Friday, November 3, 2017

तुलसी सेवा की सावधानियाँ

 तुलसी  सेवा की   सावधानियाँ


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प्रथम
तुलसी की जड़ो में प्रतिदिन जल अर्पण करते रहना ! केवल एकादशी और रविवार को छोड़ कर।

 द्वितीय
तुलसी की मंजरियों को तोड़कर तुलसी को पीड़ा मुक्त करते रहना ,  क्योंकि ये मंजरियाँ तुलसी जी को बीमार करके सुखा देती हैं !

जब तक ये मंजरियाँ तुलसी जी के शीश पर रहती हैं , तब तक तुलसी माता घोर कष्ट पाती हैं !

 इन दो सेवाओं को श्री ठाकुर जी (कान्हा जी)  की सेवा से कम नहीं माना गया है ! 
         

  सावधानियाँ  


 तुलसी दल तोड़ने से पहले तुलसीजी की आज्ञा ले लेनी चाहिए !  सच्चा वैष्णव बिना आज्ञा लिए तुलसी दल को स्पर्श भी नहीं करता है !

 रविवार और द्वादशी के दिन तुलसी दल को नहीं तोड़ना चाहिए , तथा कभी भी नाखूनों से तुलसी दल को नहीं तोड़ना चाहिए!

एकादशी को जल नहीं देना चाहिये क्योंकि इस दिन तुलसी महारानी भी ठाकुर जी के लिये निर्जल व्रत रखती हैं। ऐसा करने से महापाप लगता है ! कारण तुलसी जी श्री ठाकुर जी की आज्ञा से केवल इन्ही दो दिनों  (रविवार और द्वादशी) विश्राम और निंद्रा लेती हैं !
बाकी के दिनों में वो एक छण के लिए भी सोती नही हैं और ना ही विश्राम लेती हैं ! आठों पहर ठाकुर जी की ही सेवा में लगी रहती हैं

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )