स्वप्न में हनुमत दर्शन अनुष्ठान ८१ दिनों का
यह अनुष्ठान ८१ दिनों का है.अनुष्ठान काल मे ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है.क्षौर,नख कृन्तन,मद्यपान,मांसाहार सर्वथा वर्जित हैअनुष्ठानारंभ के दिन प्रातः काल उठकर शौच,मुखमार्जन और स्नान के पश्चात शुद्ध वस्त्र पहनकर एक लोटा जल और एक दाना उड़द लेकर हनुमान जी के मंदिर मे जाय और जल से मूर्ति को स्नान कराकर उड़द का दाना उनके मस्तक पर चढ़ा दे.
पुनः ११प्रदक्षिणा कर मन ही मन अपनी मनोकामना हनुमान को बतला दे.
पुनः उड़द दाना लेकर घर आ जावे.दुसरे दिन से एक-एक दाना उड़द बढ़ाता जावे.अर्थात् दूसरे दिन-२ दाना, तीसरे दिन -३ इस प्रकार ४१वे दिन–४१ दाना रखकर ४२ वे दिन से एक-एक दाना कम करता जाय.अर्थातं ४२वे दिन ४०,४३ वे दिन-३९ और अंत मे ८१ वे दिन -१ दाना.८१ दिन का अनुष्ठान पूर्ण होने पर उसी दिन रात्री मे हनुमान जी साधक को दर्शन देकर उसकी मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं.
एकत्रित उड़द दानों को किसी नदी या तालाब मे विसर्जित कर दे.
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