कुंडली में बनने वाले कुछ प्रेत अरिष्ट योग
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कतिपय योग:- कुंडली में बनने वाले कुछ प्रेत अरिष्ट योग इस प्रकार हैं:-
1. सूर्य अथवा चन्द्र यदि तृतीय भाव में पापी ग्रहों के साथ हैं तो बच्चा बीमार रहेगा अथवा कुछ समय पश्चात उसकी मृत्यु हो जाती है।
2. यदि चंद्र अष्टम भाव के स्वामी के साथ केंद्रस्थ है तथा अष्टम भाव में भी पापी ग्रह हैं तो शीघ्र मृत्यु होती है।
3. यदि चंद्र से सप्तम भाव में मंगल एवं शनि हैं तथा राहु लग्नस्थ है तो जन्म के कुछ दिनों के अन्दर ही मृत्यु हो जाती है।
4. यदि कुंडली में चंद्रमा अथवा लग्न लग्नेश पर राहु केतु का प्रभाव है तो उस जातक पर ऊपरी हवा जादू टोने इत्यादि का असर अति शीघ्र होता है।
5. कुंडली में सप्तम भाव में अथवा अष्टम भाव में क्रूर ग्रह राहु केतु मंगल शनि पीड़ित अवस्था में हैं तो ऐसा जातक भूत प्रेत जादू टोने तथा ऊपरी हवा आदि जैसी परेशानियां से अति शीघ्र प्रभावित होता है।
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