छात्र नेता भी बन जायेंगे 5वे भाव संबमध के कारण।।

#इस तरह से उपरोक्त स्थिति कुंडली मे योगों की है तब चुनाव में खड़े होने पर,जिस भी पद का चुनाव लड़ रहे है(चुनाव में कहे होंगे) चाहे विधायक हो, लोकसभा ,विधानसभा चुनाव होज़ ग्राम पंचायत चुनाव हो आदि उसमे सफलता मिलेगी।।

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