Friday, February 21, 2020

दस महा विद्या स्त्रोत

दस महा विद्या स्त्रोत

दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      
Contact 9953255600 

महाविद्या स्त्रोत
ऊँ नमस्ते चण्डिके चण्डि चण्डमुण्डविनाशिनी।
नमस्ते कालिके कालमहाभयविनाशिनि।।
शिवे रक्ष जगद्धात्रि प्रसीद हरवल्लभे।
प्रणमामि जगद्धात्रीं जगत्पालनकारिणीम्।।
जगत् क्षोभकरीं विद्यां जगत्सृष्टिविधायिनीम्।
करालां विकटां घोरां मुण्डमालाविभूषिताम्।।
हरार्चितां हराराध्यां नमामि हरवल्लभाम्।
गौरीं गुरुप्रियां गौरवर्णालंकारभूषिताम्।।
हरिप्रियां महामायां नमामि ब्रह्मपूजिताम्।
सिद्धां सिद्धेश्वरीं सिद्धविद्याधरगणैर्युताम्।।
मन्त्रसिद्धिप्रदां योनिसिद्धिदां लिंगशोभिताम्।
प्रणमामि महामायां दुर्गां दुर्गतिनाशिनीम्।
उग्रामुग्रमयीमुग्रतारामुग्रगणैर्युताम्।
नीलां नीलघनश्यामां नमामि नीलसुन्दरीम्।।
श्यामांगी श्यामघटितां श्यामवर्णविभूषिताम्।
प्रणमामि जगद्धात्रीं गौरीं सर्वार्थसाधिनीम्।।
विश्वेश्वरीं महाघोरां विकटां घोरनादिनीम्।
आद्यामाद्यगुरोराद्यामाद्यनाथप्रपूजिताम्।।
श्री दुर्गां धनदामन्नपूर्णां पद्मां सुरेश्वरीम्।
प्रणमामि जगद्धात्रीं चन्द्रशेखरवल्लभाम्।।
त्रिपुरां सुन्दरीं बालामबलागणभूषिताम्।
शिवदूतीं शिवाराध्यां शिवध्येयां सनातनीम्।।
सुन्दरीं तारिणीं सर्वशिवागणविभूषिताम्।
नारायणीं विष्णुपूज्यां ब्रह्मविष्णुहरप्रियाम्।।
सर्वसिद्धिप्रदां नित्यामनित्यां गुणवर्जिताम्।
सगुणां निर्गुणां ध्येयामर्चितां सर्वसिद्धिदाम्।।
विद्यां सिद्धिप्रदां विद्यां महाविद्यां महेश्वरीम्।
महेशभक्तां माहेशीं महाकालप्रपूजिताम्।।
प्रणमामि जगद्धात्रीं शुम्भासुरविमर्दिनीम्।
रक्तप्रियां रक्तवर्णां रक्तबीजमर्दिनीम्।।
भैरवीं भुवनां देवीं लोलजिह्वां सुरेश्वरीम्।
चतुर्भुजां दशभुजामष्टादशभुजां शुभाम्।।
त्रिपुरेशीं विश्वनाथप्रियां विश्वेश्वरीं शिवाम्।
अट्टहासामट्टहासप्रियां धूम्रविनाशिनीम्।।
कमलां छिन्नभालांच मातंगी सुरसुन्दरीम्।
षोडशीं विजयां भीमां धूमांच वगलामुखीम्।।
सर्वसिद्धिप्रदां सर्वविद्यामन्त्रविशोधिनीम्।
प्रणमामि जगत्तारां सारांच मन्त्रसिद्धये।।
इत्येवंच वरारोहे, स्तोत्रं सिद्धिकरं परम्।
पठित्वा मोक्षमाप्नोति सत्यं वै गिरिनन्दिनि


सौ संकटो का समाधान तुरंत। नौ ग्रह शान्ति किसी दशा में हो।
शनि राहू केतु मंगल जितना अमंगल करे। काल सर्प दोष हो या प्रेत दोष हो। जो कर्म का भोग हैं और जितने दिनों की दशा चल रही है। वह होकर रहेगा। लेकिन जो हम परेशानी भोग रहे है, दस महा विद्या दस माताओ का स्त्रोत की पूजा और हम अपनी परेशानी की गुहार हम माता जी कर रहे हैं। पति पत्नी में मतभेद हो, तलाक की नौबत हो, बहुत सा दुश्मन पिछे पड़ा हो ,इत्यादि।
प्रति दिन 11बार पाठ करना है. शुबह पवित्र होकर, जप आप से न हो तो दस महा विद्या जानकार पुरोहीत से भी करवा सकते हैं, शुरु करना है शुक्रवार से।
इस स्त्रोत की महिमा अपार है, जितना भी बताय कम है।

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )