पुष्प देहा अप्सरा साधना
पुष्पदेहा अप्सरा अत्यन्त कोमल जिसके कपोल गुलाबी रंग लिए हुए और जिसकी देह इतनी सुन्दर कि जरा सा छूने भर से मैली होजाय पूरा शरीरगुलाब से भी ज्यादा कोमल और गुणों में अत्यंत गुणवान किसी भी कार्य को तुरन्त करने की क्षमता एक स्थान से दूसरे स्थान पर पलक झपकते ही पहुचने की क्षमता से सम्पन्न ये अप्सरा स्वभाव से भी अत्यंत कोमल है जब ये
हसे तो मानो कई कई बिजलिया सी कोंध जाती है इसके पास खेचरी विद्या है जिसके कारण से ये हवा में कही भी कार्य संपन्न कर वापिस आ जा सकती है पुष्प देहा अपने साधक का साथ कभी नहीं छोड़ती अगर उसे कोई तकलीफ होती है तो उसे ठीक करके ही दम लेती है |
ॐ अनंग ऐं श्रीं पुष्पदेहा वर वरद श्रियै अनंग प्राप्य नमः |
इस मन्त्र को विधि विधान के साथ जपने पर पुष्पदेहा पूर्ण श्रृंगार करके साधक के सामने आती ही है इसमें किसी भी प्रकार की शंका नहीं है |
हा अगर आपके मन में कोई शंका होगी तो साधना पूरी नहीं होगी क्योकि शंका करने वाले को तो भगवान भी नहीं मिलता यह तो अप्सरा है |
इसलिए पाठको से कहना चाहूँगा कि साधना करे तो निश्छल भाव से करे
अपने मन में किसी प्रकार का मैल न रखे फिर देखे अप्सरा कैसे खिची चली
आती है किसी को प्रेमिका बनाना या किसी का प्रेमिका होना कोई कलंक नहीं है परन्तु इसके लिए हमारी भावनाए पवित्र और शुद्ध होनी चाहिए उसमे कही भी घटियापन या ओछापन न हो ,ये सब बताने के पीछे कारण यही है कि आप साधना में पूर्ण सफलता पा सके ।
(1) इस साधना में किसी भी प्रकार के वस्त्र पहने जा सकते है धोती या पेंट कमीज कुछ भी ।
(2 )शरीर पर इत्र लगाये पुष्पों की माला धारण करे |
(3 )अप्सरामला से मंत्र जाप करे |
(4 )51 माला उपरोक्त मन्त्र की जाप करे |
मन्त्र जाप के ही बीच में अगर अप्सरा प्रकट हो तो मन्त्र जापकरते रहे उसे देख कर रोके नहीं वरन 51 माला पूरी होने पर ही उठे और अपने गले की माला उसके गले में डाल दे और पूरे जीवन साथ रहने का वचन ले ले वह भी आपके गले में अपनी माला डाल देगी और इस तरह अप्सरा सिद्ध हो जाएगी |
ऐसी अप्सरा जो फूलो से भी कोमल है उसके यौवन का ,मधुरता का वेग इतना है कि पूरे समुन्द्र को अपने आप में समाहित कर ले ऐसी अप्सरा अगर किसी को मिल जाए तो व्यक्ति पोरे जीवन भर यौवनवान बना रह सकता है और अपना जीवन आनंद के साथ व्यतीत कर सकता है |
No comments:
Post a Comment