दूर्वा उपाय
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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1. प्रातःकाल गणेश जी को श्वेत दूर्वा अर्पित करके घर से बाहर जायें। इससे आपको कार्यों में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी।
2. घर के मुखय द्वार के ऊपर गणेश जी का चित्र या प्रतिमा इस प्रकार लगाएं कि उनका मुंह घर के भीतर की ओर रहे। इससे धन लाभ होगा।
3. गणपति को दूर्वा और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाकर श्री लक्ष्मी के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं कभी धनाभाव नहीं होगा।
4. दुकान या व्ववसाय स्थल के उद्घाटन के समय चांदी की एक कटोरी में धनिया डालकर उसमें चांदी के लक्ष्मी गणेश की मूर्ति रख दें। फिर इस कटोरी को पूर्व दिशा में स्थापित करें। दुकान खोलते ही पांच अगरबत्ती से पूजन करने से व्यवसाय में उन्नति होती है।
5. नित्य श्री गणेश जी की पूजा करके उनके मंत्र ‘श्री गं गणपतये नमः’ का जप करने से सभी प्रकार की परीक्षा में सफलता प्राप्त होती है।
6. छात्रों को जो विषय कठिन लगता हो उस विषय की पुस्तक में गणेश जी का चित्र तथा दूर्वा रखने से वह विषय सरल लगने लगेगा।
7. बुधवार का व्रत रखकर बुध स्तोत्र का पाठ करने से, गणेश जी को मूंग के लड्डू चढ़ाने से आजीविका की प्राप्ति शीघ्र होती है।
8. रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र में श्वेत आक की जड़ लाकर उससे श्री गणेश जी की प्रतिमा बनायें। फिर उस पर सिंदूर और देशी घी के मिश्रण का लेप करके एक जनेऊ पहनाकर पूजा घर में स्थापित कर दें। तत्पश्चात इसके समक्ष श्री गणेश मंत्र की 11 माला का जप करें। आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
9. बुधवार के दिन श्री गणेश का पूजन करके गाय को घास खिलाने से सास के प्रति बहू का कटु व्यवहार दूर होता है।
10. बुधवार के दिन श्री गणेश साधना करने से बुध ग्रह के दोष दूर होते हैं।
11. गणेश चतुर्थी के दिन से श्री गणेश स्तोत्र का पाठ शुरू करके भगवान से प्रार्थना करने पर पिता-पुत्र के संबंधों में मधुरता आती है।
12. एक सुपारी पर मौली लपेटकर उसे गणपति के रूप में स्थापित कर तत्पश्चात उसका पूजन करके घर से बाहर जायें। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।
13. भगवान गणेश को नित्य प्रातःकाल लड्डू का भोग लगाने से धन लाभ का मार्ग प्रशस्त होता है।
14. भगवान गणपति जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाकर व्यवसाय स्थल पर जायें और कोई मीठा फल किसी मंदिर में चढ़ाएं। इससे धन-धान्य व सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।
15. धनतेरस से दीपावली तक लगातार तीन दिन सायंकाल श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करके गाय को हरा चारा (सब्जी-साग आदि) खिलायें। बाधायें -रूकावटें दूर होंगी।
16. परीक्षा देने से पूर्व श्री गणेश मंत्र का 108 बार जप करें और गणपति को सफेद दूर्वा चढ़ायें। परीक्षा में निश्चय ही सफलता मिलेगी।
17. घर में गणेश जी के प्रतिमा के सामने नित्य पूजन करने से धन मान और सुख की प्राप्ति होती है।
18. प्रातः काल गणपति जी मंत्र का 21 दिनों में सवा लाख बार जप करने से सभी मनोकामना पूर्ण होंगी। इसीलिए गणपत्यऽथर्वशीर्ष में कहा गया है कि श्री गणेश भगवान आप ही ब्रह्मा, विष्णु, शिव हो। आप ही अग्नि, वायु, सूर्य, चंद्र हो। समस्त देवता, पंचतत्व, नवग्रह आदि सब कुछ आपका स्वरूप हैं। गणेश पुराण में वर्णित गणेशाष्टक को सिद्धि प्रदायक कहा गया है। निश्चित ही ऋद्धि-सिद्धि की सहजता से उपलब्धि गणेश तत्व से ही संभव है। ऋिद्धि-सिद्धि की प्राप्ति कामनापूर्ति, संकटनाश, प्रेम प्राप्ति, मधुर दांपत्य जीवन, विघ्ननाश, आरोग्य आदि कोई भी ऐसी कामना नहीं है जो कि गणेशकृपा से पूर्ण न हो।
श्री गणेश मंत्र – ॐ गं गणपतये नम:।
ऋद्धि – ॐ हेमवर्णायै ऋद्धये नम:।
सिद्धि – ॐ सर्वज्ञानभूषितायै नम:।
लाभ – ॐ सौभाग्य प्रदाय धन-धान्ययुक्ताय लाभाय नम:।
शुभ – ॐ पूर्णाय पूर्णमदाय शुभाय नम:।
पूजा व मंत्र स्मरण के बाद लड्डू का भोग लगाएं। इसके बाद धूप व घी के दीप जलाकर गणेश जी की आरती करें, प्रसाद बांटे व ग्रहण करें।
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