मंत्र ऊत्किलन विधि MANTR UTKILAN VIDHI
दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है
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वशीकरण कर्म के समय उचित आसन में बैठ कर उचित दिशा की ओर मुख करके अंगूठे एवं मध्यमा अंगुली का प्रयोग कर मंत्र जप करना चाहिए हैं,,, यथा संभव मंत्र का जप बुदबुदाते हुए ( उपांशु जप ) करना चाहिए हैं। वशीकरण के मंत्र मूल रूप से किलित मंत्र होते हैं,,,,,, इसी कारण से वशीकरण के मंत्रो का पहले ऊत्किलन किया जाना चाहिए हैं,,
मंत्र ऊत्किलन के लिए जिस मंत्र का जप करना हो उसे अश्त्गंधा द्वारा भोजपत्र पर लिख कर धूप, दीप, नैवैध आदि से पूजन करें,,,,, फिर एक ताम्बे के पात्र मैं इस भोजपत्र को रख कर उस पर जल डालते हुए मंत्र का जप करें। 108 बार जप पूरा होने तक ये प्रक्रिया करें। इस प्रकार मंत्र का ऊत्किलन हो जाता हैं एवं यह मंत्र आपके लिए वशीकरण प्रयोग के लिए उपलब्ध हो जाता हैं, एक विशेष बात प्रचलित शाबर मन्त्रों को कीसी प्रकार के ऊत्किलन की आवश्यकता नहीं होती हैं
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