Sunday, February 16, 2020

धन-संपदा प्राप्ति व स्थिरता एवं ऋण निवृत्ति प्रयोग

धन-संपदा प्राप्ति व स्थिरता एवं ऋण निवृत्ति प्रयोग

मंत्र: 
आं ह्रीं क्रौं श्रीं श्रियै नमः। मामालक्ष्मी नाशय नाशय। माम ऋणौतीर्ण कुरू कुरू, सम्पदं वर्धय वर्धय स्वाहा। 

विधि: 
उक्त मंत्र का नित्यप्रति 43 दिनों तक 228 बार जप करें तथा 44वें दिन 196 बार जप करें तथा इसी दिन 228 कमलगट्टा लेकर गोघृत के साथ एक-एक मंत्र पढ़ते हुए हवन करें। बाद में नित्य प्रति 10 बार मंत्र जप करें तो धन-संपदा प्राप्ति व स्थिरता एवं ऋण निवृत्ति होती है।


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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )