Sunday, March 5, 2017

वशीकरण तिलक VASHIKARAN TILAK

 वशीकरण तिलक VASHIKARAN TILAK 

मंत्र :

ऊं सर्वलोक वश्यंकराय कुरु-कुरु स्वाहा |
ऊं नमो भगवते ज्वालाग्नी श्य्यादिश्ठा विनय स्वाहा |
ऊं नमो भास्कराय जगदात्मने (अमुकं) वशमानय कार्य कुरु-कुरु फट स्वाहा |
ऊं नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मुख रंजनी सर्वेषां महामाये मातंगे कुमरिके नन्द नन्द जिह्वे सर्व लोकं वश्य करि स्वाहा |

विधि : 
शुभ दिन व शुभ लग्न में उत्तर कि ओर मुंह करके, सूर्योदय के बाद शुद्ध होकर मूंगे की माला से जाप प्रारंभ करें| १२५००  जाप कर मंत्र सिद्ध कर ले|


प्रयोग :
उपरोक्त मन्त्रों में से किसी भी एक मंत्र को सिद्ध कर, फिर सर्वजन वशीकरण तंत्र की किसी भी वास्तु को प्रयोग में लेने से पहले २१ बार अभिमंत्रित करे फिर प्रयोग में लायें|


सर्वजन वशीकरण तिलक :

बिल्व पत्र तथा बिजौरा को बकरी के दूध में घिस कर तिलक करें तो वशीकरण होता है |
ग्वारपाठा के मूल में भांग के बीज पीसकर तिलक करें |
अपामार्ग  की मूल कपिला गाय या बकरी के दूध में पीस कर तिलक करें
सिन्दूर तथा सफ़ेद बच पान के रस में पीस कर तिलक करें
काला भांगरा, श्वेत लाजवंती व सहदेवी मूल इन सबको सम भाग पीसकर तिलक करें 
गूलर की मूल घिसकर तिलक करे
शिलाजीत, तम्बाखू, केसर व गोरोचन इन सबको संभाग पीस कर तिलक करें
मुस्ता की मूल को चन्दन के साथ घिसकर तिलक करें
पुष्य नक्षत्र में इन्द्रायण की मूल, पीपर, सौंठ और काली मिर्च इन सबको सम भाग गोदुग्ध में पीसकर गोली बना लेंफिर चन्दन में घिसकर तिलक करें
मैनसिल, गोरोचन व मुस्ता की मूल पानी में घिसकर तिलक करें, जिसका नाम लेकर उसके सामने जाए
रजस्वला स्त्री के रक्त में गोरोचन मिलाकर तिलक करें
काक विष्ठा और गोदंत दोनों को पीसकर तिलक करें
अपराजिता के मूल को पीसकर रुई की बत्ती में लपेट कर काजल पारकर तिलक करे
रविवारी अमावस्या को घुग्घी का कलेजा, मैनसिल, अश्वगंधा, गोरोचन, केसर, चमगादड़ की विष्ठा, भिँसे का सींघ और कूठ इन सबको संभाग बारिक पीसकर गो-मूत्र में गोली बनाये और जरूरत पड़ने पर पानी में घिसकर तिलक करें फिर जहाँ जाएँ देखने वाले वश में होते हैं
तगर, कूठ, हरिताल और केसर इन सम भाग लेकर उसमे अनामिका उंगली का रक्त में पीसकर तिलक करें
अपामार्ग, भांगरा, लाजवंती और सहदेई इनको समभाग लेकर तिलक करें
मनुष्य के कपाल में धतूरे के बीज रखे फिर शहद और कपूर मिलाकर पीसें फिर तिलक करें
बड के वृक्ष की मूल पानी के साथ घिस कर उसके उपलों की भस्म मिलकर तिलक करें
अपामार्ग के बीजों को बकरी के दूध में पीसकर तिलक करें
अश्वगंधा, हरताल, सिन्दूर को केले के रस में पीसकर तिलक करें
श्वेतार्क मूल को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में घिसकर तिलक करें
पान, तुलसी के पत्ते कपिला गाय के दूध में पीसकर तिलक करें
गोरोचन व सहदेवी को घिसकर तिलक करे
केसर, सौंठ, कूठ, हरताल, मैनसिल व अनामिका अंगुली का रक्त मिलाकर तिलक करे
श्वेत गुंजा मूल को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में पीस कर तिलक करे 


सर्वजन  वशीकरण मूल :

पुष्य नक्षत्र में पुनर्नवा की मूल लाकर दांयी भुजा में बांधने से सब लोग वशीभूत होते हैं
पुष्य या भरणी नक्षत्र में सुदर्शन की मूल लाकर में बांधें
मुस्ता की मूल को मुंह में रख कर जिसके नाम का उच्चारण किया जाये वो वश में हो

सर्वजन वशीकरण चूर्ण :

गूलर वृक्ष की मूल का चूर्ण जिसे भी पान में खिला दें वही वशीभूत हो जाता है


सर्वजन वशीकरण लेप :

पान व उसकी जड़ का शारीर पर लेप करे तो सर्वजन वशीकरण हो

सर्वजन वशीकरण सुपारी :

एक सुपारी लायें, ग्रहण के समय नाभि तक पानी में खड़ा होकर "पीर मैं नाथ पीर तुं नाथ, जिसको खिलाऊँ, उसको वश करना, फुरो मंत्र इश्वर वाचा", इस मंत्र को सात बार बोलकर वह सुपारी निगल जाएँ, दूसरे दिन सुबह जब वह सुपारी मॉल में निकले, उसको दूध में धोकर रख ले, इस सुपारी का एक टुकड़ा जिसे भी खिलाया जाएगा वो आजीवन वश में रहेगा

सर्वजन वशीकरण पत्र :

भोजपत्र पर गोरोचन, केसर व महावर से जिस किसी का नाम लिख कर रख देंगे वह वश में रहेगा
हस्त नक्षत्र में पलाश का पत्ता हाथ में बाँधने से सर्वजन वश में होते हैं
भोजपत्र पर शत्रु का नाम लिख कर शहद में डुबोकर रखने से वह वशीभूत रहता है

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विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )