Tuesday, March 28, 2017

दुर्गा सप्तशती के पाठ का फल महत्व IMPORTANCE AND BENEFITS OF DURGA SAPTSHATI PATH

दुर्गा सप्तशती के पाठ का फल महत्व    IMPORTANCE AND BENEFITS OF DURGA SAPTSHATI PATH 


दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS

माँ दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है । दुर्गा शक्ति की उत्पत्ति तथा उनके ‍चरित्रों का वर्णन मार्कण्डेय पुराणां के अंतर्गत देवी माहात्म्य में किया गया है। भुवनेश्वरी संहिता में कहा गया है- जिस प्रकार से ''वेद'' अनादि है, उसी प्रकार ''सप्तशती'' भी अनादि है।

दुर्गा सप्तशती 700 श्लोकों में देवी-चरित्र का वर्णन है। दुर्गा सप्तशती में कुल 13 अध्याय हैं, और यह मुख्य रूप से ये तीन चरित्र प्रथम चरित्र (इसमें प्रथम अध्याय), मध्यम चरित्र (इसमें दूसरा, तीसरा, और चौथा अध्याय) और उत्तम ‍चरित्र (इसमें पाँचवे से तेरहवें अध्याय) में है । प्रथम चरित्र की देवी महाकाली, मध्यम चरित्र की देवी महालक्ष्मी और तीसरे उत्तम ‍चरित्र की देवी महासरस्वती मानी गई है। दुर्गा सप्तशती में माँ महाकाली की स्त‍ुति एक अध्याय में, माँ महालक्ष्मी की स्तुति तीन अध्यायों में और माँ महासरस्वती की स्तुति नौ अध्यायों में वर्णित की गयी है।
इस दुर्गा सप्तशती में मारण के 90, मोहन के 90,  उच्चाटन के 200, स्तंभन के 200 वशीकरण के 60 और
विद्वेषण के भी 60 प्रयोग दिए गए हैं। इस प्रकार यह कुल 700 श्लोक 700 प्रयोगों के समान माने गये हैं।


दुर्गा सप्तशती में राजा सुरथ जिनका शत्रुओं और दुष्ट मंत्रियों के कारण सम्पूर्ण राजपाट, कोष , सेना और बहुमूल्य वस्तुएँ सब कुछ हाथ से छिन गया था और समाधि नामक वैश्य जिसकी दुष्ट स्त्री और पुत्र ने धन के लोभ में उसको घर से निकाल दिया था लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बाद निराशा से घिरे होने के बाद भी उन दोनों का मन अपने घर परिवार, अपने राज्य और अपने परिजनों में ही आसक्त था उन दोनों को मेघा ऋषि ने ज्ञान दिया है।



इस देवी महात्म्य के श्रवण के बाद राजा सुरथ और समाधि वैश्य दोनों ने ही माँ आदि शक्ति की आराधना की। तत पश्चात देवी की कृपा से राजा सुरथ को उनका खोया राज्य और वैश्य को भी पूर्ण जान प्राप्त हुआ। उसी प्रकार जो व्यक्ति माँ भगवती की आराधना करते हैं सभी मनोरथ पूर्ण होते है। ऐसी मान्यता है कि दुर्गा सप्तशती के केवल 100 बार पाठ करने से सभी तरह की सिद्धियाँ प्राप्त होती है।


महर्षि मेधा ने सर्वप्रथम राजा सुरथ और समाधि वैश्य को यह अदभुत दुर्गा का चरित्र सुनाया। उसके पश्चात महर्षि मृकण्डु के पुत्र चिरंजीवी मार्कण्डेय ने मुनिवर भागुरि को यही कथा सुनाई थी । यही कथा द्रोण पुत्र पक्षिगण ने महर्षि जैमिनी को सुनाई थी। जैमिनी ऋषि महर्षि वेदव्यास जी के शिष्य थे। फिर इसी कथा संवाद का सम्पूर्ण जगत के प्राणियों के कल्याण के लिए महर्षि वेदव्यास ने मार्कण्डेय पुराण में यथावत् क्रम वर्णन किया है ।



मार्कण्डेय पुराण में ब्रह्माजी ने मनुष्यों की रक्षा के लिए परम गोपनीय साधन, माँ का देवी कवच एवं परम पवित्र किन्तु आसान उपाय संपूर्ण प्राणियों को बताये है । श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ सभी तरह के मनोरथ सिद्धि के लिए करते है । श्री दुर्गा सप्तशती महात्म्य धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चारों पुरुषार्थों को प्रदान करता है। दुर्गा सप्तशती के सभी तेरह अध्याय अलग अलग इच्छित मनोकामना की सहर्ष ही पूर्ति करते है ।


 प्रथम अध्याय: - इसके पाठ से सभी प्रकार की चिंता दूर होती है एवं शक्तिशाली से शक्तिशाली शत्रु का भी भय दूर होता है शत्रुओं का नाश होता है ।


 द्वितीय अध्याय:- इसके पाठ से बलवान शत्रु द्वारा घर एवं भूमि पर अधिकार करने एवं किसी भी प्रकार के वाद विवाद आदि में विजय प्राप्त होती है ।


 तृतीय अध्याय: - तृतीय अध्याय के पाठ से युद्ध एवं मुक़दमे में विजय, शत्रुओं से छुटकारा मिलता है ।


 चतुर्थ अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से धन, सुन्दर जीवन साथी एवं माँ की भक्ति की प्राप्ति होती है ।



 पंचम अध्याय: - पंचम अध्याय के पाठ से भक्ति मिलती है, भय, बुरे स्वप्नों और भूत प्रेत बाधाओं का निराकरण होता है ।


 छठा अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से समस्त बाधाएं दूर होती है और समस्त मनवाँछित फलो की प्राप्ति होती है ।


 सातवाँ अध्याय: - इस अध्याय के पाठ से ह्रदय की समस्त कामना अथवा किसी विशेष गुप्त कामना की पूर्ति होती है ।


