Wednesday, November 24, 2021

JOB IN RAILWAY POLICE रेलवे में पुलिस की नौकरी

JOB IN RAILWAY POLICE रेलवे में पुलिस की नौकरी



रेलवे पुलिस अधिकारी या रेलवे में पुलिस की नौकरी के बारे में बात करते है रेलवे पुलिस रेल और रेल विभाग से ही काम करती है।कुंडली का तीसरा भाव रेल और पुलिस दोनों का ही होता है तो दसवाँ भाव कैरियर कार्यक्षेत्र या नौकरी का है तो शनि मंगल दोनो ही ग्रह रेलवे पुलिस के कारक ग्रह है क्योंकि शनि रेल विभाग या रेलवे में नौकरी देने वाला है तो मंगल रेलवे में पुलिस अधिकारी बनाने वाला तो सूर्य गुरु उच्च पद अधिकारी बनाने में सहायक ग्रह।अब दसवें भाव या दसवे भाव स्वामी का सम्बन्ध तीसरे भाव या तीसरे भाव स्वामी(रेलवे और पुलिस/यातायात भाव) सहित 12वे भाव से भी हो या 12वे भाव स्वामी(दूर आने जाने वाला भाव)से हो मंगल शनि सूर्य या गुरु सहित तब रेलवे में पुलिस अधिकारी बन जायेंगे, दसवाँ भाव और भावेश जितना ज्यादा बलवान शुभ और राजयोग आदि में होगा उतने ही बड़े पुलिस अधिकारी रेलवे में बन जाएंगे।।

अब कुछ उदाहरणों से समझते है कौन लोग रेलवे में पुलिस अधिकारी या रेलवे में पुलिस की नौकरी करके सफल हो सकते है किन लोगों को रेलवे(रेल विभाग)में पुलिस की नौकरी मिल पाएगी

#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न1:-

कन्या लग्न में दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी बुध का सम्बंध तीसरे भाव या तीसरे भाव स्वामी सहित सूर्य से हो शनि भी दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी बुध से सम्बन्ध किया हो जैसे शनि सूर्य बुध आपस मे संबध में हो और मंगल दसवे भाव मे बैठे या दसवे भाव को देख रहा है तब पुलिस अधिकारी रेलवे में बन जायेंगे।

#उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न2:-

धनु लग्न में दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी बुध का तीसरे भाव स्वामी शनि या तीसरे भाव से सम्बन्ध और मंगल का संबंध भी दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी बुध से बलवान स्थिति में है तब रेलवे में पुलिस अधिकारी बन जायेंगे।

#उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:-

मकर लग्न में दशमेश शुक्र गुरु शनि से या दसवे भाव से गुरु मंगल का सम्बंध है और दशमेश शुक्र शनि के साथ सम्बन्ध में हैं तब रेलवे में पुलिस अधिकारी बन जायेंगे। दसवाँ भाव और दशमेश जितना ज्यादा बलवान होगा रेलवे पुलिस बनने पर उतने ही बड़े पुलिस अधिकारी बन जायेंगे या बनेंगे।

WILL YOU HAVE LOVE MARRIAGE लव मैरिज प्रेम विवाह होगा या नहीं

 WILL YOU HAVE LOVE MARRIAGE लव मैरिज प्रेम विवाह होगा या नहीं



लव मैरिज मतलब प्रेम विवाह। आज इसी बारे में बात करते है लव मैरिज क्या हो पाएगी और कब तक या नही हो पाएगी साथ ही लव मैरिज होने में प्रॉब्लम आ रही है तो क्या करे और कैसी रहेगी शादी(लव मैरिज)आदि? लव मैरिज करने के लिए या लव मैरिज हो जाये इसके लिए दोनो लोगो की कुंडली मे लव मैरिज होने की स्थिति होना चाहिए तब ही जिससे लव मैरिज करना चाहते है या चाहती है तब ही लव मैरिज उसके साथ हो पाएगी या स्वयं की कुंडली मे अच्छी स्थिति में लव मैरिज योग हैं यो लव मैरिज होगा ही....

कुंडली का 7वा भाव शादी का है तो 5वा भाव लव(प्यार)का है इसी लिए जरूरी है सातवाँ और सातवें भाव स्वामी बलवान होने के साथ शादी होने के योग होने चाहिए साथ ही अब पांचवा भाव और पांचवा भाव स्वामी भी बलवान और शुभ स्थिति में होना जरूरी है।अब 7वे भाव या भाव स्वामी का बलवान और शुभ होकर 5वे भाव स्वामी या 5वे भाव से किसी भी तरह सम्बंध होने या दृष्टि से देख रहे हो तब प्रेम विवाह/ लव मैरिज हो जाएगी या 5वे और 7वे भाव या भाव स्वामियों के आपस मे कोई संबध भाव या भाव स्वामी से नही भी है या दोनो भावों का आपस मे सम्बंध नही है तब 5वा और 7वा दोनो भाव बलवान और शुभ होकर 5वे भाव स्वामी 5वे भाव को और 7वा भाव सातवे भाव को दृष्टि देकर या अपने भावों में बैठकर अपने अपने भावों को बल दे रहे ही तब भी इस स्थिति में लव मैरिज हो जाएगी।अब कुछ उदाहरणों से समझते है लोवर मैरिज कैसे हो पाएगी और कब नही हो पाएगी और लव मैरिज योग हैं होने के लेकिन बाधा आ रही है होने में तो क्या उपाय करें??

#उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में 7वे भाव स्वामी शुक्र और 5वे भाव स्वामी सूर्य और यह दोनों भाव बलवान होकर आपस मे सम्बन्ध किये है या सूर्य 7वे भाव को देख रहा है या शुके 5वे भाव को देख रहे है 5वे भाव मे बलवान होकर बैठा है आदि तब लव मैरिज हो जाएगी और लव मैरिज होंगी।

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न2:-

मिथुन लग्न में 5वे भाव स्वामी शुक्र और 7वे भाव स्वामी गुरु और यह दोनों भाव बलवान और शुभ हो या है और आपस मे सम्बन्ध किये है या फिर शादी स्वामी गुरु 5वे भाव(लव भाव) से या लव मैरिज स्वामी शुक्र 7वे भाव(शादी भाव) से सबन्ध किया है या शुक्र 5वे भाव मे ही बैठा है या देख रहा है और गुरु 7वे भाव मे बैठा या देख रहा है तब लव मैरिज होंगी/लव मैरिज हो जाएंगी।

#उदाहरण_अनुसार_कुम्भ_लग्न3:-

कुम्भ लग्न है तब सूर्य बुध का आपसी संबंध या फिर बुध का 7वे भाव(शादी भाव) से सम्बन्ध होने से या फिर 5वे भाव(लव भाव) से शादी स्वामी ग्रह सूर्य का सम्बन्ध है तब लव मैरिज हो जाएगी/लव मैरिज होंगी।।

अगर 7वा और 5वा भाव और इनके स्वामी बहुत कमजोर या पाप/अशुभ ग्रहों से पीड़ित हैं तब लव मैरिज होने में दिक्कत आएगी जो कि उपाय करने से जो भी दिक्कतें आ रही है या लव मैरिज होने में हो रही है दूर हो लव मैरिज हो जाएगी।

FOREIGN ABROAD TRAVEL विदेश जाना

FOREIGN ABROAD TRAVEL विदेश जाना



आज के समय में विदेश के लिए 100% में से 70%लोग इच्छा विदेश में नौकरी करने की, विदेश जाकर कैरियर बनाने की, विदेश जाकर स्थाई निवास करने की आदि विदेश की इच्छा रखते है लेकिन विदेश में उन्ही लोगो का जीवन यापन होगा और अच्छा मुकाम मिलेगा जिनकी कुंडलियो में विदेश की सभी तरह से अच्छी स्थितियां होगी आदि....

कुंडली का 12वा और 8वा भाव विदेश का है इसमे भी 12भाव मुख्य है 12वे या 8वे भाव खासकर 12वे भाव की अच्छी स्थिति होगी शनि राहु केतु भी अच्छी स्थिति में होंगे तब विदेश भाव अच्छा है अब 12वे भाव की स्थिति अच्छी होने के साथ साथ यदि चौथे भाव(निवास स्थान) या 10वे भाव(कैरियर/रोजगार)या 9वे भाव(भाग्य)का सम्बन्ध 12वे भाव से शुभ और अच्छी स्थिति में बना हुआ है और विदेश के कारक ग्रह शनि राहु केतु अच्छी स्थिति में है तब विदेश जाना ही जीवन मे अच्छी स्थिति सभी तरह से देगा, ऐसी स्थिति में लग्नेश का सम्बन्ध भी 12वे भाव से है तब भी विदेश जीवन अच्छा रहेगा।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कौन लोग विदेश में जा सकते है और विदेश में जाकर सब अच्छा क्या रहेगा और किन लोगो के लिए विदेश के लिए अच्छी स्थिति हैं हर तरह से??

#उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न1:-

यहाँ 12वे भाव स्वामी बुध है अब बुध और 12 भाव बलवान और शुभ होकर चौथे भाव या भाव स्वामी से या 10वे भाव या 10 वे भाव स्वामी से बलवान स्थिति में सम्बंध में है विदेश सुख ग्रहो शुभ और बलवान शनि या राहु केतु सहित तब विदेश जाना, विदेश में जाकर निवास करना, विदेश में जॉब या बिजनेस के लिए जाने से जीवन अच्छा और शानदार बनकर अच्छा बन पाएगा।

#उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न2:-

मकर लग्न में 12वे भाव स्वामी गुरु और 12वा भाव बलवान और शुभ स्थिति में होने के साथ अब 12वे भाव से चौथे भाव(स्थाई निवास स्थान भाव)का या 10वे और 9वे भाव का या लग्नेश का सम्बन्ध है और शनि राहु केतु शुभ स्थिति में है तब विदेश जाना जीवन को अच्छा बनाएगा, 12वे भाव का चौथे भाव या लग्न/लग्नेश से सम्बन्ध स्थाई निवास के लिए और 9वे भाव से है तब भाग्योदय के लिए और 10वे भाव से है तब कैरियर,रोजगार के लिए विदेश जाना जीवन को अच्छा करेगा।

#उदाहरण_कुम्भ_लग्न_अनुसार3:-

यहाँ 12वे भाव स्वामी शनि का और 12वे भाव का शुभ होकर 9वे या 10वे या चौथे भाव से शुभ स्थिति में सम्बन्ध विदेश जाने और अच्छे जीवन के लिए विदेश जाना या विदेश जाकर अच्छा होगा।

#नोट:-

विदेश के लिए शुभ स्थिति नही है या विदेश जाना या विदेश जाकर जीवन शुभ नही है तब विदेश न जाना अच्छा होगा और विदेश के लिए जीवन अच्छा लिखा है तब विदेश जाकर जीवन अच्छा होगा।

HOW IS YOUR LUCK तुम्हारा भाग्य कैसा है

HOW IS YOUR LUCK तुम्हारा भाग्य कैसा है


आज बात करूँगा किस बारे में जातक/जातिका का भाग्य कैसा है जैसे कैरियर, शादी, वैवाहिक जीवन, धन-दौलत,संतान,शिक्षा, मकान, जमीन सहयोग रिश्तेदारों आदि के सम्बन्ध में जिस भी बारे में भाग्य अच्छा है उस सम्बन्ध में शुभ परिणाम भाग्य से आसानी से मिल जायेगे आदि और जिस बारे में भाग्य अच्छा नही है उस बारे में अच्छा साथ भाग्य के लिए नही होगा।अब समझते है कैसे

कुंडली का9वा भाव और भाव स्वामी भाग्य का है तो सूर्य गुरु भाग्योदय ग्रह।अब 9वा भाव और 9वा भाव स्वामी सबसे पहले अच्छा होना जरूरी है,9वा भाव और 9वे भाव का स्वामी जितना ज्यादा बलवान और शुभ स्थिति में होगा भाग्य उतना ज्यादा बलवान और अच्छा है लेकिन अब किस सम्बन्ध में कैसा है भाग्य इसके लिए जरूरी है 9वे भाव या 9वे भाव स्वामी का सम्बन्ध उस फल या जिस सम्बन्ध में भाग्य का जानना है उस फल या कुंडली के उन ग्रहो के साथ सम्बन्ध अच्छा होना चाहिए और वह ग्रह भी अच्छी स्थिति में होने से भाग्य का पूर्ण अच्छा साथ होगा, जबकि 9वे भाव और 9वे भाव स्वामी का सम्बन्ध अच्छी स्थिति में नही है तब उस सम्बन्ध में भाग्य अच्छा नही करेगा लेकिन उपाय करके ऐसी स्थिति को अनुकूल बनाया जा सकता है बाकी भाग्य का सम्बन्ध राजयोग में है तब सोने पर सुहागा वाली बात है।अब कुछ उदाहरणो से समझते किस सम्बन्ध में भाग्य कैसा है आदि???

#उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

यहाँ 9वे भाव स्वामी गुरु है अब गुरु और 9वे भाव बलवान और शुभ स्थिति में होने के बाद अब 9वा भाव स्वामी गुरु 7वे और चौथे भाव स्वामी और इन भावो का सम्बन्ध 9वे भाव स्वामी और 9वे भाव के साथ अच्छी स्थिति और सम्बन्ध है तब शादी और मकान के लिए भाग्य ज्यादा से ज्यादा अच्छा रहेगा और अच्छा साथ देगा,जैसे नवमेश गुरु और नवे भाव से चौथे भाव और भाव स्वामी चन्द्र साथ ही 7वे भाव और भाव स्वामी शुक्र अच्छे सम्बन्ध या भाग्य से अच्छी स्थिति में बैठे है तब शादी,वैवाहिक जीवन और जमीन,मकान आदि के लिए भाग्य काफी ज्यादा अच्छा रहेगा।

अब भाग्य किन चीज के लिए ज्यादा साथ देने वाला या अच्छा नही है उदहारण से समझते है??

#उदाहरण_अनुसार_वृश्चिक_लग्न2:-

वृश्चिक लग्न में भाग्य स्वामी चंद्रमा है अब चन्द्रमा और 9वा भाव दोनो ही अत्यधिक शुभ और बलवान स्थिति में है लेकिन 10वे भाव से या 10वे भाव स्वामी से भाग्य का सम्बन्ध और स्थिति अच्छी नही है तब भाग्य 10वे भाव सम्बन्ध जैसे कैरियर, जॉब व्यापार रोजगार के लिए भाग्य कमजोर है या रहेगा ऐसी स्थिति में उपाय करने से भाग्य कैरियर रोजगार जॉब बिजनेस के लिए अनुकूल होकर साथ दे पायेगा।

अन्य उदाहरण अनुसार
#उदाहरण_धनु_लग्न_अनुसार3:-

धनु लग्न में 9वे भाव(भाग्य भाव स्वामी)स्वामी सूर्य है अब सूर्य और 9वा भाव दोनो बलवान और शुभ स्थिति में ज्यादा से ज्यादा ग्रहो से सम्बन्ध बनाकर अधिक ग्रहो के साथ राजयोग बनाये तब भाग्य बहुत अच्छा साथ देगा कई चीजो के लिये।
मतलब 9वे भाव या 9वे भाव स्वामी से जितने ज्यादा कुंडली के ग्रहो का सम्बन्ध ज्यादा स्व ज्यादा शुभ अच्छी स्थिति में बलवान होकर होगा या है उतना ही ज्यादा भाग्य उन उन ग्रहो के लिए अच्छा साथ और फल देगा, जैसे विवाह के लिए भाग्य अच्छा है तब पूरा साथ विवाह होने और वैवाहिक जीवन मे देगा जबकि विवाह के लिए 9वे भाव भाग्य का सम्बन्ध अच्छा नही है तब शादी ,वैवाहिक जीवन के लिए भाग्य साथ नही देगा आदि।

SHOULD I TRY FOR GOVERNMENT JOB सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करे या नही

 SHOULD I TRY FOR GOVERNMENT JOB सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करे या नही



सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करते करते जीवन का बहुत समय निकल जाता है कैरियर को लेकर जिससे जॉब या बिजनेस या अन्य किसी रोजगार में कैरियर पर ध्यान नही जाता है इसी कारण आज इसी बारे में बात करते है कि सरकारी नौकरी किस्मत में है या नही और सरकारी नौकरी के लिए प्रयास करे या नही साथ ही सरकारी नौकरी है तो किस क्षेत्र में प्रयास करे,किस क्षेत्र में कौन सी सरकारी नौकरी मिल पाएगी या फिर जिसमें सफलता लिखी है जैसे बिजनेस करे या अन्य कोई क्षेत्र में आगे बढ़े जिससे समय रहते सफलता मिल जाये आदि।

#कुंडली का 10वा भाव सरकारी नौकरी का है तो मुख्य रूप से सूर्यमंगल और राजयोग कारक गुरु सरकारी नौकरी कारक ग्रह है।अब बलवान 10वे भाव और बलवान 10वे भाव स्वामी से शुभ और बलवान सूर्य या मंगल या राजयोग कारक गुरु का सम्बन्ध होगा बलवान और शुभ स्थिति में तब ही सरकारी नौकरी मिलेगी तब ही प्रयास करना चाहिए बाकी किस क्षेत्र में मिलेगी इसे कुछ उदाहरणो से समझेंगे इसके विपरीत सरकारी नौकरी के लिए रोजगार नही है तब व्यापार के योग तो व्यापार में या अन्य जिस क्षेत्र में सफलता मिलना लिखा हो उस क्षेत्र में आगे बढ़ना अच्छा रोजगार, अच्छी सफलता ,अच्छा कैरियर बन पाएगा आदि।अब कुछ उदाहरणों से इन सब बातों को समझते है:-


#उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-

वृष लग्न में दसवे भाव स्वामी बलवान शनि का या दसवे भाव का बलवान सूर्य या मंगल से अच्छी स्थिति में सम्बन्ध है तब सरकारी मिल जाएगा ,प्रयास करना भी सफलता देगा जबकि सूर्य या मंगल या कोई सम्बन्ध 10वे भाव या 10वे भाव स्वामी शनि से नही है तब सरकारी नोकरी पप्रयास करने पर भी नही मिलेगी ऐसी स्थिति में जिस भी क्षेत्र जैसे व्यापार, प्राइवेट जॉब या अन्य जिस क्षेत्र में सफलता मिलना लिखा है उसमें आगे बढ़ने से अच्छा कैरियर बनकर सफलता मिलेगी।।

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-

सिंह लग्न में दसवे भाव या बलवान दसवे भाव स्वामी शुक्र से सरकारी जॉब ग्रहो सूर्य या मंगल या राजयोग बनाकर बैठे गुरु का सम्बन्ध है तब तो सरकारी नोकरी प्रयास करने पर या सरकारी नोकरी मिल जाएगी।जबकि सम्बन्ध नही है तब नही मिल पाएगी ऐसी स्थिति में जिस क्षेत्र में सफलता है उसी में कुंडली अनुसार क्षेत्र में सफलता लिखी है आगे बढ़ने से सफलता रोजगार और कैरियर बनाने में मिलेगी।।

#उदाहरण_अनुसार_मीन_लग्न3:-

मीन लग्न में बलवान दसवे भाव स्वामी गुरु से या 10से भाव से बलवान मंगल या सूर्य का सम्बन्ध है तब सरकारी जॉब के लिए प्रयास करने से जरूर मिलेगी जबकि सम्बन्ध सूर्य मंगल का नही है तब नही मिलेगी ऐसी स्थिति में गुरु और दसवा भाव व्यापार के यौन बनाकर बैठा हो तब व्यापार या प्राइवेट जॉब के योग सफलता के बनाकर बैठा हो तब प्राइवेट जॉब या अन्य जिस क्षेत्र में योग है उस क्षेत्र में आगे रोजगार प्राप्ति और कैरियर के लिये बढ़ने से समय रहते रोजगार में सफलता मिल जाएगी।।

WHEN I WILL BE DEBIT FREE कब कर्ज उतरेगा

WHEN I WILL BE DEBIT FREE कब कर्ज उतरेगा


आज बात करते है कर्ज यह कब तक उतरेगा, कब कर्ज उतरने का समय आ रहा है और किस तरह से कर्ज उतरेगा कौन सा रास्ता मिलेगा या कौन सा रास्ता अपनाए जिससे कर्ज उतर जाए और आर्थिक स्थिति भी अच्छी हो जाये।

कुंडली का छठा भाव कर्ज का है तो दूसरा और ग्यारहवा भाव धन से सम्बंधित है।अब जब छठा भाव या छठे भाव स्वामी से धन भावों ,धन संबंधी ग्रहो या राजयोग ग्रहो का सम्बन्ध होता है तब अधिकतर कार्य कर्ज से ही होते है।अब छठा भाव और इस भाव का स्वामी शुभ और बलवान स्थिति में है साथ ही दूसरे और ग्यारहवे भाव भी अच्छी स्थिति में है तब इन्ही भावों या इन भावों से सम्बंधित ग्रहो की महादशा या अंतरदशा आने और कर्ज से पीछा छूट जाएगा।अब लेकिन छठा भाव/छठे भाव स्वामी अशुभ या पीड़ित अवस्था मे है तब कर्ज न तो समय से उतरेगा और कर्ज के कारण दिक्कत होंगी ऐसी स्थिति में उपाय ही कर्ज से मुक्त करेगा।अब किस रास्ते से और कैसे कर्ज उतरेगा क्या रास्ता कर्ज उतरने का बन रहा है और धन आने का बन रहा है जिससे कर्ज उतरेगा और कब तक कर्ज उतर जाएगा धन आ जायेगा और कहाँ से आदि यह सब कुछ उदाहरणों से समझते है अब??

#उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में छठा भाव स्वामी बुध है अब बुध और छठा भाव यहाँ पीड़ित और अशुभ स्थिति में है दूसरे या ग्यारहवें भाव सहित तब कर्ज रहेगा लेकिन दूसरा/ग्यारहवा भाव बलवान है और छठा भाव भी अपने स्वामी सहित अच्छी स्थिति में है तब कर्ज उतर जाएगा, जैसे छठे भाव स्वामी बुध बलवान और शुभ स्थिति में है और दूसरे या ग्यारहवे भाव (धन भावो)का संबध 5वे भाव या पाचवे भाव स्वामी से है तब संतान के माध्यम से या शेयर बाजार, लॉटरी आदि से पैसा आने के बाद कर्ज उतरेगा।

#उदाहरण_अनुसार_मीन_लग्न2:-

अब मीन लग्न में छठे भाव स्वामी सूर्य यहां दूसरे भाव या दूसरे भाव स्वामी मंगल के साथ सम्बन्ध किये हो या छठा भाव और भावेश पीड़ित हो और दशा चल रही हो तब कर्ज रहेगा ही,लेकिन थोड़ा बहुत भी छठा भाव और भाव स्वामी अच्छी स्थिति में है और दूसरे या ग्यारहवे भाव का सम्बन्ध बलवान और शुभ स्थिति में है 10वे भाव या भाव स्वामी से है तब व्यापार या जहाँ काम कर रहे वही से अतिरिक्त पैसा मिलकर कर्ज उतरेगा जबकि धन और कर्ज ग्रहो का संबमध शुभ स्थिति में 9वे भाव या भाव स्वामी से है तब किस्मत और भाग्य से पैसा किसी भी माध्यम से आकर कर्ज उतर जाएगा।

#नोट:-

जितना अच्छी स्थिति में छठा भाव,छठे भाव स्वामी है या होगा धन भावों सहित कर्ज उतनी आसानी से जल्दी उतर जाएगा बस जो भी रास्ता बन रहा है कर्ज उतरने का उस रास्ते को अपनाया जाए।

