जानिए क्या अंतर है 'टोने' व 'टोटके' में ?
टोने-टोटके, यह शब्द हम कई बार सुनते हैं। सुनने में यह शब्द थोड़े अजीब जरुर लगते हैं लेकिन यह तंत्र शास्त्र के एक सिक्के के दो पहलू हैं बस इनकी क्रियाओं में थोड़ा अंतर है। साधारण भाषा में कहें तो दैनिक जीवन में किए जाने वाले छोटे-छोटे उपाय टोटका कहलाते हंै जबकि टोने विशेषत: समय पडऩे पर ही प्रयोग में लाए जाते हैं। वह किसी विशेष कार्य सिद्धि के लिए किए जाते हैं। जानते हैं इनके बीच क्या अंतर है-टोटका
जब हम किसी यात्रा पर जा रहे हो और अचानक कोई छींक दे तो हम थोड़ी देर रुक जाते हैं। ऐसे ही जब बिल्ली रास्ता काट जाती है तो हम थोड़ी देर रुक कर चलते हैं या रास्ता बदल लेते हैं। यात्रा पर किसी विशेष कार्य पर जाने से पहले पानी पीना या दही का सेवन करना, यह सब टोटका कहलाता है। टोटके साधारण प्रभावशाली होते हैं व इनके निराकरण भी साधारण ही होते हैं।
टोना
विशेष कार्य सिद्धि के लिए हनुमान चालीसा, गायत्री मंत्र या किसी अन्य मंत्र का जप विधि-विधान से जप करना टोना कहलाता है। किसी यंत्र अथवा वस्तु को अभिमंत्रित करके अपने पास रखना भी टोना का ही एक रूप है। टोना टोटके का ही जटिल रूप है जो किसी विशेष कार्य की सफलता के लिए पूरे विधि-विधान से किया जाता है। टोना के लिए समय, मुहूर्त, स्थान आदि सब कुछ नियत होता है।
जब टोटके करें तो इन बातों का भी ध्यान रखें
तंत्र शास्त्र में कई प्रकार के टोटके किए जाते हैं। सभी का उद्देश्य अलग-अलग होता है। उद्देश्य के अनुसार ही उन टोटकों को करने के लिए शुभ तिथि व महीना निश्चित है। यदि इस दौरान वह टोटके किए जाए तो कई गुना अधिक फल देते हैं। नीचे टोटकों से संबंधित कुछ साधारण दिशा-निर्देश दिए गए हैं। टोटके करते समय इनका ध्यान रखें-
दिशा-निर्देश
- सम्मोहन सिद्धि, देव कृपा प्राप्ति अथवा अन्य शुभ एवं सात्विक कार्यों की सिद्धि के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके टोटके किए जाते हैं।
- मान-सम्मान, प्रतिष्ठा व लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए जाने वाले टोटकों के लिए पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ होता है।
- उत्तर दिशा की ओर मुख करके उन टोटकों को किया जाता है जिनका उद्देश्य रोगों की चिकित्सा, मानसिक शांति एवं आरोग्य प्राप्ति होता है।
- रोग मुक्ति के लिए किए जाने वाले टोटकों के लिए मंगलवार एवं श्रावण मास उत्तम समय है।
- मां सरस्वती की प्रसन्नता व शिक्षा में सफलता के लिए बुधवार एवं गुरुवार तथा माघ, फाल्गुन और चैत्र मास में टोटका करना चाहिए।
- संतान और वैभव पाने के लिए गुरुवार तथा आश्विन, कार्तिक एवं मार्गशीर्ष मास में टोटकों का प्रयोग करना चाहिए।
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