Sunday, February 16, 2020

नजर दोष

नजर दोष

दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, यंत्र, टोटका, वास्तु, कुंडली, हस्त रेखा, राशि रत्न,भूत प्रेत, जिन, जिन्नात, बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण, पितृ दोष, कालसर्प दोष, चंडाल दोष, गृह क्लेश, बिजनस, विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      
Contact 9953255600 


भारतीय समाज में नजर लगना और लगाना एक बहु प्रचलित शब्द है। लगभग प्रत्येक परिवार में नजर दोष निवारण के उपाय किए जाते हैं। घरेलू महिलाओं का मानना है कि बच्चों को नजर अधिक लगती है। बच्चा यदि दूध पीना बंद कर दे तो भी यही कहा जाता है कि भला चंगा था, अचानक नजर लग गई। लेकिन क्या नजर सिर्फ बच्चों को ही लगती है? नहीं। यदि ऐसा ही हो तो फिर लोग ऐसा क्यों कहते हैं कि मेरे काम धंधे को नजर लग गई। नया कपड़ा, जेवर आदि कट-फट जाएं, तो भी यही कहा जाता है कि किसी की नजर ल्रग गई।

नजर के लक्षण

नजर से प्रभावित लोगों का कुछ भी करने को मन नहीं करता। वे बेचैन और बुझे-बुझे-से रहते है। बीमार नहीं होने के बावजूद शिथिल रहते हैं। उनकी मानसिक स्थिति अजीब-सी रहती है, उनके मन में अजीब-अजीब से विचार आते रहते हैं। वे खाने के प्रति अनिच्छा जाहिर करते हैं। बच्चे प्रतिक्रिया व्यक्त न कर पाने के कारण रोने रोने लगते हैं। कामकाजी लोग काम करना भूल जाते हैं और अनर्गल बातें सोचने लगते हैं। इस स्थिति से बचाव के लिए वे चिकित्सा भीं करवाना नहीं चाहते। विद्यार्थियों का मन पढ़ाई से उचट जाता है। नौकरीपेशा लोग सुनते कुछ हैं, करते कुछ और हैं।

इस प्रकार नजर दोष के अनेकानेक लक्षण हो सकते हैं।

नजर किसे लगती है?

नजर सभी प्राणियों, मानव निर्मित सभी चीजों आदि को लग सकती है। नजर देवी देवताओं को भी लगती है। शास्त्रों में उल्लेख है कि भगवान शिव और पार्वती के विवाह के समय सुनयना ने शिव की नजर उतारी थी।

कब लगती है नजर?

कोई व्यक्ति जब अपने सामने के किसी व्यक्ति अथवा उसकी किसी वस्तु को ईर्ष्यावश देखे और फिर देखता ही रह जाए, तो उसकी नजर उस व्यक्ति अथवा उसकी वस्तु को तुरत लग जाती है। ऐसी नजर उतारने हेतु विशेष प्रयत्न करना पड़ता है अन्यथा  नुकसान की संभावना प्रबल हो जाती है।

नजर किस की लग सकती है?

किसी व्यक्ति विशेष को अपनी ही नजर लग सकती है। ऐसा तब होता है जब वह स्वयं ही अपने बारे में अच्छे या बुरे विचारव्यक्त करता है अथवा बार-बार दर्पण देखता है। उससे ईर्ष्या करने वालों, उससे प्रेम करने वालों और उसके साथ काम करने वालों की नजर भी उसे लग सकती है। यहां तक की किसी अनजान व्यक्ति, किसी जानवर या किसी पक्षी की नजर भी उसे लग सकती है।

नजर की पहचान क्या है?

नजर से प्रभावित व्यक्ति की निचली पलक, जिस पर हल्के रोएंदार बाल होते हैं, फूल सी जाती है। वास्तव में यही नजर की सही पहचान है। किंतु, इसकी सही पहचान कोई पारखी ही कर सकता है।

No comments:

Post a Comment

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )