वीर बुलाकी मसान
वीर बुलाकी बाबा की क्रपा पाने एवं मनोकामना पूर्ति हेतु साधना !
मन्त्र :
सरपर सरपर करे कालका
भडभड करे वीर बुलाकी मसान.
नाचती आए जोगनी
खेलता आऐ वीर बुलाकी मसान.
अमुक कारज सिद्ध कर
कमाल खान सय्यद की आन
काली के चक्र की आन
मा फूला की आन
आन गुरू गोरखनाथ की
चले मन्त्र शब्द सच्चा
सत्यनाम आदेश गुरू को
भडभड करे वीर बुलाकी मसान.
नाचती आए जोगनी
खेलता आऐ वीर बुलाकी मसान.
अमुक कारज सिद्ध कर
कमाल खान सय्यद की आन
काली के चक्र की आन
मा फूला की आन
आन गुरू गोरखनाथ की
चले मन्त्र शब्द सच्चा
सत्यनाम आदेश गुरू को
विधी
यह विधि केवल गुरु द्वारा दीक्षित भगत करें जिन्होने देव रूप में लौंग बीडा लिया हो !
साधना २१ से ४१ दिन की है.
देवता से अधिकतम ७ वें दिन से परचा मिलना शुरु हो जाएगा.
साधना २१ से ४१ दिन की है.
देवता से अधिकतम ७ वें दिन से परचा मिलना शुरु हो जाएगा.
नित्य पूजन सामग्री -
१ बूदी का लड्डू
२ बरफी
२ पान का पत्ते
१ जायफल
१ सुपारी
१२ लौंग
११ बताशे
१ शराब की बोतल अथवा १ पव्वा
थोडी सुअर की कलेजी
थोड़ी बकरे की कलेजी
थोडा हनुमानी पीला सिन्दूर
७ सादी हरी चूडिया
थोडे साबुत उडद के दाने.
सर्वप्रथम गुरू को संतुष्ट कर आग्या लें
फिर अमावस के बाद पहलै बुधवार को गणैश देवता को भेट पूजा दें.
बाद इसके गुरुवार को सैय्यद कमाल खां को भेंट पूजा दे कर संतुष्ट करे.
तदपुरात शनिवार से साधना आरंभ करें.
एकात साधना स्थल में धूप दीप कर पूजन सामग्री सामने रखे.
एक लोटे मे जल भर कर उस मे १ बताशा डाल दे.
मिट्टी के कोरे सिकोरे में १ लड्डू २ बरफी १ पान का पता ५ बताशे रखे.
लड्डू में २ लौंग और इत्र का फाहा लगा दें.
मन्त्र को बिना गिनती अनुमान से १ घटा जप करना है जप करते समय द्रष्टि लड्डू पर हो.
एक लोटे मे जल भर कर उस मे १ बताशा डाल दे.
मिट्टी के कोरे सिकोरे में १ लड्डू २ बरफी १ पान का पता ५ बताशे रखे.
लड्डू में २ लौंग और इत्र का फाहा लगा दें.
मन्त्र को बिना गिनती अनुमान से १ घटा जप करना है जप करते समय द्रष्टि लड्डू पर हो.
जाप रात को १० बजे के बाद करना है.
जाप के उपरांत कपूर जला कर देव को अग्नि रूपी जानकर दोनो कलेजी का भोग. जायफल सुपारी का भोग.५ बताशे का भोग. १ पान के पते का भोग.
शराब का भोग. जल का भोग.
५ लौंग का भोग अपनी मनोकामना बोलते हुए देना है.
उपरांत मिट्टी के सिकोरे में कपूर पर भोग दी हुई दोनो कलेजी रखे. थोड़ी शराब भी सिकोरै में डाल दें.
फिर वह सिकोरा घर से बाहर कहीं आक के पौधे की जड में रख आए.
सिकोरा रखने के बाद कुछ उडद के दाने मन्त्र बोलते हुए आक के पौधे पर फेंके.
जाप के उपरांत कपूर जला कर देव को अग्नि रूपी जानकर दोनो कलेजी का भोग. जायफल सुपारी का भोग.५ बताशे का भोग. १ पान के पते का भोग.
शराब का भोग. जल का भोग.
५ लौंग का भोग अपनी मनोकामना बोलते हुए देना है.
उपरांत मिट्टी के सिकोरे में कपूर पर भोग दी हुई दोनो कलेजी रखे. थोड़ी शराब भी सिकोरै में डाल दें.
फिर वह सिकोरा घर से बाहर कहीं आक के पौधे की जड में रख आए.
सिकोरा रखने के बाद कुछ उडद के दाने मन्त्र बोलते हुए आक के पौधे पर फेंके.
इस अवधि में अत्यंत सावधान रहे.
साधना के दौरान शराब. मछली. सुअर के मीट का सेवन भूल के भी ना करें.
बाबा के भगतो यह क्रिया करे और आनन्द अनुभव करें.
मन्त्र :
मनोरथ मेरा
का हा या एन स्वाद
कमाल खा का आदेश धाया
हा मीम एन सीन काफ
वीर बुलाकी पूरी कर लाया.
साधना के दौरान शराब. मछली. सुअर के मीट का सेवन भूल के भी ना करें.
बाबा के भगतो यह क्रिया करे और आनन्द अनुभव करें.
मन्त्र :
मनोरथ मेरा
का हा या एन स्वाद
कमाल खा का आदेश धाया
हा मीम एन सीन काफ
वीर बुलाकी पूरी कर लाया.
विधि :
इस मंत्र को सूर्य ग्रहण में सिद्ध किया जाता है .
और आसान के लिए काले कम्बल का प्रयोग किया जाता है
सबसे पहले त्रिकोण चौका लगाना चाहिए एक पांच ज्योति का घी का दीपक जलना चाहिए कमल खान सायद के नाम से पूर्व दिशा मे मुँह करके बैठना है , नैवैद्य मे 5 बूंदी के लडू, 2 लौंग , पीला सिन्दूर , पान , कनेर के फूल , रखे , मंत्र में लिखे जाप करे साधक को निर्वस्त्र ही ये सभी प्रक्रिया करनी है
इस साधना मे साक्षात् भी आ सकते है इसीलिए प्रबल इच्छा शक्ति के साधक ही इसका विधान करे किसी कुशल गुरु के मार्ग दर्शन में ही करे .ऊपर लिखित विधान के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है लेकिन इसको ग्रहण के बाद भी लगातार 44 दिन रोजाना कम से कम 5 माला जाप करना होता है
ब्रह्मचर्य आवश्यक है |
No comments:
Post a Comment