 आठवाँ अध्याय: - अष्टम अध्याय के पाठ से धन लाभ के साथ वशीकरण प्रबल होता है ।


 नौवां अध्याय:- नवम अध्याय के पाठ से खोये हुए की तलाश में सफलता मिलती है, संपत्ति एवं धन का लाभ भी प्राप्त होता है ।


 दसवाँ अधयाय:- इस अध्याय के पाठ से गुमशुदा की तलाश होती है, शक्ति और संतान का सुख भी प्राप्त होता है ।


 ग्यारहवाँ अध्याय:- ग्यारहवें अध्याय के पाठ से किसी भी प्रकार की चिंता, व्यापार में सफलता एवं सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है ।

 बारहवाँ अध्याय:- इस अध्याय के पाठ से रोगो से छुटकारा, निर्भयता की प्राप्ति होती है एवं समाज में मान-सम्मान मिलता है ।

 तेरहवां अध्याय:- तेरहवें अध्याय के पाठ से माता की भक्ति एवं सभी इच्छित वस्तुओं की प्राप्ति होती है ।

मनुष्य जब तक जीवित है तब तक उसके जीवन में उतार चढ़ाव आते ही रहते है । मनुष्य की इच्छाएं अनंत हुई और इन्ही की पूर्ति के लिए दुर्गा सप्तशती से सुगम और कोई भी मार्ग नहीं है । इसीलिए नवरात्र में विशेष रूप से दुर्गा सप्तशती के तेरह अध्यायों का पाठ करने का विधान है। प्रतिदिन पाठ करने वाले मनुष्य एक दिन में पूरा पाठ न कर पाएं, तो वे एक, दो, एक, चार, दो, एक और दो अध्यायों के क्रम से सात दिनों में पाठ पूरा कर सकते हैं। संपूर्ण दुर्गासप्तशती का पाठ न करने वाले मनुष्य को देवी कवच, अर्गलास्तोत्र, कीलकम का पाठ करके देवी सूक्तम को अवश्य ही पड़ना चाहिए।

नवरात्रि में क्या लगायें माता का भोग BHOG IN NAVRATRI

नवरात्रि में क्या लगायें माता का भोग BHOG IN NAVRATRI


दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS

नवरात्र का हिन्दु धर्म में अति विशेष महत्व है । हिन्दू धर्मग्रंथों में शक्ति, संपन्नता, ज्ञान,सुख,आरोग्य एवं समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शक्ति के नौ स्वरूपों यानी माता नवदुर्गा की पूजा का महत्व बताया गया है।
नवदुर्गा का अर्थ है माता दुर्गा के नौ दिव्य स्वरूप। मां दुर्गा को दुर्गति का नाश करने वाली शक्ति कहा जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की रात्रि में सच्चे मन से की गयी आराधना विशेष फलदायी है ....
ऐसा विश्वास है कि नवरात्रि की नौ रातों में माता दुर्गा की नौ शक्तियों के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा और प्रात: उनको प्रतिदिन अलग अलग भोग चडाने से माता अपने सभी भक्तों की प्रत्येक कामनाओं को पूरा कर उन्हें बल, बुद्धि, धन, यश और दीर्घ आयु का वरदान देती है ।

यहाँ पर हम आपको माता दुर्गा को प्रतिदिन चड़ाए जाने वाले भोग के बारे में बता रहे है जिससे आप सभी भक्तों की पूजा आपको अवश्य ही मनवांछित फल प्रदान करें ।



 प्रथम नवरात्रि
के दिन मां शैल पुत्री के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से भक्तों आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है उनका मन एवं शरीर दोनों ही निरोगी रहता है।


 दूसरे नवरात्रि
के दिन माता ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाकर घर के सभी सदस्य इसका प्रसाद ग्रहण करें, इससे माता के भक्तों की आयु में वृद्धि एवं परिवार के सभी सदस्यों की आकाल मृत्यु से भी रक्षा होती है ।


 तीसरे नवरात्रि
के दिन माता चंद्रघंटा को मिश्री, खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर इसका प्रसाद वितरित करें, इससे माता के भक्तों के सभी दुख और भय दूर हो जाते है ।


 चौथी नवरात्रि 
के दिन मां दुर्गा के माता कुष्मांडा के दिव्य रूप को मालपुए का भोग लगाकर किसी भी दुर्गा मंदिर में ब्राह्मणों को इसका प्रसाद वितरित करें।इससे माता की कृपा स्वरूप उनके भक्तों को ज्ञान की प्राप्ति होती है , बुद्धि और कौशल का विकास होता है।


 पांचवें नवरात्रि 
के दिन मां स्कंदमाता को केले का प्रसाद चढ़ाने से माता के भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है, उन्हें परम आनंद की प्राप्ति होती है ।


 छठे नवरात्रि
के दिन मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाकर इनकी पूजा-अर्चना करें। मां कात्यायनी को शहद का भोग लगाकर उनकी सच्चे हर्दय से पूजा करने से साधक के अन्दर अद्भुत शक्ति एवं आकर्षण शक्ति का संचार होता है, पारिवारिक जीवन सुखमय होता है । उसकी समाज में सर्वत्र सराहना होती है और सम्मान मिलता है ।


 सातवें नवरात्रि
पर मां कालरात्रि को गुड़ का भोग चढ़ाने व उसे योग्य ब्राह्मणों को दान करने से शोक एवं सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भक्तों की सभी प्रकार के संकटों से भी रक्षा होती है।


 आठवें नवरात्रि
को माता महागौरी को हलवे और नारियल का भोग लगाएं व नारियल का दान करें । इससे धन, वैभव की प्राप्ति होती है और संतान का उत्तम सुख प्राप्त होता है ।


 नवें नवरात्रि
के दिन माता सिद्धिदात्री को खीर का भोग लगाकर काले तिल का दान दें। इससे माता के भक्तों के समस्त शत्रुओं का दमन होता है और अकाल मृत्यु की भय से भी छुटकारा मिलता है ।

दुरूपयोग और गोपनीयता की दृष्टि से विधि अधूरी प्रकाशित की गई है


OUR ANUSHTHAN SEIVICES




1→ Vashikaran Anushthan for Love Marriage
2→ Vashikaran Anushthan for Love Back
3→ Vashikaran Anushthan for Lost Love Back Again
4→ Vashikaran Anushthan for Control Boy friend/Girl Friend
5→ Vashikaran Anushthan for Control Husband
6→ Vashikaran Anushthan for Control Same Sex/ Gay

Call or Whats App for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 2100/-

OUR SERVICES :-

1)― Vashikaran Anushthan for Love Marriage, (our service)
Vashikaran anushthan for love marriage vashikaran is a science of attraction and vashikaran anushthan is basically a religious process of 1 day or more than 1 day which is performed by experts to control the mind and activity of the desired person. This anushthan has the facility to regulate any individual, living any where in the world. If you want to do love marriage but your family members are against your decision. Than use our service vashikaran anushthan for love marriage. This service will help to agree your family members at your decision and you can easily do love marriage with your loving partner. Vashikaran anushthan for love marriage is very powerful and provide you good results.

2)― Vashikaran Anushthan for Love Back, (our service)
Vashikaran anushthan for love back basically use to get your love back into your life. If you are married couple and your partner leave you alone due to any reason than what will you do. You can use our vashikaran anushthan for love back service so that you can find your love and get back him/her into your life. Vashikaran anushthan basically a kind of puja which is perform under the supervision of our experts. So they will remove all the hurdles from your life and make your life happy and tension free.

3)― Vashikaran Anushthan for Lost Love Back Again, (our service)
As the name of this service vashikaran anushthan for lost love back again, it will help our client to find their love. If you are in relationship with your partner and live happy with them, but suddenly your partner go away from you due to any reason, it will cause unbearable pain in your life. If you do truly love to your partner and can not be live without him/her and wants to bring him/her back into life. Than you can use our service vashikaran anushthan for lost love back again. This service is definitely helping you and your boyfriend or girlfriend has come back again into your life.

4)― Vashikaran Anushthan for Control Boy friend, Girl Friend (our service)
If you are in relationship from a long time and now you will see that your boyfriend ignoring to you and betrayed you. Than you can use our vashikaran anushthan for control boy friend / Girl Friend so you will get control the mind of your boy friend by your hand and then will always do whatever you desire.

5)― Vashikaran Anushthan for Control Husband, (our service)
If you are married from long time and now you are feeling that your husband is ignoring you and taking interest in other women. Than you have to immediately use our service vashikaran anushthan for control husband it will help you to taking the control of your husband in your hand, so your husband will live with you always with commitment. Vashikaran anushthan for control husband is very effective and powerful

6)― Vashikaran Anushthan for Control Same Sex/ Gay, (our service)
GAY VASHIKARAN SPELLS Attracted To Someone of The Same Sex?
Are you enamored with one particular person, someone you know in your heart is perfectly right for you? But feelings and interest in you is not being reciprocated? And your fondest wish is for them to love you the way you are capable of loving them?
Guru Ji can cast a Gay Love Spell for you, making spiritual contact with this very special person - to convey your dreams, your desires, your love. And if there is a possibility that they could be interested in you, this spell could dramatically intensify their feelings toward you.

यदि आप किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं तो बस संपर्क करें, क्योंकि केवल एक कॉल आपका जीवन बदल सकता है।
Call or Whats App for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 2100/-

ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान

सभी को किसी न किसी को वश में करना होता है। कर्मचारी चाहता है कि उसका बॉस उसके वश में हो, और जब चाहें उसे छुट्टी मिल जाए….. पत्नी सोचती है पति वश में रहें, यही सोच पति की भी होती है….. कोई सोचता है/ सोचती है कि मेरे सभी दोस्त मेरे वश में हो, और जो मैं बोलूं सभी वैसा ही करें…… लड़कों को लड़कियों को वश में करना होता है और लड़कियों को लड़के अपने वश में चाहिए….. व्यापारी चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा ग्राहक मेरे वश में हो, और उसके ग्राहक पड़ोसियों के पास न जाएं….. प्रेम विवाह करने वाले सोचते है कि उनके घर वाले उनके वश में हो, और उनकी शादी में कोई रुकावट न डाले….. माता-पिता सोचते हैं कि उनकी संतान उनके कहने से बाहर न हो, और उनके बताए गये अच्छे रास्तों को छोड़कर गलत रास्ते पर न जाएं। सामान्यतः ऐसी ही सोच सभी की होती है।


वशीकरण क्या है…..?
यही कि जो आप चाहें…..वह ही हो जाए।

वशीकरण का मतलब होता है किसी को अपने अनुकूल कर लेना। अगर प्रेमी या प्रेमिका मन बदल गया हो, या विवाह करने को राजी न हो रहे हो।
या कोई अधिकारी आपके विरोध में कार्य कर रहा हो।
या परिवार में कोई सदस्य गलत रास्ते पर जा रहा हो, तो ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान के प्रयोग से उसका मन बदला जा सकता है।

सामन्यतः यह देखा जाता है कि पति पत्नी, सगे सम्बन्धियों, अभिन्न मित्रों में किसी न किसी बात पर मत्तभेद हो ही जाते हैं, सम्बन्धों के टूटने की नौब्बत भी आ जाती है, या बहुत ही गहरे सम्बन्ध टूट जाते है।
या आप किसी पुरुष या स्त्री को प्रभावित करना चाहते हैं परन्तु वह आपकी तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है/ देती है।
या आपका कोई काम किसी व्यक्ति/अधिकारी/ या विभाग में फंसा हो और उस काम के आपके पक्ष में न होने से आपको बहुत हानि हो सकती है, आपको अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है।
या आप किसी को सच्चे दिल से चाहते हैं और उसके साथ विवाह करना चाहते हैं, यह आपके पूरे जीवन का पक्ष प्रश्न हैं, ऐसे कार्यों में ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान के प्रयोग से बडे़ आराम से तुरन्त सफलता हासिल की जा सकती है।
या आपके द्वारा दिये गये पैसे किसी के पास फस चुके हैं और आप चाहते हैं कि बिना वाद विवाद किये आपका काम हो जाएं तो ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान का प्रयोग करवाना आपके लिए 100% फायदेबन्द साबित होगा।

ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान को घर बैठे आपके द्वारा जानकारी बताकर करवाने और इस अनुष्ठान की दक्षिणा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारे मोबाइल नम्बर 9953255600 (For India) और +919953255600 (For Outside India) पर कॉल करें या व्हाट्सएप्प पर इसी नम्बर पर मेसेज करें।
Call or WhatsApp for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 2100/-

Call or WhatsApp for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 2100/-

माँ दुर्गा के अति शक्तिशाली 32 नाम VERY POWERFULL 32 DURGA NAME

 माँ दुर्गा के अति शक्तिशाली 32 नाम VERY POWERFULL 32 DURGA NAME         

माँ दूर्गा के ३२ नाम


दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS

प्रात: स्नान करने के बाद माँ दुर्गा को रोली का लाल तिलक लगाकर, लाल फूल, गुड़, शहद लौंग, इलाइची चढ़ाकर, धूप अगरबत्ती जलाकर लाल आसान पर बैठकर इन नामो का जाप करने से तेज और आत्मबल बढ़ता है, मन से किसी भी प्रकार का भय दूर होता है शत्रु निस्तेज होने लगते है।

It is also suggested that one can do havan of this naam mala with 32 aahutis with different names during the festival of Navratras, like Om Maa Durga Swaha| Om Maa Durgartishamni Swaha|| and so on.. You can do this naam mala 108 times or 9 times as per your capability or will. If you just wish to do it one time only, I would suggest you to do 108 names of Maa too.


Sanskrit Name

  English Name

Meaning

1
दुर्गा
Durga
The reliever of difficulties
2
दुर्गातिशमनी
Durgartishamani
Who puts difficulties at peace
3
दुर्गापद्धिनिवारिणी
Durgapaddhinivarini
Dispeller of difficult adversities
4
दुर्गमच्छेदनी
Durgamachchhedani
Who cuts down difficulty
5
दुर्गसाधिनी
Durgasadhini
The performer of discipline to expel difficulties
6
दुर्गनाशिनी
Durganashini
The destroyer of difficulty
7
दुर्गतोद्धारिणी
Durgatoddharini
Who holds the whip of difficulties
8
दुर्गनिहन्त्री
Durganihantri
Who sends difficulties to Ruin
9
दुर्गमापहा
Durgamapaha
Who measures difficulties
10
दुर्गमज्ञानदा
Durgamagyanada
Who makes difficulties unconscious
11
दुर्गदैत्यलोकदवानला
Durgadaityalokadavanala
Who destroys the world of difficult thoughts
12
दुर्गमा
Durgama
The mother of difficulties
13
दुर्गमालोका
Durgamaloka
The perception of difficulties
14
दुर्गमात्मस्वरूपिणी
Durgamatmaswarupini
The intrinsic nature of the soul of difficulties
15
दुर्गमार्गप्रदा
Durgamargaprada
Who searches through the difficulties
16
दुर्गमविद्या
Durgamavidya
The knowledge of difficulties
17
दुर्गमाश्रिता
Durgamashrita
The extrication from difficulties
18
दुर्गमज्ञानसंस्थाना
Durgamagyanasamsthana
The continued existence of difficulties
19
दुर्गमध्यानभासिनी
Durgamadhyanabhasini
Whose meditation remains brilliant when in difficulties
20
दुर्गमोहा
Durgamoha
Who deludes difficulties
21
दुर्गमगा
Durgamaga
Who resolves difficulties
22
दुर्गमार्थस्वरूपिणी
Durgamarthaswarupini
Who is the intrinsic nature of the object of difficulties
23
दुर्गमासुरसंहन्त्रि
Durgamasurasamhantri
The annihilator of the egotism of difficulties
24
दुर्गमायुधधारिणी
Durgamayudhadharini
Bearer of the weapon against difficulties
25
दुर्गमांगी
Durgamangi
The refinery of difficulties
26
दुर्गमता
Durgamata
Who is beyond difficulties
27
दुर्गम्या
Durgamya
This present difficulty
28
दुर्गमेश्वरी
Durgameshwari
The empress of difficulties
29
दुर्गभीमा
Durgabhima
Who is terrible to difficulties
30
दुर्गभामा
Durgabhama
The lady to difficulties
31
दुर्गभा
Durgabha
The illuminator of difficulties
32
दुर्गदारिणी
Durgadarini
Who cuts off difficulties

।। दुर्गा द्वात्रिंशन्नाममाला ।।

यदि कोई व्यक्ति कभी किसी घोर संकट में फंस गया हो उसको सभी मदद के दरवाजे बंद नजर आ रहे हो अगर उसकी खुद की परछाई भी उसका साथ ना दे पा रही हो ऐसे सर्वथा विपरीत परिस्तिथि में भी अगर वह माँ भगवती के शरण में चला जाये और यह उनकी दुर्गा द्वात्रिंशन्नाममाला अर्थात माँ दुर्गा के अति शक्तिशाली 32 नामों का जप नियमपूर्वक करें तो उसकी निश्चित ही सभी शत्रुओ से रक्षा हो जाती है ।

इस उपाय के बारे में स्वयं माँ दुर्गा ने कहा है की ’’जो मानव नित्य मेरे इन नामों का उच्चारण करेगा वह हर शत्रु हर प्रकार के भय से हमेशा मुक्त रहेगा। "
माँ दुर्गा के इन नामो का जप पूर्ण श्रद्धा से करना चाहिए और मन में किसी भी प्रकार की शंका नहीं होनी चाहिए । 


माँ दुर्गा के 108 नाम MAA DURGA 108 NAME WITH MEANING


1. सती  : अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली
2. साध्वी : आशावादी
3. भवप्रीता : भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली
4. भवानी : ब्रह्मांड की निवास
5. भवमोचनी :  संसार बंधनों से मुक्त करने वाली
6. आर्या : देवी
7. दुर्गा :  अपराजेय
8. जया : विजयी
9. आद्य : शुरूआत की वास्तविकता
10. त्रिनेत्र : तीन आँखों वाली
11. शूलधारिणी : शूल धारण करने वाली
12. पिनाकधारिणी : शिव का त्रिशूल धारण करने वाली
13. चित्रा : सुरम्य, सुंदर
14. चण्डघण्टा : प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली
15. महातपा : भारी तपस्या करने वाली
16. मन  : मनन- शक्ति
17. बुद्धि : सर्वज्ञाता
18. अहंकारा : अभिमान करने वाली
19. चित्तरूपा : वह जो सोच की अवस्था में है
20. चिता :  मृत्युशय्या
21. चिति : चेतना
22. सर्वमन्त्रमयी : सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली
23. सत्ता : सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है
24. सत्यानन्दस्वरूपिणी : अनन्त आनंद का रूप
25. अनन्ता :  जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं
26. भाविनी :  सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत
27. भाव्या :  भावना एवं ध्यान करने योग्य
28. भव्या :  कल्याणरूपा, भव्यता के साथ
29. अभव्या  : जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं
30. सदागति :  हमेशा गति में, मोक्ष दान
31. शाम्भवी :  शिवप्रिया, शंभू की पत्नी
32. देवमाता : देवगण की माता
33. चिन्ता : चिन्ता
34. रत्नप्रिया : गहने से प्यार
35. सर्वविद्या : ज्ञान का निवास
36. दक्षकन्या : दक्ष की बेटी
37. दक्षयज्ञविनाशिनी : दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली
38. अपर्णा : तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली
39. अनेकवर्णा : अनेक रंगों वाली
40. पाटला : लाल रंग वाली
41. पाटलावती : गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली
42. पट्टाम्बरपरीधाना : रेशमी वस्त्र पहनने वाली
43. कलामंजीरारंजिनी : पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली
44. अमेय : जिसकी कोई सीमा नहीं
45. विक्रमा : असीम पराक्रमी
46. क्रूरा : दैत्यों के प्रति कठोर
47. सुन्दरी : सुंदर रूप वाली
48. सुरसुन्दरी : अत्यंत सुंदर
49. वनदुर्गा : जंगलों की देवी
50. मातंगी : मतंगा की देवी
51. मातंगमुनिपूजिता : बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय
52. ब्राह्मी : भगवान ब्रह्मा की शक्ति
53. माहेश्वरी : प्रभु शिव की शक्ति
54. इंद्री : इन्द्र की शक्ति
55. कौमारी : किशोरी
56. वैष्णवी : अजेय
57. चामुण्डा : चंड और मुंड का नाश करने वाली
58. वाराही : वराह पर सवार होने वाली
59. लक्ष्मी : सौभाग्य की देवी
60. पुरुषाकृति : वह जो पुरुष धारण कर ले
61. विमिलौत्त्कार्शिनी : आनन्द प्रदान करने वाली
62. ज्ञाना : ज्ञान से भरी हुई
63. क्रिया : हर कार्य में होने वाली
64. नित्या : अनन्त
65. बुद्धिदा : ज्ञान देने वाली
66. बहुला : विभिन्न रूपों वाली
67. बहुलप्रेमा : सर्व प्रिय
68. सर्ववाहनवाहना : सभी वाहन पर विराजमान होने वाली
69. निशुम्भशुम्भहननी : शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली
70. महिषासुरमर्दिनि : महिषासुर का वध करने वाली
71. मधुकैटभहंत्री : मधु व कैटभ का नाश करने वाली
72. चण्डमुण्ड विनाशिनि : चंड और मुंड का नाश करने वाली
73. सर्वासुरविनाशा : सभी राक्षसों का नाश करने वाली
74. सर्वदानवघातिनी : संहार के लिए शक्ति रखने वाली
75. सर्वशास्त्रमयी : सभी सिद्धांतों में निपुण
76. सत्या : सच्चाई
77. सर्वास्त्रधारिणी : सभी हथियारों धारण करने वाली
78. अनेकशस्त्रहस्ता : हाथों में कई हथियार धारण करने वाली
79. अनेकास्त्रधारिणी : अनेक हथियारों को धारण करने वाली
80. कुमारी : सुंदर किशोरी
81. एककन्या : कन्या
82. कैशोरी : जवान लड़की
83. युवती : नारी
84. यति : तपस्वी
85. अप्रौढा : जो कभी पुराना ना हो
86. प्रौढा : जो पुराना है
87. वृद्धमाता : शिथिल
88. बलप्रदा : शक्ति देने वाली
89. महोदरी : ब्रह्मांड को संभालने वाली
90. मुक्तकेशी : खुले बाल वाली
91. घोररूपा : एक भयंकर दृष्टिकोण वाली
92. महाबला : अपार शक्ति वाली
93. अग्निज्वाला : मार्मिक आग की तरह
94. रौद्रमुखी : विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा
95. कालरात्रि : काले रंग वाली
96. तपस्विनी : तपस्या में लगे हुए
97. नारायणी : भगवान नारायण की विनाशकारी रूप
98. भद्रकाली :  काली का भयंकर रूप
99. विष्णुमाया : भगवान विष्णु का जादू
100. जलोदरी : ब्रह्मांड में निवास करने वाली
101. शिवदूती : भगवान शिव की राजदूत
102. करली   : हिंसक
103. अनन्ता : विनाश रहित
104. परमेश्वरी : प्रथम देवी
105. कात्यायनी : ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय
106. सावित्री : सूर्य की बेटी
107. प्रत्यक्षा : वास्तविक
108. ब्रह्मवादिनी : वर्तमान में हर जगह वास करने वाली

Sunday, March 26, 2017

मंत्र ऊत्किलन विधि MANTR UTKILAN VIDHI

मंत्र ऊत्किलन विधि MANTR UTKILAN VIDHI


दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS


वशीकरण कर्म के समय उचित आसन में बैठ कर उचित दिशा की ओर मुख करके अंगूठे एवं मध्यमा अंगुली का प्रयोग कर मंत्र जप करना चाहिए हैं,,, यथा संभव मंत्र का जप बुदबुदाते हुए ( उपांशु जप ) करना चाहिए हैं। वशीकरण के मंत्र मूल रूप से किलित मंत्र होते हैं,,,,,, इसी कारण से वशीकरण के मंत्रो का पहले ऊत्किलन किया जाना चाहिए हैं,,

मंत्र ऊत्किलन के लिए जिस मंत्र का जप करना हो उसे अश्त्गंधा द्वारा भोजपत्र पर लिख कर धूप, दीप, नैवैध आदि से पूजन करें,,,,, फिर एक ताम्बे के पात्र मैं इस भोजपत्र को रख कर उस पर जल डालते हुए मंत्र का जप करें। 108 बार जप पूरा होने तक ये प्रक्रिया करें। इस प्रकार मंत्र का ऊत्किलन हो जाता हैं एवं यह मंत्र आपके लिए वशीकरण प्रयोग के लिए उपलब्ध हो जाता हैं, एक विशेष बात प्रचलित शाबर मन्त्रों को कीसी प्रकार के ऊत्किलन की आवश्यकता नहीं होती हैं


सिद्ध बाबा बालक नाथ साधना

सिद्ध बाबा बालक नाथ साधना SIDH BABA BALAKNATH SADHNA

दक्षिणा 2100 /- ज्योतिष तंत्र मंत्र यंत्र टोटका वास्तु कुंडली हस्त रेखा राशि रत्न,भूत प्रेत जिन जिन्नात बुरे गंदे सपने का आना, कोर्ट केस, लव मैरिज, डाइवोर्स, वशीकरण पितृ दोष कालसर्प दोष चंडाल दोष गृह क्लेश बिजनस विदेश यात्रा, अप्सरा परी साधना, अघोर साधनायें , समशान तांत्रिक साधनायें, सास बहु, सास ससुर, पति पत्नी, जेठ जेठानी, देवर देवरानी, नन्द नन्दोई, साला साली, सभी झगड़े विवाद का हल व वशीकरण कार्य किया जाता है      



Contact 9953255600


JYOTISH TANTRA MANTRA YANTRA TOTKA VASTU GHOST BHUT PRET JINNAT BAD DREAMS BURE GANDE SAPNE COURT CASE LOVE AFFAIRS, LOVE MARRIAGE, DIVORCEE PROBLEM, VASHIKARAN, PITR DOSH, MANGLIK DOSH, KAL SARP DOSH, CHANDAL DOSH, GRIH KALESH, BUSINESS, VIDESH YATRA, JNMPATRI, KUNDLI, PALMISTRY, HAST REKHA, SOLUTIONS


हिमाचल और उसके आस पास के इलाके को सिद्ध बाबा बालक नाथ का गढ़ माना जाता है । बाबा बालक नाथ जी की जितनी उपासना हिमाचल और उसके साथ लगते पंजाब में की जाती है उतनी शायद किसी और इलाके में नहीं होती । हिमाचल और पंजाब के पहाड़ी क्षेत्र में केवल मिथिहास प्रचलित है पर सिद्ध गोष्टी और सिद्धो की परम्परा इसे नहीं मानती । बाबा बालक नाथ का जन्म पंजाब के नवाशहर में हुआ था । उनकी माता का नाम यशोदा और पिता का नाम दुर्गादत्त था । वे भार्गव ब्रह्मण थे । सिद्ध बाबा बालकनाथ का बचपन का नाम दीवट था । इसलिए आज भी कुछ लोग उन्हें दीवट सिद्ध बाबा बालक नाथ कहते है । उनके माता पिता ने जब उनकी शादी का फैसला किया तो वे शादी के डर से घर से भाग गए और पूर्वजन्म के संस्कारो से योग की तरफ आकर्षित हुए । एक बार उन्होंने गुरु गोरखनाथ जी के दर्शन किये । जब उनके पीछे चेलों की लम्बी भीड़ देखी तो हैरान हो गए उन चेलों में कुछ राजकुमार भी थे । बाबा बालकनाथ जी ने सोचा इन्हें ही गुरु बनाऊंगा । लेकिन वे किसी बालक को अपना शिष्य नहीं बनाते थे । बाबा बालकनाथ जी जब उनके दर्शनों के लिए गए तो गुरु गोरख नाथ उन्हें शिष्य बनाने से मना कर दिया और कहा फिर कभी आपको शिष्य बनाने के लिए विचार करेगे । ऐसा कहकर गुरु गोरखनाथ जी आगे चले गए । सिद्ध बाबा बालकनाथ जी माँ भवानी और शिव की सेवा करते थे । एक दिन उन्हें माँ भवानी के दर्शन हुए । माँ भवानी ने उन्हें कहा शिवरुपी गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य बनना चाहते हो चिंता न करो मै आपको एक रास्ता बताती हूँ । एक बार राजा भरथरी ने जब सन्यास धारण किया तो वे दत्तात्रेय जी की शरण में गए और उनसे कहा मै पूर्ण योगी बनना चाहता हूँ और अमर होना चाहता हूँ । तब भगवान दत्तात्रेय ने कहा जगत का कल्याण करने के लिए भगवान शिव ने स्वयं गुरु गोरखनाथ रूप में अवतार लिया है । आप उनकी शरण में जाये और कहे मै दत्तात्रेय का शिष्य हूँ और आपसे योग सिखने आया हूँ । ऐसा कहकर उनसे दोबारा दीक्षा ले और योग साधना सीखे । जब भरथरी जी गुरु गोरखनाथ जी से मिले और बताया की मै दत्तात्रेय का शिष्य हूँ तो गुरु गोरखनाथ ने उन्हें आई पंथ में दीक्षित किया और गोरक्ष आखाडा हरिद्वार में जो भरथरी गुफा है उस जगह रहकर भरथरी जी ने तप किया और तीन ग्रंथो की रचना की वैराग्य शतक, श्रृंगार शतक और नीति शतक । आज भी भरथरी जी गुरु गोरखनाथ जी के साथ भ्रमण करते है । मतलब गुरु गोरखनाथ जी राजा भरथरी के शिक्षा गुरु है । आपको भी ऐसा ही करना है आप दत्तात्रेय जी की शरण में जाये । मै आपको उड़ने की शक्ति प्रदान करती हूँ । सिद्ध बाबा बालकनाथ जी उड़ते हुए गिरनार पर्वत जा पहुचे और भगवान दत्तात्रेय जी के दर्शन किये और अपनी इच्छा व्यक्त की दत्तात्रेय जी ने उन्हें "ॐ नमः शिवाय" इस मन्त्र को जपने की आज्ञा दी । सिद्ध बाबा बालकनाथ जी वापिस आ माँ रत्नों की गाये चराने लगे और सारा दिन इस मन्त्र का जाप करने लगे । इसी प्रकार 12 साल बीत गए । एक दिन सभी गाये जमींदारो के खेत खा गयी और जमींदारो ने माँ रत्नों को बुरा भला कहा । माँ रत्नों ने जाकर बाबा बालकनाथ जी से कहा मै तुम्हे 12 वर्ष से रोटिया और लस्सी पिला रही हूँ । तुम उसके बदले में गाये भी ठीक से नहीं चराते । गाये जमींदारो के खेत खा गयी । बाबा बालकनाथ जी ने कहा उन जमींदारो के खेत तो हरे भरे है जाकर देख आओ । जब उन्होंने खेतो को देखा तो खेत पहले से भी अधिक हरे भरे थे । माँ रत्नों को अपने कहे पर बहुत पछतावा हुआ । तब अपने पास खड़े वट वृक्ष की तरफ बाबाजी ने इशारा किया तो उसमे 12 साल की रोटीया और लस्सी थी और उन्होंने माता रत्नों से कहा यह रही आपकी 12 साल की रोटीया और लस्सी और इतना कहकर बाबाजी ने वे स्थान छोड़ दिया । एक दिन गुरु गोरखनाथ जी उस नगरी आये जिस जगह बाबा बालकनाथ जी विराजमान थे । तब बाबा बालकनाथ ने विचार किया इनके साथ चमत्कार करूँगा । अगर वे मुझे पकड़ने में कामयाब हो गए तो इन्हें अपना गुरु मान लूँगा । यह सोचकर बाबा बालकनाथ जी उनसे मिलने गए और शिष्य बनाने के लिए प्रार्थना की । पहले गुरु गोरखनाथ जी ने उन्हें समझाया और कहा नाथ पंथ बहुत कठिन है । खांडे की धार है । पर जब वे नहीं माने तो उन्हें शिष्य बनाने के लिए राजी हो और जब उनके कान छेदन करने वाले थे । तब बाबा बालकनाथ जी हवा में उड़ गए । यह देखकर गुरु गोरखनाथ जी ने अपनी वाम भुजा को बड़ा किया और बाबा बालकनाथ जी को पकड़ कर नीचे उतार लिया और कहा यदि कोई और शंका मन में हो तो वे भी निकाल लो मैंने तुम्हे भागने का मौका दिया था पर तुम नहीं भागे । अब जिसे याद करना हो कर लो अब तो तुम्हे शिष्य बनना ही पड़ेगा । यह सुनकर बाबा बालकनाथ जी ने कहा गुरुदेव आपके सिवा कोई याद करने लायक नहीं है । आप चाहे बंधन में रखकर कान छेदन कर दे या बिना बंधन के । इतना सुन गुरु गोरखनाथ जी ने उन्हें बन्धनों से मुक्त कर दिया और उनके कान छेदन कर दिए । आज भी उनके स्थान पर भारी मेला लगता है और हजारो लोगो की मुरादे पूरी होती है ।

मन्त्र :-


॥ बालकनाथ बाबा गुफा वालेया तेरी सदा ही जय
थोडा वालेया तेरी तेरी सदा ही जय
बालक रिशीया धारी आया शरण तुम्हारी
जगत गुरु पृथ्वी के धनी तेरे नाम की ओट
विरध की लाज नाल हमेती हो तुसी
नाम घुमंडी तुसी हो बनखंडी रख बाने की लाज ॥

विधि :- 

एक साफ़ सुथरी जगह तलाश करे विशेष रूप से वड़ वृक्ष हो तो उसके निचे शिवलिंग की स्थापना करे । उसी स्थान पर बाबा बालकनाथ जी का चिमटा और खडाऊ स्थापित करे और घी की ज्योत जगाये और इस मन्त्र की 5 माला रात्रि में करे । ऐसा 43 दिन करे । यह साधना किसी भी रविवार से शुरू की जा सकती है । हर रविवार को दो रोट लगाये । एक बाबा बालकनाथ जी के नाम से और एक गुरु गोरखनाथ जी के नाम से और साथ में दूध लेकर गुरु गोरखनाथ जी और बाबा बालकनाथ जी को भोग लगाये । भोग लगाने के बाद बच्चों को बाँट दे । साधना के वीच में ही आपको बाबा बालकनाथ जी का दर्शन हो जायेगा । इश्वर आपकी मनोकामना पूर्ण करे और आप सबको इस साधना में सफलता प्रदान करे ॥

दुरूपयोग और गोपनीयता की दृष्टि से विधि अधूरी प्रकाशित की गई है


OUR ANUSHTHAN SEIVICES




1→ Vashikaran Anushthan for Love Marriage
2→ Vashikaran Anushthan for Love Back
3→ Vashikaran Anushthan for Lost Love Back Again
4→ Vashikaran Anushthan for Control Boy friend/Girl Friend
5→ Vashikaran Anushthan for Control Husband
6→ Vashikaran Anushthan for Control Same Sex/ Gay

Call or Whats App for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 1100/-

OUR SERVICES :-

1)― Vashikaran Anushthan for Love Marriage, (our service)
Vashikaran anushthan for love marriage vashikaran is a science of attraction and vashikaran anushthan is basically a religious process of 1 day or more than 1 day which is performed by experts to control the mind and activity of the desired person. This anushthan has the facility to regulate any individual, living any where in the world. If you want to do love marriage but your family members are against your decision. Than use our service vashikaran anushthan for love marriage. This service will help to agree your family members at your decision and you can easily do love marriage with your loving partner. Vashikaran anushthan for love marriage is very powerful and provide you good results.

