हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम प्रयोग
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यह सर्व कार्य सम्पन्न करता है
विधि
ब्रह्म मुहूर्त शुक्ल पक्ष मंगलवार से आरम्भ करें
पूर्वाभिमुख कुशासन पर बैठें
चौकी पर लाल वस्त्र बिछा कर हनुमान की दास मूर्ति या संकट मोचन रूप को स्थापित करें
साथ ही राम दरबार स्थापित करें
गुरु गणेश शिव गोरा की विधिवत पूजन कर राम दरबार व हनुमान पूजन करें
अपने कार्यसिद्धि का संकल्प लेकर नित्य १०८ बार स्तोत्र का जाप १०८ दिनतक करें
ब्रह्मचर्य का कड़ाई से पालन करें
हनुमान द्वादश नाम स्तोत्रम
||उल्लङ्घ्य सिन्धोः सलिलं सलीलं यः शोकवह्निं जनकात्मजायाः।
आदाय तेनैव ददाह लङ्कां नमामि तं प्राञ्जलिराञ्जनेयम्॥
।। ॐ हनुमान अंजनीसूनुः वायुपुत्रो महाबलः ।
रामेष्टः फल्गुणसखः पिंगाक्षोऽमितविक्रमः ॥ १॥
उदधिक्रमणश्चैव सीताशोकविनाशकः ।
लक्ष्मण प्राणदाताच दशग्रीवस्य दर्पहा ॥ २॥
द्वादशैतानि नामानि कपींद्रस्य महात्मनः ।
स्वापकाले पठेन्नित्यं यात्राकाले विशेषतः ।
तस्यमृत्यु भयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥
धनं धान्यं भवेत् तस्य दुःख नैव कदा च न ।।
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