Saturday, August 10, 2019

अन्तर्मन जाग्रत व सामाजिक यश (सुख) का मन्त्र

अन्तर्मन जाग्रत व सामाजिक यश (सुख) का मन्त्र


अन्तर्मन जाग्रत करने का मन्त्र

“होय विवेक, मोह भ्रम भागा ।
तब रघुनाथ चरण अनुरागा ।।”

मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-

कुश की जड़ की गांठ से माला बना करके प्रतिदिन १००० मन्त्रों का जप करें ।
इस मन्त्र के प्रयोग से मोह, भ्रमादि का अन्त होकर अन्तर्मन जाग जाता है ।

सामाजिक यश (सुख) का मन्त्र

“सुनि समुझहिं जन मुदित,
मन मज्जहिं अति अनुराग ।
लहहीं चारि फल अछथ,
तनु साधु समाज प्रयाग ।।”

मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-

प्रतिदिन स्फटिक की माला पर १००० मन्त्रों का जप करें । इस क्रिया को ९० दिन तक करें और ९१वें दिन कोढ़ियों को खिचड़ी खिलायें ।

इस मन्त्र के प्रयोग से देह का सुख, साधुओं की कृपा, समाज का सहयोग तथा प्रयाग स्नान का फल प्राप्त होता है ।

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )