शीघ्र धन प्राप्ति हेतु मंत्र
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ऊँ नमः कर घोर-रूपिणी स्वाहा।
विधि:
उपरोक्त मंत्र का जप प्रातःकाल देवी के किसी सिद्धि स्थान या नित्य पूजन स्थान पर 11 माला करें। रात्रिकाल में 108 मिट्टी के दाने लेकर कुएं पर जायं और वहां दायीं पैर कुएं में लटकाकर व बाएं पैर को दाएं पैर पर रखकर इस तरह बैठें कि मुख सिद्ध देवी स्थान या नित्य देवी पूजन स्थान की तरफ हो। प्रति जप के साथ एक-एक करके 108 मिट्टी के दाने कुएं में डाल दें। ग्यारह दिन तक अनवरत इसी प्रकार करें। यह प्रयोग अतिशीघ्र आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए है। अधिक करने पर दिन दूना रात चैगुना लाभ प्राप्त होगा।
मंत्र:
ऊँ अैं ह्रीं श्रीं श्रिये नमो भनवलि। मम समृध्यौ जवल जवल, मा सर्व सम्पद देहि, ममालक्ष्मी नाशय नाशय, हुं फट् स्वाहा।
विधि:
उक्त मंत्र की 21 माला 21 दिनों तक नित्य जपें। 21 वें दिन मंत्र जप के बाद घृत (घी) की 108 आहुतियां दे। फिर नित्य एक माला जप करने से धन-धान्य की वृद्धि होती रहेगी।
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