Saturday, February 22, 2020

राहु ग्रह का अच्छा प्रभाव क्या होता है 1,5,9 भावो में

राहु ग्रह का अच्छा प्रभाव क्या होता है 1,5,9 भावो में



दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      
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राहू : भोग मार्ग का द्वारपाल, सीमाओं को तोड़ कर खोज करने का अभिलाषी, सांसारिक इच्छाओं की पूर्ती के लिए मद आचरण प्रदान करता..सभी क्षेत्रो में अज्ञात बातें/ वस्तुओं का पता लगाने की क्षमता राहू ही देता है I राहू जातक को उत्कृष्ट अनुसन्धान क्षमता प्रदान करता है, साथ ही नए विचारों को अपनाने की एवं नए विचारों को कार्यान्वित करने कि शक्ति राहू प्रदान करता है I
बलवान राहू जातक को : अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तथा षड़यंत्र रचने में निपुण बनता है I साथ ही साथ जातक दूसरों के रचे षड़यंत्रों को काफी सरलता से समझ सकता है I
राहु व्यक्ति को एक बहुत अच्छा राजनयिक बनता है, ऐसे जातक बहुत परिष्कृत और पॉलिश तरीके से व्यवहार करते हैं और अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं I
राहू व्यक्ति को एक अच्छा जासूस बनता है जो कि गुप्त रूप से जानकारी जुटाने में माहिर होता है, बलवान राहू युक्त जातक अपने आतंरिक भावो को दूसरों से छुपाने में माहिर होता है, ऐसे व्यक्ति अपनी बातें कभी किसी पर जाहिर नहीं होने देते और जासूसी के काम को काफी आसानी से कर पाते हैं I
जहर / खतरनाक रसायन, बड़े आधुनिक विद्युत उपकरणों का ज्ञान, परमाणु प्रौद्योगिकी का ज्ञान, भौतिक विज्ञानं का ज्ञान, धातु बनाने तथा उपयोग का ज्ञान राहू ही देता है I राहु मंत्र शास्त्र का भी उत्तम ज्ञान देता है I
राहू जिस किसी की भी जातक की कुंडली मैं वर्गउत्तम हो (राशि चक्र और नवंशाचक्र चक्र में एक ही राशि में बैठा हो) या नवांश कुंडली में त्रिकोण (१, ५, ९ भाव में बैठा हो) उस जातक में ऊपरोक्त लिखी कई खूबियां पाई जाती हैं I

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )