भगवती काली की कृपा-प्राप्ति का मन्त्र
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
Contact 9953255600
“काली-काली महा-काली कण्टक-विनाशिनी रोम-रोम रक्षतु सर्वं मे रक्षन्तु हीं हीं छा चारक।।”
विधिः
आश्विन-शुक्ल-प्रतिपदा से नवमी तक देवी का व्रत करे। उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करे। जप के बाद इसी मन्त्र से १०८ आहुति से। घी, धूप, सरल काष्ठ, सावाँ, सरसों, सफेद-चन्दन का चूरा, तिल, सुपारी, कमल-गट्टा, जौ (यव), इलायची, बादाम, गरी, छुहारा, चिरौंजी, खाँड़ मिलाकर साकल्य बनाए। सम्पूर्ण हवन-सामग्री को नई हांड़ी में रखे। भूमि पर शयन करे। समस्त जप-पूजन-हवन रात्रि में ११ से २ बजे के बीच करे। देवी की कृपा-प्राप्ति होगी।
No comments:
Post a Comment