विवाह निश्चित करते समय ध्यान रखने योग्य बातें MARRIAGE FIX KRTE VAKT SAVDHANIYAN
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भावी दम्पति का वैवाहिक जीवन दीर्घकालीन हो, इसके लिए विवाह निश्चित करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए :-
वधु के गोत्र, वर के गोत्र और वर की माता के गोत्र की तीन पीढ़ियों में से न हो |
दो सगे भाइयों का विवाह, दो सगी बहनों से ना करें |
विवाह के बाद छ: महीने तक कोई मंगल कार्य ना करें | अगर माघ महीने में मंगल कार्य हो तो चैत्र महीने में दूसरा मगल कार्य कर सकते हैं |
ज्येष्ठ पुत्र का विवाह जयेष्ठ पुत्री के साथ ज्येष्ठ मास में कदापि नहीं करना चाहिये |
पुत्र-वधु के घर में प्रवेश के बाद छ: महीने से पहले कन्या की विदाई नहीं करनी चाहिए |
गुर, शुक्र अस्त चल रहें हों, मल मास चल रहा हो तो विवाह करना वर्जित है |
जब सूर्य अपनी नीच राशी में चल रहा हो तो भी विवाह टालना चाहिए |
जन्म पत्री मिलान शास्त्रीय विधि से करना चाहिए |
वर-वधु की महादशा की संधियों में किया गया विवाह जीवन में गंभीर परेशानियाँ लेकर आता है अत: इसका ध्यान रखन चाहिए |
नक्षत्र के आरम्भ और अंत में विवाह न करें |
गुरु सिंह राशी में गोचर कर रहा हो तो भी विवाह न करें |
लड़का-लड़की दोनों विवाह योग्य हों तो लड़की का विवाह पहले करें |
दो सगे बहन भाई के विवाह में कम से कम छ: महीने का अन्तराल हो |
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