WHO CAN DO MILK DAIRY BUSSINESS दूध डेरी बिजनेस कौन कर सकते है

WHO CAN DO MILK DAIRY BUSSINESS दूध डेरी बिजनेस कौन कर सकते है




दूध का व्यवसाय(बिजनेस)रोज की बिक्री का है।इसी कारण दूध व्यवसाय करने और दूध व्यवसाय में सफलता पाने और अच्छा धन लाभ होता रहे इसके लिए कुंडली मे दूध व्यवसाय से धनलाभ होने और दूध व्यवसाय में सफल होने के योग होना जरूरी है आज बात करते है इसी बारे में दूध दही डेरी कौन खोल सकते है और किनको धन कमाई इस व्यापार से होती रहेगी और किनका यह काम अच्छा चलेगा।अब कुंडली का 7वा भाव डेली बिक्री व्यवसाय का है तो दूसरा भाव धन और 11वा भाव धनलाभ/धन कमाई का है तो चन्द्रमा दूध,दही, मक्खन, मावा जैसी चीजो का कारक ग्रह है तो बुध बिजनेस में सफलता देने वाला ग्रह है।अब 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी का(डेली बिक्री वस्तु व्यवसाय)का सम्बन्ध 11वे भाव या 11वे भाव स्वामी(धन लाभ/धन कमाई) से अच्छी स्थिति में है और दुसरा भाव और दूसरा भाव स्वामी(धन रुपया भाव) भी बलवान है बलवान और शुभ चन्द्रमा का सम्बन्ध सातवें भाव या 7वे भाव स्वामी से है शुक्र गुरु ग्रहो सहित तब दूध व्यवसाय अच्छा चलेगा, दूध डेरी खोलकर दूध,दही बिक्री आदि कर सकते है अब 11वा और दूसरा भाव और भाव स्वामी जितना ज्यादा बलवान होगा धनलाभ उतना ज्यादा होगा, बाकी दसवाँ भाव भी बलवान है तब बड़े स्तर पर डेरी का काम सफलता देगा।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कौन लोग दूध डेरी खोलकर धनलाभ कमा सकते है?

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न1:-

मिथुन लग्न में यदि व्यवसाय भाव स्वामी गुरु का सबन्ध 11वे भाव या 11वे भाव स्वामी मंगल सहित धन स्वामी बलवान और शुभ चन्द्रमा से तब दूध व्यवसाय से अच्छा लाभ रहेगा इस चन्द्रमा सहित गुरु शुक्र का भी सम्बन्ध है 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी से तब दूध व्यवसाय अधिक से अधिक धन लाभ देगा और दूध दही,मावा डेरी का काम अच्छा चलेगा।

#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न में व्यवसाय भाव 7वे भाव स्वामी गुरु बलवान होकर चन्द्रमा शुक्र से है या दूसरे ग्यारहवे भाव सहित चन्द्र शुक्र से भी है और बिजनेस ग्रह बुध अत्यंत बलवान है तब दूध दही डेरी खोलने से अच्छा भाग्योदय हो जाएगा, अच्छा काम चलेगा।

#उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:-

धनु लग्न में 7वे भाव स्वामी बुध का सम्बन्ध शुक्र और चंद्रमा बलवान और शुभ है साथ ही दूसरा भाव, दूसरे भाव स्वामी शनि, ग्यारहवां भाव ग्यारहवे भाव स्वामी शुक्र(धन भाव, धनलाभ भाव)बलवान है बुध अत्यंत बलवान है तब दूध डेरी खोलने से या डेरी का काम करने से अच्छा व्यवसाय चलेगा और अच्छी कमाई इस काम को करके होती रहेगी।

CARRIER IN POLITICS नेता बनने का योग

CARRIER IN POLITICS नेता बनने का योग




कौन चुनाव में खड़े हो सकते है(चुनाव लड़कर विजयी) हो सकते है ओर क्या चुनाव में सफलता मिलेगी आज इसी विषय पर बात करते है।चुनाव लड़ना मतलब जनता के द्वारा चुने जाने पर पद प्रतिष्ठा, अधिकार, धन, सम्मान आदि का मिलना।विधायक बनने के लिए, लोकसभा, न्यापालिका, राजजीति में, ग्राम पंचायत चुनावो में, और आजकल तो कॉलेज कर धार्मिक स्थानों में भी चुनाव करके पदभार मिलता है।आज हम बात करेंगे राजनीति से सम्बंधित चुनाव की।। आज बात करते है चुनावो में खड़े होने और कब चुनाव में जीत मिलेगी या नही, और कब कब चुनावी सफलता का समय अच्छा है और क्या चुनाव में खड़े होने पर सफलता मिलेगी या नही?

कुंडली का छठा भाव चुनाव लड़ने का तो दसवाँ भाव चुनाव में जितने के बाद पद प्राप्ति का है।छठा(चुनावी लड़ाई, प्रतिस्पर्धा(Compitition) और दसवाँ भाव(राजनीति पद प्रतिष्ठा/राजनीति अधिकार का है) अब छठा भाव और दसवाँ भाव साथ ही इनके स्वामी कुंडली मे अच्छी स्थिति में है शक्तिशाली है और चुनाव लड़ने के समय/चुनाव में खड़े होने के समय अच्छा चल रहा है तब चुनाव में सफलता मिलकर विजयी हो जायेगे, राजनीति चुनाव या राजनीति से सम्बन्धी किसी भी शाखा का चुनाव जैसे विधायक, ग्राम पंचायत या लोक लोकसभा, विधानसभा, न्यायपालिका आदि के लिए छठे दसवे भाव सहित चौथा भाव(जनता) अच्छा होना चाहिए क्योंकि जनता का है, विश्वविधालय में कॉलेज नेता के लिए 5वा भाव भी अच्छा होना चाहिए साथ ही दसवे भाव , भावेश का बलवान होकर राजनीति कारक ग्रहो सूर्य गुरु शनि मंगल व राहु इन ग्रहों या इनमे से किसी भी ग्रहो के साथ अच्छी स्थिति में है साथ ही बलवान छठे भाव, बलवान दसवे भाव की या इन भावों, इनभावो के स्वामियों से सम्बंधित शुभ शक्तिशाली ग्रहदशा चुनाव के दौरान चल रही है तब चुनाव में सफलता मिलकर विजयी होंगे और अच्छा चुनाव जीतकर पद प्राप्ति हो जाएगी।अब इस बात को ओर आसान तरह से समझने के लिए कुछ उदाहरणों से समझते है:-

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न1:-

मिथुन लग्न कुंडली मे दसवे भाव स्वामी गुरु है तो छठे भाव का स्वामी मंगल है, तो चौथे भाव जनता भाव का स्वामी बुध है, वेब छठा भाव स्वामी मंगक छठे भाव मे बैठे साथ ही दशमेश गुरु चौथे भाव स्वामी बुध के साथ शुभ स्थिति में है और सरकार कारक सूर्य भी गुरु बुध के साथ बलवान स्थिति में संबंन्ध करे मतलब सूर्य गुरु बुध बलवान होकर बैठ तब चुनावी सफलता के योग है अब चुनाव के समय इन्ही सूर्य गुरु बुध में से किसी की भी महादशा अंतरदशा चल रही है तब चुनाव में विजयी होकर सफलता मिलेगी।।

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-

यहाँ दशमेश शुक्र है तो छठे भाव का स्वामी शनि है अब छठे भाव स्वामी शनि और छठा भाव बलवान रहे शनि अस्त नीच पीड़ित न हो , न ही छठे घर मे नीच अस्त पीड़ित ग्रह है साथ ही अब दसवे भाव का स्वामी शुक्र यहां राजनीति कारक सूर्य और गुरु के साथ सम्बन्ध बनाकर बैठा है और चौथा भाव भावेश मंगल(जनता) तब चुनाव में लड़ने पर सफलता निश्चित मिलेगी।।

#उदाहरण_वृश्चिक_लग्न_अनुसार3:-

वृश्चिक लग्न में दसवे भाव स्वामी सूर्य 5वे भाव स्वामी गुरु व चौथे भाव स्वामी शनि से संबंन्ध करे साथ ही छठा भाव और छठे भाव स्वामी मंगल बलवान है तब राजनीति में चुनावी सफलता मिलकर अच्छा पद मिल जाएगा, यहाँ ऐसे लोग विश्वविद्यालय में भी छात्र नेता के लिए भी चुनाव में खड़े हो तब चुनावी छात्र नेता भी बन जायेंगे 5वे भाव संबमध के कारण।।

#इस तरह से उपरोक्त स्थिति कुंडली मे योगों की है तब चुनाव में खड़े होने पर,जिस भी पद का चुनाव लड़ रहे है(चुनाव में कहे होंगे) चाहे विधायक हो, लोकसभा ,विधानसभा चुनाव होज़ ग्राम पंचायत चुनाव हो आदि उसमे सफलता मिलेगी।।

Tuesday, November 23, 2021

SHARE MARKET LUCK AND PROFIT शेयर मार्किट भाग्य और धनलाभ

SHARE MARKET LUCK AND PROFIT शेयर मार्किट भाग्य और धनलाभ





शेयर मार्किट उन्ही लोगो को लाभ देता है जिनकी कुंडली मे शेयर मार्किट से लाभ और सफलता लिखी हो।आज इसी बारे में बात करते है।
कुंडली का 5वा भाव शेयर या शेयर मार्किट का है तो 11वा भाव धनलाभ(प्रॉफिट)का है तो दूसरा भाव रुपये पैसे का है तो 7वा भाव मार्किट या डेली शेयर खरीदने बेचने का है तो मुख्य रूप से बुध राहु केतु गुरु शेयर मार्किट से लाभ देने वाले ग्रह है इसी कारण इन सब भावों और भावो के स्वामियों और ग्रहो का आपस मे सम्बन्ध बलवान और शुभ स्थिति में होने से शेयर मार्किट से अच्छा भाग्योदय, अच्छा धन लाभ, अच्छी सफलता मिलती रहेगी ,मिल जाएगी।

5वे भाव या 5वे भाव(शेयर मार्किट भाव) स्वामी के साथ 11वे,दूसरे(धनलाभ भाव) और 9वे भाव स्वामी या भाव का(भाग्य या किस्मत का भाव)का शुभ और बलवान स्थिति में सम्बन्ध है 7वे भाव(डेली बिजनेस भाव) सहित तब शेयर मार्किट से अच्छा भाग्योदय, अच्छी सफलता, अच्छा धनलाभ, धन कमाई होती रहेगी, शेयर मार्किट के इस पूरे योग औऱ सम्बन्ध में दूसरा और खासकर 11वा भाव,भाव स्वामी जितना ज्यादा बलवान होंगे धनलाभ उतना ज्यादा होगा/होता रहेगा।अब कुछ उदाहरणो से समझते है किन लोगों का भाग्योदय ,धनलाभ ,धन कमाई ,सफलता आदि शेयर मार्किट करने से होगी

#उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में 5वे भाव स्वामी सूर्य,11वे भाव स्वामी ,भाग्य स्वामी गुरु और धन स्वामी शुक्र यह ग्रह आपस मे शुभ और बलवान स्थिति में सम्बन्ध बनाकर बैठे है और बुध राहु गुरु अत्यंत बलवान है या 5वे भाव या सूर्य का 11वे दूसरे 9वे भाव और 7वे भाव या इन भाव स्वामियों से अच्छी स्थिति में सम्बन्ध तब शेयर मार्किट खेलने या शेयर से अच्छा भाग्योदय, अच्छा धनलाभ, धन कमाई होकर अच्छी सफलता मिलती रहेगी।

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:--

सिंह लग्न में जैसे 5वे भाव स्वामी गुरु बलवान होकर धनलाभ स्वामी बलवान बुध से मंगल या 9वे भाव सहित सम्बन्ध करे और बुध राहु गुरु अत्यंत बलवान है तब शेयर मार्किट से अच्छा भाग्योदय, अच्छा धन लाभ,अच्छी सफलता मिल जाएगी, यदि इस उपरोक्त सबन्ध में 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी शनि का भी यहाँ सम्बन्ध है तब रोज शेयर खरीदने,बेचने, शेयर मार्किट से धनलाभ होगा।

#उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:-

मकर लग्न में पंचमेश शुक्र या बलवान 5वे भाव से शनि मंगल बुध का सम्बन्ध है या इन ग्रहो के भावों दूसरे, ग्यारहवे, नवे भाव का शुक्र से बलवान स्थिति में सम्बन्ध है इन सभी ग्रहो सहित बुध गुरु राहु अत्यंत बलवान है तब शेयर मार्किट खेलने या करने से भाग्योदय भी होगा,धनलाभ भी होगा और सफलता भी अच्छी मिल जाएगी।

अब उपरोक्त उदाहरणो अनुसार सफलता की स्थिति बनी हुई है तब 5वे भाव या शेयर मार्किट योग जो ग्रह बनाकर बैठे उन ग्रहो की महादशा, अंतरदशा प्रत्यंतर दशा चलने या आने पर शेयर मार्किट से भाग्ययोदय भी होगा ,धन कमाई,धन लाभ भी अच्छा होकर सफलता मिलती रहेगी जब तक शेयर मार्किट सम्बन्धी दशा चलती रहेगी तब ज्यादा सफलता मिल जाएगी।

OLD AGE AND MARRIAGE बढ़ती उम्र में विवाह शादी

OLD AGE AND MARRIAGE बढ़ती उम्र में विवाह शादी




घर-गृहस्थी मतलब विवाह हो जाना, विवाह का सही से चलना, बच्चे हो जाना, घर बस जाना आदि।कुछ लोगो की उम्र निकलती जाती है लेकिन गृहस्थी बसने का नाम नही लेती यह समस्या लड़के/लड़की दोनो के साथ हो सकती है तो आज इसी विषय पर बात करेंगे घर गृहस्थी बसेगी या नही मतलब शादी व्याह बच्चे होंगे या नही या ऐसे ही रहना होगा और क्या करे घर गृहस्थी बस जाए और कब तक घर-गृहस्थी बस जाएगी

कुंडली मे 7वा भाव शादीव्याह का , तो चौथा भाव गृहस्थी का है तो 5वा भाव संतान का है।यदि आयु ज्यादा हो भी गई है लगता है अब कुछ नही होगा तब भी यदि 7वा भाव(विवाह भाव) बलवान शुभ स्थिति में है, चौथा भाव(गृहस्थी) अच्छी स्थिति में है तब घर गृहस्थी शादी होकर जरूर बस जाएगी साथ ही 5वा भाव(संतान भाव) भी अच्छी स्थिति में है तब संतान भी होगी मतलब 7वा, चौथा भाव और पांचवा भाव शुभ या बलवान स्थिति में है तब घर गृहस्थी ,शादी होकर जरूर बसेगी लेकिन चौथा सातवाँ भाव की स्थिति बहुत अच्छी नही है पीड़ित है तब उम्र निकलती जाएगी गृहस्थी नही बसेगी, हालांकि उपाय करके सफलता प्राप्त की जा सकती है गृहस्थी बसाने में अगर थोड़े भी योग है तब।अब कुछ उदाहरणों से समझते है कि क्या घर गृहस्थी बसेगी या ऐसे ही जीवन चलेगा

#उदाहरण_मेष_लग्न_अनुसार1:-

मेष लग्न में विवाह स्वामी(7वे भाव स्वामी) शुक्र व गृहस्थी स्वामी(चौथे भाव) चन्द्र दोनो अच्छी स्थिति में है बलवान है और चौथा+सातवाँ भाव भी शुभ स्थिति में है तब गृहस्थी जरूर बसेगी, शादी संतान सुख मिलेंगे।।

#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न में घर गृहस्थी शादी सब बृहस्पति के हाथ मे है यदि बृहस्पति अच्छी स्थिति में बलवान है या कोई शुभ योग में है शुभ स्थान में तब गृहस्थी बसेगी, शादी भी होगी लेकिन कब जब बृहस्पति का समयकाल आयेगा।।

#उपाय से गृहस्थी बसना?

#उदाहरण_अनुसार_धनु_लग्न3:-

धनु लग्न में घर गृहस्थी, शादी होकर गृहस्थी बसना यह गुरु और बुध के हाथ मे है यदि यह दोनो ग्रह किसी भी तरह बलवान है तब गृहस्थी बस जाएगी लेकिन शनि राहु मंगल से पीड़ित है या अशुभ है खुद से लेकिन बलवान है उपाय घर गृहस्थी बसाने का करने से ही घर गृहस्थी शादी होकर बच्चे होकर बस पाएगी।।

नोट:- सातवाँ(शादी) और चौथा भाव(गृहस्थी) पांचवा भाव(संतान)यह बहुत कमजोर अशुभ है तब गृहस्थी बसना आसान नही होगा।

GROCERY STORE PROFESSION किराना दुकान कैसी रहेगी

GROCERY STORE PROFESSION किराना दुकान कैसी रहेगी



किराना दुकान मतलब परचूनी दुकान, आज इसी विषय पर बात करते है कब किराना दुकान खोलने पर अच्छी सफलता और धन लाभ होता है साथ ही छोटे स्तर पर या बड़े स्तर पर किराना दुकान व्यापार में सफलता है कुंडली मे।।

किराने दुकान के लिए बड़े स्तर पर सफलता तब ही मिलेगी जब दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी(रोजगार/बड़ी सफलता भाव) का संबंन्ध सातवे भाव या सातवें भाव सहित दूसरे भाव या दूसरे भाव स्वामी से अच्छी स्थिति में होगा तब किराने की दुकान का व्यापार, किराने का काम मे बड़ी सफलता मिलकर काम चलेगा, अब जबकि केवल सातवें भाव या सातवें भाव स्वामी(दुकानदारी व्यवसाय सामान्य स्तर पर) का संबंन्ध 11वे भाव या 11वे भाव स्वामी(लाभ) से है दूसरे भाव(धन और खान पिन वस्तुएं) सहित तब सामान्य स्तर पर किराना दुकान ,किराना व्यवसाय हो सकता है।दूसरा भाव खाने पीने की वस्तुओं का है तो दसवाँ भाव रोजगार का तो सातवाँ भाव दुकानदारी और रोज की आय का है।अब कुछ उदाहरणो से समझते है कौन लोग किराना व्यवसाय कर सकते है और हॉलसेल स्तर पर या सामान्य स्तर पर

#उदाहरण_अनुसार_वृष_लग्न1:-

वृष लग्न में दसवे भाव स्वामी शनि द्वितीयेश बुध सहित सातवें भाव या सातवें भाव सहित मंगल से सम्बन्ध में है और बुध शनि मंगल तीनो बलवान स्थिति में है तब किराना दुकान व्यापार हॉलसेल पर या बड़े स्तर पर अच्छी सफलता दे देगा।।

#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न में सातवें भाव(व्यापार)स्वामी गुरु का संबंन्ध 11वे भाव लाभ स्वामी गुरु से है दूसरे भाव या दूसरे भाव स्वामी शुक्र सहित(खान-पीने की वस्तु भाव) से है बुध बलवान है तब किराना स्टोर/किराना काम सामान्य स्तर पर अच्छा धनलाभ कराएगा जबकि इसी सम्बन्ध में 10वे भाव या 10वे भाव स्वामी का भी सम्बन्ध है तब बड़े स्तर पर थोक स्तर पर या बड़े स्तर के किराना काम मे सफलता मिलकर धनलाभ रहेगा।।

जब भी दसवे भाव या इस भाव स्वामी दूसरे भाव या दूसरे भाव स्वामी से अच्छी स्थिति में सम्बन्ध में है तब किराना स्टोर/किराना दुकान काम बड़े स्तर पर जबकि सातवे भाव से ही दूसरे भाव सम्बन्ध है बुध व 11वा भाव बलवान है तब सामान्य स्तर पर किराना वस्तुओं का काम करने से धन लाभ होगा।।

RAHU KETU MAHADASHA AND LUCK राहु केतु महादशा और भाग्योदय

 RAHU KETU MAHADASHA AND LUCK राहु केतु महादशा और भाग्योदय




राहु केतु महादशा या अन्तर्दशा और खासकर महादशा किनका भाग्योदय करेगी, किन्हें राजयोग देगी या भाग्योदय कर सकती है, राजयोग दे सकती है
राहु केतु की महादशा या अन्तर्दशा आने वाली हो या चल रही है तब राहु केतु भाग्योदय कब करेगे और करेंगे या नही और क्या राहु केतु राजयोग देने की स्थिति में है आदि आज इसी विषय पर बात करते है।राहु और केतु या राहु या केतु जब किसी राजयोग सम्बन्धी ग्रहो के साथ या भाग्योदय योग बनाकर बैठे ग्रहो के साथ राहु केतु शुभ सम्बन्ध बनाकर बैठे होते है या बैठे है तब ही राजयोग देकर अच्छा भाग्योदय करेंगे/भाग्योदय करके राजयोग दे देंगे, जितने ज्यादा शुभ योग और राजयोग बनाये हुए ग्रहो के साथ सम्बन्ध में होंगे उतना ही शक्तिशाली राजयोग देंगे, जबकि अशुभ स्थिति में होने पर परेशानी दिक्कत देकर जीवन को कष्टकारी बनायेगे, 9वे और 10वे भाव मे या इन भावों के स्वामियों के साथ शुभ और बलवान सम्बन्ध प्रबल भाग्योदय करके बहुत शक्तिशाली राजयोग राहु केतु बहुत जल्दी देकर अच्छी सफलता देँगे।अब कुछ उदाहरणों से समझते है राहु या केतु महादशा या अंतरदशा चल रही है या आने वाली है तो क्या भाग्योदय होगा और राजयोग आदि देकर अच्छा जीवन देंगे या नही आदि

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न1:-

मिथुन लग्न में राहु या केतु अब शुक्र बुध शनि के साथ शुभ स्थिति में बैठे हो या इन तीनो ग्रहो का आपसी सम्बन्ध हो और राहु केतु का इनसे सम्बन्ध बना है तब राहु या केतु दशा राजयोग के पूरे फल कई गुना देगी और भाग्योदय भी राहु या केतु कर देंगे।।

#उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न2:-

यदि राहु या केतु की महादशा या अंतरदशा है या आने वाली है और राहु या केतु बलवान और शुभ शनि, बुध ,शुक्र के साथ या यह तीनों ग्रह राजयोग बनाकर बैठे हो तब इनके साथ राहु केतु सम्बन्ध है तब राहु केतु बहुत शक्तिशाली भाग्योदय भी करेगे और राजयोग फल देकर अच्छा कर देंगे।।

#उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:-

मकर लग्न में राहु केतु शुभ होकर बैठें है औऱ जिन ग्रहो के साथ सबन्ध में है वह ग्रह राजयोग और भाग्योदय की स्थिति में है तब राहु या केतु की महादशा अंतरदशा बहुत बड़ा राजयोग और जल्दी भाग्योदय कर देंगे ,जबकि अकेले बैठे है तब इनके राशि स्वामी जितने ज्यादा अच्छे राजयोग और भाग्योदय की स्थिति में होंगे उतना अच्छा भाग्योदय और राजयोग देंगे।।

अब राहु केतु जो राजयोग देंगे वह बहुत शक्तिशाली होगा और कम मेहनत से ज्यादा लाभ देंगे अब क्या क्या राजयोग में देकर कैसा भाग्योदय करेगे यह इनके राजयोग सम्बन्धी स्थिति और भाग्योदय सम्बन्धी स्थिति जितनी अच्छी होंगी उतनी अच्छा भाग्योदय और राजयोग मिलेगा।

#नोट:-राहु या केतु महादशा या अंतरदशा है और यह राजयोग और भाग्योदय की स्थिति में है तब उपाय करते रहने से यह पूर्णतः राजयोग और भाग्योदय करेंगे, बिना उपाय ज्यादा लाभ नही देंगे।

QUIT DRUGS AND DRINKS कब मिलेगा ड्रग्स शराब से छुटकारा

QUIT DRUGS AND DRINKS कब मिलेगा ड्रग्स शराब से छुटकारा





आज बात करते है शराब की बुरी लत लगी हुई है जिससे घर-गृहस्थी, रोजगार आदि सभी जीवन से जुड़ी चीजो पर खराब असर पड़ रहा है ,ज़िंदगी खराब हो रही है तो क्या शराब से छुटकारा मिलेगा और कैसे कब तक साथ ही क्यों शराब की आदत लगी हुई है समझते है अब?

कुंडली का दूसरा भाव, भाव स्वामी खान-पीन(खाने-पीने/शराब पीने)से सम्बंधित तो राहु शराब का आदि बनाने वाला ग्रह है तो शुक्र चन्द्रमा जलिये(शराब जलिये पदार्थ है)ग्रह है।अब दूसरे भाव/दूसरे भाव स्वामी पर राहु का पूरी तरह से प्रभाव औऱ कही न कही मन के ग्रह चन्द्रमा पर भी राहु या शनि का प्रभाव शराब के लिए बेचैन रखता है, शराब पीने का बहुत आदि बनाकर रखेगा।अब दूसरे भाव, दूसरे भाव स्वामी सहित लग्न लग्नेश चन्द्रमा पर भी राहु सहित केतु शनि का पूरा प्रभाव है तब ज्यादा तर हर समय शराब पीने में ही समय ऐसा व्यक्ति निकालता रहेगा जिससे जीवन अस्त व्यस्त बनता जाएगा।अब दूसरे भाव,दूसरे भाव स्वामी और लग्न लग्नेश या केवल लग्न या लग्नेश पर शुभ गुरु बुध की दृष्टि है या यह ग्रह बैठे है तब शराब पीने से छुटकारा निश्चित मिल जाएगा जब इन शुभ ग्रहों की महादशा या अंतरदशा या गोचर समय लग्न या दूसरे भाव पर आएगा ऐसी स्थिति में उपाय करने और उपाय करते रहने से शराब पीने से इंसान को छुटकारा जरूर मिल जाएगा और जीवन सही होता जाएगा, जबकि शराब छोड़ने वाले योग नही है तब थोड़ी दिक्कते ज्यादा रहेगी शराब से छुटाकरा मिलने में,ऐसी स्थिति में भी शराब छुड़ाने के उपाय करने स शराब पीने में कमी आएगी।अब कुछ उदाहरणों से समझते है उपरोक्त सभी बातों को

#उदाहरण_अनुसार_मिथुन_लग्न1:-

मिथुन लग्न में दूसरे भाव और दूसरे भाव स्वामी चन्द्रमा पर राहु का पूरा प्रभाव है या दूसरे भाव और दूसरे भाव स्वामी चंद्रमा से राहु केतु का सम्बन्ध है खासकर अशुभ होकर और लगन लग्नेश भी राहु केतु या अशुभ शनि या 12वे भाव या भाव स्वामी सम्बन्ध में है तब शराब बहुत ज्यादा ऐसा जातक पीता रहेगा, अब लग्न लग्नेश या दूसरे भाव दूसरे भाव स्वामी पर गुरु बुध शुभ शुक्र का प्रभाव या सम्बन्ध है तब इन ग्रहो की दशा आने पर या पहले ही उपाय कर लेने से शराब से छुटाकरा मिल जाएगा और व्यक्ति शराब पीना छोड़ देगा।

#उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न2:-

तुला लग्न में दूसरे भाव और दूसरे भाव स्वामी मंगल पर राहु और शनि दोनो का प्रभाव है और लग्नेश शुक्र भी राहु केतु या शनि के प्रभाव में है तब शराब पीने की बहुत ज्यादा आदत बनी रहेगी, लेकिन दूसरे भाव और मंगल पर बुध, शुभ गुरु ,शुक्र और अग्नि तत्व राशियों का प्रभाव है तब शराब से छुटकारा मिल जाएगा उपाय कर लेने से।

जब भी दुसरे भाव पर जिन शुभ ग्रहों का प्रभाव है या शराब छुड़ाने के लिए जो भी शुभ फल ग्रह योग बनाये हुए है उनका समय आते ही शराब से छुटकारा मिल जाएगा बाकी जितना जल्दी समय रहते उपाय कर लेंगे और कुंडली मे जितने ज्यादा बलवान ग्रह होंगे शराब छुड़ाने वाले उतना जल्दी शराब से छुटकारा मिल जाएगा

WHAT WILL BE YOUR CARRIER किस क्षेत्र में केसा रहेगा कॅरियर

WHAT WILL BE YOUR CARRIER किस क्षेत्र में केसा रहेगा कॅरियर




कैसा रहेगा कैरियर और किस क्षेत्र में कैरियर है आदि आज इसी बारे में बात करता हूँ अब,कुंडली के 10वे भाव, 10वे भाव स्वामी का सम्बन्ध कैरियर से है सूर्य मंगल गुरु शनि इन ग्रहो का बलवान होना कैरियर ज्यादा अच्छा बनाएगा बाकी हर एक ग्रह की किस क्षेत्र में कैरियर सफलता है उसके अनुसार अलग अलग ग्रह अलग अलग कैरियर क्षेत्र के ग्रह है।अब 10वे भाव और 10वे भाव का स्वामी जितना ज्यादा से ज्यादा ग्रहो के साथ राजयोग या शुभ बलवान सम्बन्ध में होगा उतना ही उज्ज्बल और अच्छा कैरियर बन रहेगा और अच्छी कैरियर सफलता रहेंगी।अब कुछ उदाहरणो से समझते है कैसा रहेगा कैरियर?

#उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न1:-

कर्क लग्न में दसवे भाव स्वामी मंगल अत्यंत बलवान होकर शुभ होकर बैठा है तब कैरियर अच्छा रहेगा अब यही मंगल गुरु शनि, शुक्र ,चन्द्र के साथ बलवान स्थिति में राजयोग में है तब कैरियर काफी अच्छा रहेगा।अब मंगल उदाहरण अनुसार शनि के साथ हो तब इंजीनियरिंग, सूर्य के साथ हो तब सरकारी क्षेत्र में कैरियर सफलता रहेगी आदि।

#उदाहरण_अनुसार_कन्या_लग्न2:-

कन्या लग्न में 10वे भाव स्वामी बुध जितने ज्यादा बलवान और शुभ है कैरियर उतना बलवान होगा अब बुध यहाँ किसी राजयोग, में है तब बहुत उज्ज्बल कैरियर रहेगा, अब उदाहरण अनुसार बुध या दसवे भाव का सम्बन्ध यहाँ शनि से है तब मेडिकल लाइन या टीचिंग में अच्छा कैरियर बन पाएगा।

#उदाहरण_अनुसार_मकर_लग्न3:

-मकर लग्न में दसवे भाव स्वामी शुक्र है अब शुक्र और दसवाँ भाव बलवान होकर अच्छी स्थिति में बैठा है कई ग्रहो के साथ तब कैरियर अच्छा रहेगा अब शुक्र और दसवे भाव का सम्बन्ध उदाहरण अनुसार बुध मंगल के साथ हो यहाँ तब जज, वकालत, मेडिकल लाइन, कानून ,सरकारी अधिकारी बनने में कैरियर बनेगा आदि।

#इसी तरह 10वा भाव, 10वे भाव स्वामी जितना ज्यादा बलवान शक्तिशाली और शुभ स्थिति में होगा कैरियर उतना अच्छा और शक्तिशाली रहेगा, जबकि दसवा भाव,10वा भाव स्वामी किसी तरह कमजोर या अशुभ है तब बाधा रहेगी कैरियर बनने में लेकिन कैरियर बनने के योग है तब बाधा सम्बन्धी ग्रहो के उपाय करके अच्छा कैरियर बन जायेगा, दसवे भाव और भाव स्वामी का सम्बन्ध जिन क्षेत्र ग्रहो से जुड़ा होगा उसी क्षेत्र में कैरियर के लिए आगे बढ़ने पर सफलता मिलेगी।