2)― Vashikaran Anushthan for Love Back, (our service)
Vashikaran anushthan for love back basically use to get your love back into your life. If you are married couple and your partner leave you alone due to any reason than what will you do. You can use our vashikaran anushthan for love back service so that you can find your love and get back him/her into your life. Vashikaran anushthan basically a kind of puja which is perform under the supervision of our experts. So they will remove all the hurdles from your life and make your life happy and tension free.

3)― Vashikaran Anushthan for Lost Love Back Again, (our service)
As the name of this service vashikaran anushthan for lost love back again, it will help our client to find their love. If you are in relationship with your partner and live happy with them, but suddenly your partner go away from you due to any reason, it will cause unbearable pain in your life. If you do truly love to your partner and can not be live without him/her and wants to bring him/her back into life. Than you can use our service vashikaran anushthan for lost love back again. This service is definitely helping you and your boyfriend or girlfriend has come back again into your life.

4)― Vashikaran Anushthan for Control Boy friend, Girl Friend (our service)
If you are in relationship from a long time and now you will see that your boyfriend ignoring to you and betrayed you. Than you can use our vashikaran anushthan for control boy friend / Girl Friend so you will get control the mind of your boy friend by your hand and then will always do whatever you desire.

5)― Vashikaran Anushthan for Control Husband, (our service)
If you are married from long time and now you are feeling that your husband is ignoring you and taking interest in other women. Than you have to immediately use our service vashikaran anushthan for control husband it will help you to taking the control of your husband in your hand, so your husband will live with you always with commitment. Vashikaran anushthan for control husband is very effective and powerful

6)― Vashikaran Anushthan for Control Same Sex/ Gay, (our service)
GAY VASHIKARAN SPELLS Attracted To Someone of The Same Sex?
Are you enamored with one particular person, someone you know in your heart is perfectly right for you? But feelings and interest in you is not being reciprocated? And your fondest wish is for them to love you the way you are capable of loving them?
Guru Ji can cast a Gay Love Spell for you, making spiritual contact with this very special person - to convey your dreams, your desires, your love. And if there is a possibility that they could be interested in you, this spell could dramatically intensify their feelings toward you.

यदि आप किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं तो बस संपर्क करें, क्योंकि केवल एक कॉल आपका जीवन बदल सकता है।
Call or Whats App for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 1100/-

ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान

सभी को किसी न किसी को वश में करना होता है। कर्मचारी चाहता है कि उसका बॉस उसके वश में हो, और जब चाहें उसे छुट्टी मिल जाए….. पत्नी सोचती है पति वश में रहें, यही सोच पति की भी होती है….. कोई सोचता है/ सोचती है कि मेरे सभी दोस्त मेरे वश में हो, और जो मैं बोलूं सभी वैसा ही करें…… लड़कों को लड़कियों को वश में करना होता है और लड़कियों को लड़के अपने वश में चाहिए….. व्यापारी चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा ग्राहक मेरे वश में हो, और उसके ग्राहक पड़ोसियों के पास न जाएं….. प्रेम विवाह करने वाले सोचते है कि उनके घर वाले उनके वश में हो, और उनकी शादी में कोई रुकावट न डाले….. माता-पिता सोचते हैं कि उनकी संतान उनके कहने से बाहर न हो, और उनके बताए गये अच्छे रास्तों को छोड़कर गलत रास्ते पर न जाएं। सामान्यतः ऐसी ही सोच सभी की होती है।


वशीकरण क्या है…..?
यही कि जो आप चाहें…..वह ही हो जाए।

वशीकरण का मतलब होता है किसी को अपने अनुकूल कर लेना। अगर प्रेमी या प्रेमिका मन बदल गया हो, या विवाह करने को राजी न हो रहे हो।
या कोई अधिकारी आपके विरोध में कार्य कर रहा हो।
या परिवार में कोई सदस्य गलत रास्ते पर जा रहा हो, तो ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान के प्रयोग से उसका मन बदला जा सकता है।

सामन्यतः यह देखा जाता है कि पति पत्नी, सगे सम्बन्धियों, अभिन्न मित्रों में किसी न किसी बात पर मत्तभेद हो ही जाते हैं, सम्बन्धों के टूटने की नौब्बत भी आ जाती है, या बहुत ही गहरे सम्बन्ध टूट जाते है।
या आप किसी पुरुष या स्त्री को प्रभावित करना चाहते हैं परन्तु वह आपकी तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता है/ देती है।
या आपका कोई काम किसी व्यक्ति/अधिकारी/ या विभाग में फंसा हो और उस काम के आपके पक्ष में न होने से आपको बहुत हानि हो सकती है, आपको अपयश का सामना भी करना पड़ सकता है।
या आप किसी को सच्चे दिल से चाहते हैं और उसके साथ विवाह करना चाहते हैं, यह आपके पूरे जीवन का पक्ष प्रश्न हैं, ऐसे कार्यों में ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान के प्रयोग से बडे़ आराम से तुरन्त सफलता हासिल की जा सकती है।
या आपके द्वारा दिये गये पैसे किसी के पास फस चुके हैं और आप चाहते हैं कि बिना वाद विवाद किये आपका काम हो जाएं तो ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान का प्रयोग करवाना आपके लिए 100% फायदेबन्द साबित होगा।

ऑनलाइन वशीकरण अनुष्ठान को घर बैठे आपके द्वारा जानकारी बताकर करवाने और इस अनुष्ठान की दक्षिणा के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप हमारे मोबाइल नम्बर 9953255600 (For India) और +919953255600 (For Outside India) पर कॉल करें या व्हाट्सएप्प पर इसी नम्बर पर मेसेज करें।
Call or WhatsApp for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 1100/-

Call or WhatsApp for Consultation at: 9953255600 (For India) or +919953255600 (For outside India)
Consultation  Charges 2100/-

विशेष सुचना

( जो भी मंत्र तंत्र टोटका इत्यादि ब्लॉग में दिए गए है वे केवल सूचनार्थ ही है, अगर साधना करनी है तो वो पूर्ण जानकार गुरु के निर्देशन में ही करने से लाभदायक होंगे, किसी भी नुक्सान हानि के लिए प्रकाशक व लेखक जिम्मेदार नहीं होगा। )