Monday, November 22, 2021

SUCCESS IN HOMELAND OR ABROAD भाग्योदय देश या स्वदेश में होगा

SUCCESS IN HOMELAND OR ABROAD भाग्योदय देश  या स्वदेश में होगा




भाग्य मतलब कुंडली मे जो भी फल होते है वह आधे भाग्य पर निर्भर करते है बाकी कर्म पर।अब भाग्य मतलब कुंडली का 9वा भाव, अब जब 9वे भाव या 9वे भाव स्वामी का सम्बन्ध जब 12वे भाव या 8वे भाव से या इन भावों के स्वामियों से शुभ स्थिति में सम्बन्ध होने पर बाहर जाकर मतलब घर से दूर रहकर ही भाग्य ज्यादा उज्ज्बल बन पायेगा या बनेगा क्योंकि कुंडली मे 12वे और 8वे भाव घर और जन्मशहर से दूर करने के होते है तो 9वा भाव भाग्य है तो अब जब 9वे भाव या 9वे भाव स्वामी का सम्बन्ध शुभ और बलवान स्थिति में 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी या फिर 8वे भाव से होगा या बना हुआ है तब भाग्य बाहर जाकर ही ज्यादा साथ देगा,बाहर जाकर ही भाग्य पूरी तरह खुलेगा साथ देगा, जैसे नौकरी लगने के योग है तब भाग्य बाहर भेजकर घर से दूर भेजकर ही नौकरी दिलायेगा, उन्नति सफलता दिलाएगा, शादी योग है लेकिन भाग्य 12वे भाव या 8वे भाव से जुड़ा है तब भाग्य का ज्यादा अच्छा साथ बाहर से(जन्मशहर से दूर)शादी होने में सफलता मिलेगी मतलब भाग्य बाहर जाकर ही हर काम मे साथ देगा,वरना भाग्य का साथ कम मिलने के कारण जीवन मे कमी और असफलता कई चीजो में बनी रहेगी।।

भाग्य साथ दे अच्छा इसके लिए 9वा भाव और 9वा भाव स्वामी दोनो बलवान और शुभ होने चाहिए।अब कुछ उदाहरणो से समझते है कैसे किन लोगों का भाग्य बाहर(जन्मशहर से दूर) जाने से अच्छा साथ देगा और कितनी दूरी पर जाने से भाग्य का साथ मिलेगा आदि??

#उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न1:-

कर्क लग्न में भाग्य स्वामी गुरु है अब गुरु या 9वे भाव का सम्बन्ध बलवान और शुभ होकर 12वे भाव से है या 12वे भाव स्वामी बुध से है या 8वे भाव से सम्बन्ध है तब भाग्योदय अच्छा बाहर जाकर ही होगा, भाग्य का साथ जन्मशहर छोडने के बाद ही मिलेगा, हर काम मे भाग्य बाहर जाकर या रहकर साथ देगा आदि।।

#उदाहरण_अनुसार_सिंह_लग्न2:-

सिंह लग्न में भाग्य स्वामी मंगल है अब मंगल और 9वा भाव दोनो शुभ और बलवान स्थिति है और 12वे भाव या 12वे भाव स्वामी चन्द्रमा से बलवान शुभ स्थिति में सम्बन्ध में है तब जन्मशहर या घर से दूर या बाहर रहकर/जाकर ही अच्छा भाग्योदय हो पायेगा, तब ही भाग्य सफलता ज्यादा मात्रा में अच्छी देगा, चाहे जॉब के सम्बन्ध में हो या मकान आदि के सम्बन्ध में।।

#उदाहरण_अनुसार_मीन_लग्न3:-

मीन लग्न में भाग्येश मंगल है अब मंगल और 9वा बलवान और शुभ स्थिति में है और 12वे भाव या 8वे भाव या 12वे भाव स्वामी शनि से सम्बन्ध में है शुभ और बलवान स्थिति में तब बाहर जाकर सफलता हर काम ,हर चीज में अच्छी मिलेगी।। अब 9वे भाव और 9वे भाव स्वामी पर राहु शनि केतु का प्रभाव भी है तब जन्मशहर या जन्मस्थान से काफी दूर जाने पर अच्छा भाग्य बनेगा क्योंकि शनि राहु केतु ज्यादा दूर भेजने वाले ग्रह है।।

INDIVIDUAL PROPRIETORSHIP OR PARTNERSHIP साझे में बिजनेस या एकल बिजनेस

INDIVIDUAL PROPRIETORSHIP OR PARTNERSHIP साझे में बिजनेस या एकल बिजनेस




कुंडली मे ही ऐसे बिजनेस योग होते है जो कुछ लोगो को साझे में बिजनेस करने पर ज्यादा लाभ देकर अच्छी सफलता देते है तो कुछ को एकल मतलब बिना साझे का बिजनेस अच्छा लाभ देता है, साझे में बिजनेस लाभ न देकर एकल बिजनेस लाभ ज्यादा दे पाता है।आज अब इसी बारे में बात करते है कि साझे में ज्यादा लाभ है या एकल बिजनेस करने पर ज्यादा लाभ रहेगा।

कुंडली के दसवे भाव(व्यापार/कार्यक्षेत्र)और दूसरे ग्यारहवे भाव(धन और लाभ भाव) सहित बुध की अत्यन्त बलवान स्थिति व्यापार में अच्छी सफलता देती है जॉब में नही।अब दसवाँ भाव एकल बिजनेस का है तो 7वा भाव साझेदारी बिजनेस का है अब बिजनेस योग होने पर यदि दसवे भाव या दसवे भाव स्वामी(कार्यक्षेत्र स्वामी)का सम्बन्ध सातवे भाव(साझेदारी भाव)से है या फिर 7वे भाव या 7वे भाव स्वामी(साझेदारी भाव)का सम्बन्ध ग्यारहवे या दूसरे भाव(धन लाभ भाव)से बलवान और शुभ स्थिति में है और राहु शनि केतु बिजनेस ग्रहो को पीड़ित या खराब नही कर रहे है तब साझे में बिजनेस ही ज्यादा सफलता, ज्यादा लाभ और बिजनेस में अच्छी स्थिति देगा।जबकि 7वे भाव से 10वे भाव का या 7वे भाव का दूसरे या ग्यारहवे भाव से सम्बन्ध शुभ और बलि स्थिति में नही है तब साझे में बिजनेस से कोई लाभ नही होगा ऐसी स्थिति में एकल रूप से बिजनेस में लाभ होगा, एकल बिजनेस ही अच्छी सफलता देगा आदि।अब कुछ उदाहरणों से समझते है किन लोगों को साझे में बिजनेस ज्यादा सफलता और लाभ देगा और किन्हें साझे में बिजनेस न करके एकल रूप से ज्यादा सफलता व लाभ देगा

#उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-

मेष लग्न में दसवे भाव स्वामी शनि का सम्बन्ध सातवे भाव(साझेदारी भाव)से या सातवे भाव स्वामी शुक्र से शुभ और बलवान स्थिति में बना हुआ है और पीड़ित नही है राहु केतु से तब साझे में बिजनेस अच्छी सफलता देगा यदि ऐसा सम्बन्ध नही है तब एकल बिजनेस से ही लाभ रहेगा।एकल रूप मतलब साझे में बिजनेस न किया जाए।।

#उदाहरण_अनुसार_तुला_लग्न2:-

तुला लग्न में दशमेश(कार्यक्षेत्र स्वामी) चन्द्रमा है अब दशमेश चन्द्रमा यहाँ 7वे भाव स्वामी या 7वे भाव सहित 11वे भाव स्वामी सूर्य से या 1वे भाव से सम्बन्ध में है और बिजनेस योग बलशाली है तब साझे में ही बिजनेस लाभ देगा, ज्यादा सफलता, ज्यादा अच्छी स्थिति देगा, जबकि दसवे भाव या स्वामी का 7वे भाव से सम्बन्ध नही है या 7वे भाव का 11वे भाव से संबंध नही है तब साझे का बिजनेस ज्यादा लाभ नही देगा एकल बिजनेस करने पर सफलता मिलेगी यदि बिजनेस के अच्छे योग है।।

#उदाहरण_कुम्भ_लग्न_अनुसार3:-

कुम्भ लग्न में दशमेश मंगल सूर्य या 7वे भाव सहित धन लाभ स्वामी गुरु के साथ भी सम्बन्ध में है तब साझे में बिजनेस ज्यादा से ज्यादा लाभ और अच्छी सफलता देगा ज्यादा ही, जबकि ऐसी स्थिति नही है तब साझे में बिजनेस न करके एकल रूप से करने पर ही अच्छी बिजनेस सफलता मिलेगी यदि बिजनेस सफलता के अच्छे योग है तब।।

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )